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पाकिस्तान 1 जनवरी, 2025 से दो साल के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का अस्थायी सदस्य बनेगा। यह पाकिस्तान का आठवां कार्यकाल है।
मुख्य बिंदु:
- अवधि: कार्यकाल: 2025-2026 (दो वर्ष)।
- सदस्यता इतिहास: यह पाकिस्तान का UNSC में आठवां अस्थायी सदस्य कार्यकाल है।
- OIC का प्रतिनिधित्व: 10 निर्वाचित सदस्यों में से आधे इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) से होंगे।
- नए सदस्य: पाकिस्तान, डेनमार्क, ग्रीस, पनामा और सोमालिया।
- स्थानापन्न देश: ये देश इक्वाडोर, जापान, माल्टा, मोज़ाम्बिक और स्विट्जरलैंड का स्थान लेंगे।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाकिस्तान की अस्थायी सदस्यता का महत्व:
पाकिस्तान का 2025-2026 के लिए UNSC का अस्थायी सदस्य चुना जाना कई महत्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाता है:
- इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) का प्रतिनिधित्व:
- पाकिस्तान की सदस्यता के साथ, चुने गए 10 में से आधे सदस्य OIC से होंगे।
- यह UNSC में इस्लामी देशों के मुद्दों पर चर्चा और निर्णय लेने में OIC के प्रभाव को दर्शाता है।
- कूटनीतिक प्रभाव:
- पाकिस्तान, अफगानिस्तान में तालिबान के साथ अपने संबंध मजबूत करने और क्षेत्रीय राजनीति में अपनी भूमिका बढ़ाने की कोशिश करेगा।
- रूस और चीन जैसे सहयोगी देशों का समर्थन उसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक बढ़त दे सकता है।
- प्रमुख मुद्दों पर फोकस:
- पाकिस्तान शांति स्थापना, मानवतावादी सहायता, गाजा और कश्मीर जैसे विवादित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है।
- आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को अपनी प्राथमिकता बताकर वह अपने देश से जुड़े आतंकवाद के मुद्दों से ध्यान हटाने का प्रयास कर सकता है।
पाकिस्तान की UNSC में रणनीति:
- भारत विरोधी अभियान:
- पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने और भारत के खिलाफ दावे पेश करने की कोशिश कर सकता है।
- UNSC में भारत की कार्रवाइयों को मानवाधिकार उल्लंघन के रूप में चित्रित करने का प्रयास संभव है।
- इस्लामोफोबिया का मुद्दा:
- पाकिस्तान इस्लामोफोबिया को आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश कर सकता है।
- OIC देशों के समर्थन से यह नैरेटिव फिर से सामने आ सकता है।
- शांति स्थापना और मानवीय सहायता: पाकिस्तान अपने शांति अभियानों और मानवीय सहायता प्रयासों को प्रमुखता से प्रस्तुत कर खुद को एक जिम्मेदार वैश्विक खिलाड़ी के रूप में दिखाना चाहेगा।
भारत के लिए संभावित चुनौतियाँ:
- बढ़ता भारत विरोधी प्रचार: पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार हनन और आतंकवाद के आरोपों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर जोर-शोर से उठाया जा सकता है।
- बहुपक्षीय सहयोग की कमी: ऐतिहासिक अनुभव को देखते हुए, पाकिस्तान के सहयोगी देशों द्वारा UNSC में भारत विरोधी प्रस्तावों का समर्थन किया जा सकता है।
- आतंकवाद के खिलाफ मुद्दों पर दबाव: पाकिस्तान खुद को आतंकवाद का शिकार दिखाकर भारत पर भी आतंकवाद समर्थक होने के आरोप लगा सकता है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC):
परिचय:
- UNSC संयुक्त राष्ट्र का एक प्रमुख अंग है, जिसकी स्थापना 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत हुई थी।
- इसका मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना है।
- इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में स्थित है।
सदस्य:
- कुल 15 सदस्य हैं: 5 स्थायी और 10 अस्थायी।
- स्थायी सदस्य: अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और यूनाइटेड किंगडम।
- अस्थायी सदस्य: 2 साल के लिए चुने जाते हैं। हर साल 5 नए अस्थायी सदस्य चुने जाते हैं।
मतदान प्रक्रिया:
- प्रत्येक सदस्य के पास एक वोट होता है।
- किसी प्रस्ताव को पारित करने के लिए 9 सदस्यों का समर्थन आवश्यक है, जिसमें 5 स्थायी सदस्यों की सहमति होनी चाहिए।
- किसी भी स्थायी सदस्य द्वारा “ना” वोट देने से प्रस्ताव खारिज हो जाता है।
विशेष भागीदारी: संयुक्त राष्ट्र के वे सदस्य जो UNSC के सदस्य नहीं हैं, विशेष मामलों में चर्चा में भाग ले सकते हैं, लेकिन उनके पास वोट देने का अधिकार नहीं होता।