संदर्भ:
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने घोषणा की कि पीएम सूर्य घर योजना के तहत 8.5 लाख घरों (लगभग 8.5%) में रूफटॉप सोलर कनेक्शन स्थापित किए जा चुके हैं, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
पीएम सूर्य घर योजना के बारे में:
पीएम सूर्य घर योजना का उद्देश्य भारत में रूफटॉप सोलर पैनलों की हिस्सेदारी को बढ़ाकर भारत के कुल सौर ऊर्जा लक्ष्य के 40% तक पहुंचाना है, जो कि 100 GW है।
- योजना के उद्देश्य:
- लक्ष्य: इस योजना का लक्ष्य भारत के 1 करोड़ (10 मिलियन) घरों में रूफटॉप सोलर पैनल्स स्थापित करना है।
- मुफ्त बिजली: योजना के तहत, घरों को 300 यूनिट्स तक मुफ्त बिजली प्रदान की जाएगी, यदि वे रूफटॉप सोलर पैनल्स स्थापित करते हैं।
- सबसिडी विवरण:
- केंद्रीय वित्तीय सहायता (CFA):
- 2 kW सिस्टम के लिए 60% सिस्टम लागत (सोलर यूनिट लागत) तक सहायता दी जाएगी।
- 2 से 3 kW क्षमता के सिस्टम के लिए अतिरिक्त 40% सिस्टम लागत की सहायता दी जाएगी।
- CFA की सीमा 3 kW क्षमता तक रहेगी।
- केंद्रीय वित्तीय सहायता (CFA):
- राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से सहायता:
- घरवाले राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से सब्सिडी के लिए आवेदन करेंगे।
- पोर्टल घरवालों को उपयुक्त विक्रेता का चयन करने में मदद करेगा और इसमें सिस्टम आकार, लाभ कैलकुलेटर, विक्रेता रेटिंग जैसी जानकारी प्रदान की जाएगी।
- वित्तीय प्रावधान: ₹75,021 करोड़, जिसमें से ₹65,700 करोड़ केंद्रीय वित्तीय सहायता (CFA) के रूप में आवासीय उपभोक्ताओं के लिए आवंटित किए गए हैं।
DISCOMs के लिए प्रोत्साहन:
- DISCOMs (राज्य वितरण कंपनियां), जिन्हें राज्य कार्यान्वयन एजेंसियां (SIAs) के रूप में नामित किया गया है, उन्हें रूफटॉप सोलर क्षमता इंस्टॉलेशन के बेसलाइन स्तर को पार करने पर प्रोत्साहन दिया जाएगा।
अपेक्षित बचत: सरकार के बिजली खर्चों में ₹75,000 करोड़ की वार्षिक बचत होने का अनुमान है।
लाभ:
- ऊर्जा स्वतंत्रता: घरों को अपनी बिजली उत्पन्न करने की क्षमता देकर राष्ट्रीय ग्रिड पर निर्भरता कम करता है।
- उपभोक्ताओं के लिए लागत बचत: वार्षिक ₹18,000 तक की बचत, जिससे मध्यम और निम्न–आय वर्ग को सीधा लाभ मिलेगा।
- पीक लोड मांग में कमी: अधिक घरों में सौर ऊर्जा के उपयोग से पीक आवर्स में बिजली की मांग कम होगी, जिससे DISCOMs पर भार घटेगा।
- सौर उद्योग को बढ़ावा: सोलर पैनलों की मांग बढ़ेगी, जिससे निर्माताओं और इंस्टॉलर्स को लाभ होगा।
- भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता को मजबूती: ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को आगे बढ़ाएगा।
चुनौतियां:
- धीमी इंस्टॉलेशन दर: 1 करोड़ के लक्ष्य में से अब तक सिर्फ 5 लाख रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन पूरे हुए हैं।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर की दिक्कतें: सौर ऊर्जा को प्रभावी रूप से ग्रिड में एकीकृत करने के लिए बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है।
- वित्तीय पहुंच: सब्सिडी के बावजूद प्रारंभिक लागत अभी भी एक बड़ी बाधा बनी हुई है।
- DISCOMs का समर्थन: वितरण कंपनियां (DISCOMs) प्रमुख भूमिका निभाती हैं, लेकिन कार्यान्वयन में देरी एक समस्या है।
- जन जागरूकता की कमी: शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक प्रचार–प्रसार की जरूरत है।
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