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परमाणु ऊर्जा मिशन

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संदर्भ:

केंद्रीय बजट 2025-26 में परमाणु ऊर्जा मिशन के लिए ₹20,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिसका उद्देश्य स्वदेशी स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) विकसित करना और भारत की स्वच्छ ऊर्जा क्षमता व तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ाना है।

परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के लिए बजट 2024-25 में प्रमुख पहल:

परमाणु ऊर्जा मिशन (Nuclear Energy Mission)

  • परिचय:
    • छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMRs) के अनुसंधान और विकास (R&D) पर केंद्रित।
    • बजट आवंटन: ₹20,000 करोड़।
    • लक्ष्य: 2033 तक कम से कम 5 स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए और परिचालित SMRs विकसित करना।
    • निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी:
    • Bharat Small Reactors की स्थापना।
    • Bharat Small Modular Reactors के अनुसंधान और विकास।
    • नए परमाणु रिएक्टरों का विकास, जिनमें शामिल हैं:
      • हाइड्रोजन को-जेनरेशन के लिए हाई-टेम्परेचर गैस-कूल्ड रिएक्टर।
      • थोरियम संसाधनों के उपयोग हेतु मोल्टन साल्ट रिएक्टर।
  • भूमिकाएँ:
    • निजी क्षेत्र: भूमि, शीतलक जल और पूंजी प्रदान करेगा।
    • NPCIL (न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड):
      • डिजाइन, गुणवत्ता आश्वासन और संचालन-रखरखाव की जिम्मेदारी संभालेगा।
      • मौजूदा कानूनी ढांचे के तहत कार्य करेगा।

ऊर्जा क्षेत्र में सुधार (Energy-sector Reforms)

  • परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 और सिविल लायबिलिटी फॉर न्यूक्लियर डैमेज एक्ट, 2010 में संशोधन किया जाएगा ताकि:
    • परमाणु ऊर्जा मिशन को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।
    • निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा दिया जा सके।
    • परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं के विकास में सुगमता लाई जा सके।

Nuclear Energy Mission

विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन

  • लक्ष्य:
    • 2047 तक 100 गीगावॉट (GW) परमाणु ऊर्जा क्षमता प्राप्त करना।
    • कार्बन उत्सर्जन में कमी और भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए परमाणु ऊर्जा का विस्तार।
  • नीतिगत सुधार:
    • परमाणु ऊर्जा अधिनियम (Atomic Energy Act) और सिविल लायबिलिटी फॉर न्यूक्लियर डैमेज एक्ट (Civil Liability for Nuclear Damage Act) में संशोधन।
    • इससे निजी निवेश और परमाणु परियोजनाओं के कार्यान्वयन में सुगमता आएगी।

भारत की परमाणु क्षमता बढ़ाने के लिए सरकारी पहल:

  • सरकार का लक्ष्य 2031-32 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता को मौजूदा 8,180 मेगावाट से बढ़ाकर 22,480 मेगावाट करना है।
  • इस विस्तार में गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में 8,000 मेगावाट के दस रिएक्टरों का निर्माण और कमीशनिंग शामिल है।
  • सरकार ने आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम के कोव्वाडा में अमेरिका के सहयोग से 6 x 1208 मेगावाट के परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थापना को भी मंजूरी दी।

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