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संदर्भ:
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पेपेमेंट सिस्टम रिपोर्ट, दिसम्बर 2024 प्रकाशित की है। यह रिपोर्ट भारत में विभिन्न भुगतान प्रणालियों के माध्यम से किए गए भुगतान लेन-देन के रुझानों का विश्लेषण करती है, जो पिछले पाँच कैलेंडर वर्षों (CY-2024 तक) के दौरान हुए।
पेपेमेंट सिस्टम रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष:
- डिजिटल भुगतान लेन-देन:
- 2013 में, भारत में 222 करोड़ डिजिटल लेन-देन हुए, जिनकी कुल मूल्य ₹772 लाख करोड़ थी।
- 2024 तक, डिजिटल लेन-देन की संख्या में 94 गुना वृद्धि हुई और लेन-देन का मूल्य 3.5 गुना बढ़ा।
- यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI):
- पिछले पाँच वर्षों में UPI लेन-देन की मात्रा में 74.03% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) देखी गई।
- UPI के लेन-देन के मूल्य में 68.14% की CAGR दर्ज की गई।
- क्रेडिट और डेबिट कार्ड:
- पिछले पाँच वर्षों में क्रेडिट कार्ड की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है।
- डेबिट कार्ड की संख्या में पिछले पाँच वर्षों में स्थिरता रही है।
- वैश्विक रुझान:
- भारत ने प्रोजेक्ट नेक्सस से जुड़कर ASEAN देशों (मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड) के फास्ट पेमेंट सिस्टम (FPS) को आपस में जोड़ दिया है।
- प्रोजेक्ट नेक्सस, जिसे बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) ने प्रस्तुत किया, घरेलू FPS को जोड़कर तत्काल सीमा-पार खुदरा भुगतान को सक्षम बनाता है।
भारत में भुगतान प्रणाली:
परिभाषा: भुगतान प्रणाली वे तंत्र हैं जो मौद्रिक और वित्तीय लेन-देन के निपटान और समाशोधन को सुगम बनाने के लिए स्थापित किए गए हैं।
भारत में भुगतान प्रणाली का नियमन:
- पेमेंट्स एंड सेटलमेंट सिस्टम्स एक्ट, 2007 (PSS एक्ट):
- यह एक्ट RBI को भारत में भुगतान प्रणाली को विनियमित और पर्यवेक्षण करने का अधिकार प्रदान करता है।
- इसके तहत, RBI को निम्नलिखित को लाइसेंस/अनुमोदन जारी करने का अधिकार है:
- क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL)
- एनपीसीआई (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया)
- कार्ड भुगतान नेटवर्क और एटीएम नेटवर्क
- भुगतान और निपटान प्रणाली के नियमन और पर्यवेक्षण के लिए बोर्ड (BPSS):
- यह RBI द्वारा PSS एक्ट के तहत स्थापित भुगतान प्रणाली पर सर्वोच्च नीति-निर्धारण निकाय है।
- अध्यक्ष: RBI गवर्नर
- उपाध्यक्ष: DPSS (भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग) के प्रभारी डिप्टी गवर्नर।
निष्कर्ष:
भारतीय भुगतान प्रणाली ने पिछले कुछ वर्षों में अभूतपूर्व विकास किया है, विशेषकर डिजिटल भुगतान में। UPI की सफलता ने भारत को वैश्विक मंच पर एक अग्रणी भुगतान प्रणाली बनवाया है। इसके अलावा, प्रोजेक्ट नेक्सस जैसी पहल भारत को ASEAN देशों के साथ सिमल्टेनियस क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट में एकीकृत करती है, जो भविष्य में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।