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संदर्भ:
हाल ही में हिमाचल प्रदेश, भारत में स्नो लेपर्ड सर्वे के दौरान पल्लास की बिल्ली (Pallas’s cat) का पहला फोटोग्राफिक प्रमाण प्राप्त हुआ है। यह घटना भारतीय हिमालय क्षेत्र में कम-ज्ञात प्रजातियों के संरक्षण की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है। यह अद्वितीय प्रजाति के अस्तित्व का पता चलने से यह सिद्ध होता है कि हमें इन दुर्लभ और महत्वपूर्ण प्रजातियों के संरक्षण पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
पल्लास की बिल्ली (Pallas’s Cat) के बारे में:
- वैज्ञानिक नाम: पल्लास की बिल्ली को मैनुल (Otocolobus manul) भी कहा जाता है, और यह बिल्ली परिवार (Felidae) की एक छोटी, लंबे बालों वाली प्रजाति है।
- नामकरण: इसे 1776 में पीटर साइमन पल्लास द्वारा नामित किया गया था, जिन्होंने इसे रूस के लेक बायकल के पास एकत्रित किए गए नमूनों के आधार पर सबसे पहले वर्णित किया था।
- वितरण:
- यह मुख्य रूप से मध्य एशिया में पाया जाता है।
- इसके वितरण क्षेत्र में पश्चिमी ईरान, मंगोलिया, चीन, रूस (मंगोलिया और चीन की सीमा पर), कजाखिस्तान और किर्गिस्तान शामिल हैं।
- इन क्षेत्रों में यह पहाड़ी मैदानों और अर्ध-रेगिस्तानी ढलानों में निवास करता है।
- विशेषताएँ:
- यह एक नरम फर वाली प्रजाति है, जो आकार में घर की बिल्ली के समान होती है और इसका रंग हल्का सिल्वर ग्रे या हल्का भूरा होता है।
- सिर और शरीर की लंबाई 45 से 60 सेंटीमीटर (18 से 24 इंच) तक होती है, जबकि पूंछ की लंबाई 23-30 सेंटीमीटर होती है।
- वजन 5 से 3.5 किलोग्राम (5.5 से 7.7 पाउंड) के बीच होता है।
- इसे चौड़े सिर, उच्च सेट आँखों और निचे सेट कानों से पहचाना जा सकता है।
- इसकी पूंछ का अंत काले रंग में छल्ले से ढंका होता है, और कुछ व्यक्तियों के शरीर पर धुंधले, काले धब्बे होते हैं।
- इसके शरीर के निचले भाग का फर ऊपरी भाग से लगभग दोगुना लंबा होता है, जो शायद ठंडी ज़मीन पर लेटने और झुकने की आदत को दर्शाता है।
- आवास:
- इसके दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में, जहां सर्दी में ठंडे और शुष्क सर्दियां होती हैं और गर्मियों में मध्यम से कम बारिश होती है, इसका आवास प्रभावित होता है।
- इस क्षेत्र की सामान्य वनस्पति में छोटे झाड़ियाँ, सागबृश (Artemisia), फेस्टुका और स्टिपा घास शामिल हैं।
- संरक्षण स्थिति:
- IUCN रेड लिस्ट: न्यूनतम चिंता (Least Concern)
- CITES: परिशिष्ट II