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उत्तर सेंटिनल द्वीप

संदर्भ:

उत्तर सेंटिनल द्वीप: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक अमेरिकी नागरिक को उत्तर सेंटीनेल द्वीप के प्रतिबंधित आदिवासी आरक्षित क्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। यह द्वीप सेंटीनेली जनजाति का निवास स्थान है, जहां बाहरी लोगों का प्रवेश सख्त प्रतिबंधित है।

उत्तर सेंटीनेल द्वीप

उत्तर सेंटिनल द्वीप के बारे में :

  • स्थान: यह द्वीप दक्षिण अंडमान प्रशासनिक जिला के अंतर्गत आता है और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (केंद्रशासित प्रदेश, भारत) का हिस्सा है।
  • दूरी: यह पोर्ट ब्लेयर से लगभग 64 किमी पश्चिम में स्थित है।
  • जलवायु: यहां उष्णकटिबंधीय जलवायु पाई जाती है, और पूरा द्वीप घने उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्णकटिबंधीय नम चौड़ी पत्ती वाले वनों से ढका हुआ है।
  • प्राकृतिक संरचना: यह द्वीप प्रवाल भित्तियों (coral reefs) से घिरा हुआ है और यहाँ कोई प्राकृतिक बंदरगाह नहीं है।

जनसांख्यिकी:

  • यह द्वीप सेंटिनली जनजाति का निवास स्थान है, जो दुनिया की सबसे अलगथलग रहने वाली जनजातियों में से एक है।
  • आजीविका: ये लोग शिकार और वन उपज संग्रह (hunting and gathering) पर निर्भर रहते हैं। वे धनुष, बाण और भाले का उपयोग शिकार और आत्मरक्षा के लिए करते हैं।
  • संस्कृति: ये न तो कृषि करते हैं और न ही धातु निर्माण (metalworking) से परिचित हैं।
  • संवाद: इनकी भाषा अब तक अवर्गीकृत (unclassified) है, क्योंकि बाहरी लोगों के संपर्क में ये कभी नहीं आए हैं।
  • संपर्क और संरक्षण:
    • यह जनजाति बाहरी लोगों के प्रति शत्रुतापूर्ण मानी जाती है और आमतौर पर संपर्क नहीं करती।
    • 1956 में, भारत सरकार ने इस द्वीप को जनजातीय संरक्षित क्षेत्रघोषित किया और 3 समुद्री मील (6 किमी) के दायरे में बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया।
    • घुसपैठ रोकने के लिए सुरक्षा गश्त (armed patrol) तैनात की गई है।

सेंटिनली जनजाति कौन हैं?

  • यह जनजाति बाहरी दुनिया से पूरी तरह कटी हुई है और किसी भी संपर्क का कठोर विरोध करती है।
  • आजीविका: ये लोग शिकार, वन उपज संग्रह और तटीय जल में मछली पकड़कर अपना जीवन यापन करते हैं।
  • रक्षा नीति: बाहरी लोगों से संपर्क होने पर ये भाले और तीरों से हमला कर देते हैं।
  • संरक्षण और प्रतिबंध:
    • भारत सरकार ने इस द्वीप को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया है, जिससे बाहरी लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध है।
    • इसका उद्देश्य जनजाति की स्वायत्तता बनाए रखना और उन्हें उन बीमारियों से बचाना है, जिनके प्रति उनकी कोई प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता (immunity) नहीं है।
    • विशेष दर्जा: भारत सरकार ने सेंटिनली जनजाति को ‘विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह’ (PVTG – Particularly Vulnerable Tribal Groups) के रूप में सूचीबद्ध किया है।

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