संदर्भ:
भारतीय सरकार प्लास्टिक प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इसके तहत “प्लास्टिक पार्क स्थापित करने की योजना (Plastic Park Scheme)” के अंतर्गत रसायन और पेट्रो-रसायन विभाग अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है, जो देश के डाउनस्ट्रीम प्लास्टिक प्रसंस्करण क्षेत्र को सशक्त बनाने में सहायक होगा।
प्लास्टिक पार्क योजना (Plastic Park Scheme):
- परिभाषा (Definition):यह एक विशेष औद्योगिक क्षेत्र होता है, जिसे प्लास्टिक से जुड़ी कंपनियों और उद्योगों के लिए विकसित किया जाता है।
- उद्देश्य (Objectives):
- प्लास्टिक प्रोसेसिंग इंडस्ट्री की क्षमताओं को एकीकृत करना।
- निवेश, उत्पादन, और निर्यात (export) को बढ़ावा देना।
- रोजगार के नए अवसर सृजित करना।
- पर्यावरणीय पहल (Environmental Initiatives): ये पार्क अपशिष्ट प्रबंधन (waste management) और पुनर्चक्रण (recycling) के ज़रिए पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ विकास (sustainable growth) को भी प्रोत्साहित करते हैं।
प्लास्टिक पार्क योजना के लक्ष्य और उद्देश्य:
- पृष्ठभूमि (Background): भारत प्लास्टिक निर्यात में विश्व में 12वें स्थान पर है। 2014 से 2022 के बीच यह उद्योग तेजी से बढ़ा — निर्यात मूल्य $8.2 मिलियन से बढ़कर $27 मिलियन हुआ। इस वृद्धि में सरकार की “Plastic Parks Scheme” का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
- योजना के उद्देश्य (Objectives of the Scheme):
- प्रतिस्पर्धात्मकता और मूल्य संवर्धनको बढ़ावा देना — आधुनिक अनुसंधान व नवाचार (R&D) द्वारा प्लास्टिक प्रोसेसिंग क्षेत्र को मजबूत करना।
- निवेश आकर्षित करना— बेहतर बुनियादी ढांचे और उत्पादन क्षमता के माध्यम से बड़े निवेश को आमंत्रित करना।
- पर्यावरणीय दृष्टि से सतत विकास— कचरा प्रबंधन और पुनर्चक्रण में नवीन पद्धतियों का उपयोग कर हरित विकास को प्रोत्साहन देना।
- क्लस्टर विकास दृष्टिकोण— संसाधनों का कुशल उपयोग और सामूहिक लाभ प्राप्त करना।
- लक्ष्य: वैश्विक प्लास्टिक बाजार में भारत की स्थिति को मजबूत करना, साथ ही टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल औद्योगिक प्रगति सुनिश्चित करना।
सरकार के प्रयास:
- रसायन और पेट्रोकेमिकल विभाग एक योजना लागू कर रहा है जिसके तहत आवश्यकता-आधारितप्लास्टिक पार्क स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें आधुनिक अवसंरचना और साझा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
- यह योजनाक्लस्टर विकास दृष्टिकोण (cluster development approach) पर आधारित है, जिससे घरेलू प्लास्टिक प्रोसेसिंग उद्योग की क्षमताओं को मजबूत किया जा सके।
योजना के उद्देश्य:
- प्लास्टिक क्षेत्र मेंनिवेश (investment), उत्पादन (production) और निर्यात को बढ़ावा देना।
- प्लास्टिक प्रसंस्करण उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना और विकास को समर्थन देना।
वित्तीय सहायता:
- भारत सरकार इस योजना के तहत परियोजना लागत का अधिकतम 50% तक अनुदान देती है, जो कि प्रति परियोजना ₹40 करोड़ की सीमा तक हो सकता है।