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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत पोषण युक्त (फोर्टिफाइड) चावल की सार्वभौमिक आपूर्ति को जुलाई 2024 से दिसंबर 2028 तक जारी रखने की मंजूरी दी है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY):
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य देश के गरीब और प्रवासी वर्ग को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करना है, जिससे उनकी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह योजना कोविड-19 महामारी के दौरान शुरू की गई थी, जब कई लोगों की आजीविका प्रभावित हो गई थी, और वे भोजन की कमी का सामना कर रहे थे।
योजना के चरण:
- पहला चरण: अप्रैल से जून 2020 तक।
- दूसरा चरण: जुलाई से नवंबर 2020 तक।
- तीसरा चरण: मई से जून 2021 तक।
- चौथा चरण: जुलाई से नवंबर 2021 तक।
- पाँचवाँ चरण: दिसंबर 2021 से मार्च 2022 तक।
- छठा चरण: अप्रैल से सितंबर 2022 तक, जिसमें 80,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त खाद्य सब्सिडी दी गई।
- सातवाँ चरण : अक्टूबर से दिसंबर 2022 तक।
योजना के लाभ:
- इस योजना के तहत, हर गरीब परिवार को 5 किलोग्राम मुफ्त अनाज (चावल या गेहूं) प्रदान किया जाता है। यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत पहले से दिए जा रहे सब्सिडी वाले अनाज (2-3 रुपये प्रति किलो) के अतिरिक्त है।
- यह योजना प्रवासी मजदूरों और गरीबों के लिए एक राहत प्रदान करती है, जो महामारी के कारण अपनी आजीविका खो चुके थे।
- योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे और सभी को कम से कम पर्याप्त खाद्यान्न उपलब्ध हो सके।
पात्रता:
- अंत्योदय अन्न योजना (AAY) और प्राथमिकता वाले परिवार (PHH) के अंतर्गत आने वाले परिवार इस योजना के तहत पात्र हैं।
- राज्य सरकारें अपने मानदंडों के अनुसार पीएचएच परिवारों की पहचान करती हैं, जबकि एएवाई परिवारों की पहचान केंद्र सरकार के मानदंडों के आधार पर की जाती है। इसमें शामिल हैं:
- ऐसे परिवार जिनके मुखिया विधवा, असाध्य रूप से बीमार, विकलांग या 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति हों जिनके पास कोई सुनिश्चित आय का साधन न हो।
- भूमिहीन कृषि मजदूर, सीमांत किसान, ग्रामीण कारीगर, शहरी झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग, और अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले दैनिक मजदूर।
एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना: इस योजना के तहत, पात्र राशन कार्डधारक किसी भी राज्य में अपने अधिकारों के तहत राशन ले सकते हैं। इससे प्रवासी मजदूरों को विशेष लाभ मिलता है, जो एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते हैं, लेकिन राशन की सुविधा से वंचित नहीं होते।
निष्कर्ष: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना गरीबों और वंचितों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने में एक प्रभावी उपाय है। महामारी के कठिन समय में यह योजना लाखों परिवारों के लिए जीवनरक्षक साबित हुई है, और इसके चलते भारत में खाद्य असुरक्षा को कम करने की दिशा में बड़े कदम उठाए गए हैं।
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