केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के आंचलिक कार्यालय का ऑनलाइन उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने छत्तीसगढ़ में मादक पदार्थों की समस्या पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक के मुख्य आकर्षण:
- नशामुक्त भारत का संकल्प:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 में नशामुक्त भारत के संकल्प का हर नागरिक का संकल्प बनाना महत्वपूर्ण है।
- नशामुक्त भारत का संकल्प समृद्ध, सुरक्षित और वैभवशाली भारत के निर्माण के लिए जरूरी है।
- ड्रग्स की वैश्विक समस्या:
- ड्रग्स केवल भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक समस्या है।
- भारत में ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई को गंभीरता और पूरी रणनीति के साथ लड़ने की जरूरत है।
- ड्रग्स का अवैध व्यापार:
- अवैध ड्रग्स व्यापार राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है और आतंकवाद व वामपंथी उग्रवाद को बढ़ावा देता है।
- यह देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करता है और सुरक्षा को प्रभावित करता है।
- NCB का महत्व:
- रायपुर का NCB ज़ोनल कार्यालय राज्य और पूरे क्षेत्र में नारकोटिक्स पर नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- हर राज्य में NCB की उपस्थिति सुनिश्चित करने का लक्ष्य है।
- ड्रग्स ट्रैफिकिंग के बदलते ट्रेंड:
- ड्रग्स ट्रैफिकिंग में नैचुरल से सिथेटिक ड्रग्स की ओर बदलाव देखा जा रहा है।
- छत्तीसगढ़ में सेडेटिव और गांजा का उपयोग राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
- जांच के वैज्ञानिक तरीके:
- ड्रग्स तस्करी के मामलों की जांच में वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करने पर जोर।
- पूरे नेटवर्क को प्रभावी तरीके से ध्वस्त करने की आवश्यकता है।
- एनसीबी की उपलब्धियां:
- 2004-2014 में 1,250 केस दर्ज हुए, जबकि 2014-2024 में 4,150 केस दर्ज हुए।
- ड्रग्स की गिरफ्तारी और जप्ति में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।
- जन आंदोलन की आवश्यकता:
- प्रधानमंत्री मोदी के नशामुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जनता में जागरूकता पैदा करना जरूरी है।
- NCORD मैकेनिज़्म और वित्तीय जांच:
- NCORD मैकेनिज़्म के तहत सभी चार स्तरों पर नियमित बैठकों की आवश्यकता।
- MANAS पोर्टल का उपयोग करने की सलाह।
- ड्रग्स मामलों में वित्तीय जांच के लिए भारत सरकार की एजेंसियों की मदद लेने की सलाह।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के बार में –
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) भारत की प्रमुख कानून प्रवर्तन एजेंसी है जो मादक पदार्थों की तस्करी और अवैध पदार्थों के दुरुपयोग से निपटने के लिए जिम्मेदार है। इसकी स्थापना 1986 में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 के तहत की गई थी। यह गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
NCB के प्रमुख कार्य:
- भारत भर में नशीली दवाओं के कानून प्रवर्तन प्रयासों का समन्वय करना।
- मादक पदार्थों की तस्करी से संबंधित खुफिया जानकारी एकत्र करना और उसका विश्लेषण करना।
- ड्रग नेटवर्क को बाधित करने के लिए जांच और अभियान चलाना।
- अंतरराष्ट्रीय ड्रग अपराध से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग करना।
- नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
NCB की संरचना:
- NCB का मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- इसके पूरे भारत में विभिन्न क्षेत्रों और उप-क्षेत्रों में कार्यालय हैं।
- इसमें विभिन्न विभाग हैं, जैसे खुफिया, संचालन, प्रशासन और कानूनी।
NCB की उपलब्धियां:
- NCB ने भारत में ड्रग-संबंधित अपराधों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- इसने कई बड़े ड्रग नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है और बड़ी मात्रा में अवैध ड्रग्स जब्त की हैं।
- इसने ड्रग तस्करी से जुड़ी कई हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियां भी की हैं।
NCB के सामने चुनौतियां:
- अवैध ड्रग व्यापार की जटिलता और पैमाने के कारण NCB को महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
- उसे सीमित जनशक्ति और संसाधनों के साथ काम करना पड़ता है।
- उसे अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करों के साथ तालमेल रखने की भी जरूरत है जो लगातार अपने तौर-तरीके बदल रहे हैं।
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