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संदर्भ:
हाल ही में पंजाब क्षेत्र में पोटाश का भंडार खोजा गया है, जो भारत की उर्वरक उद्योग को मजबूत करने और आयात निर्भरता कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- पंजाब के खनन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने फाजिल्का और श्री मुक्तसर साहिब जिलों में पोटाश भंडार के अन्वेषण की योजना की घोषणा की।
- ये भंडार भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) द्वारा किए गए सर्वेक्षणों में पहचाने गए हैं। इस पहल का उद्देश्य भारत की पोटाश आयात निर्भरता को कम करना और घरेलू उर्वरक उद्योग को मजबूत करना है।
पोटाश (Potash):
- पोटाश पोटैशियम–समृद्ध खनिजों का एक समूह है।
- इसका 90% से अधिक उपयोग उर्वरकों में कृषि क्षेत्र के लिए किया जाता है।
- पोटाश पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक तीन प्रमुख पोषक तत्वों में से एक है, अन्य दो नाइट्रोजन (N) और फास्फोरस (P) हैं।
- पोटाश के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिनमें सल्फेट ऑफ पोटाश (SOP) और म्यूरेट ऑफ पोटाश (MOP) शामिल हैं।
- SOP (सल्फेट ऑफ पोटाश): क्लोराइड-मुक्त होता है और उच्च–मूल्य वाली फसलों के लिए उपयुक्त माना जाता है।
- MOP (म्यूरेट ऑफ पोटाश): इसमें क्लोराइड होता है और यह आमतौर पर गेहूं जैसी कार्बोहाइड्रेट–समृद्ध फसलों के लिए उपयोग किया जाता है।
भारत में पोटाश उत्पादन:
आयात पर निर्भरता
- भारत वर्तमान में पोटाश खनन नहीं करता और पूरी तरह से आयात पर निर्भर है।
- कुल अनुमानित पोटाश संसाधन (2020 के अनुसार) 23,091 मिलियन टन हैं।
- राजस्थान में भारत के कुल पोटाश भंडार का 89% पाया जाता है।
- पंजाब में 2019 में पोटाश के भंडार मिले, लेकिन व्यासायिक व्यवहार्यता अध्ययन और पर्यावरणीय चिंताओं के कारण अभी तक खनन शुरू नहीं हुआ है।
भारत में पोटाश भंडार
- राजस्थान के बाद, पंजाब पोटाश भंडार वाला दूसरा राज्य बना है।
- पंजाब में कबरवाला, शेरेवाला और रामसरा ब्लॉक पहचाने गए हैं, जो लगभग 18 वर्ग किलोमीटर में फैले हैं।
- राजस्थान में नागौर–गंगानगर बेसिन में बड़े पैमाने पर पोटाश भंडार मौजूद हैं।
- 1974 से 1991 के ऐतिहासिक सर्वेक्षणों और 2017 के बाद के नए अन्वेषणों ने इन भंडारों की पुष्टि की है।
वैश्विक पोटाश भंडार और उत्पादन
- कुल वैश्विक पोटाश भंडार 3.6 बिलियन मीट्रिक टन (MT) पोटैशियम ऑक्साइड समकक्ष से अधिक हैं।
- सबसे बड़े भंडार वाले देश:
- कनाडा – 1.1 बिलियन MT
- बेलारूस – 750 मिलियन MT
- रूस – 650 मिलियन MT
शीर्ष तीन पोटाश उत्पादक देश (2023)
- कनाडा – 13 मिलियन MT
- रूस – 6.5 मिलियन MT
- चीन – 6 मिलियन MT
पोटाश के उपयोग:
- 90% से अधिक पोटाश उर्वरक के रूप में उपयोग होता है और यह तीन प्रमुख कृषि पोषक तत्वों (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम – N-P-K) में से एक है।
- पौधों के स्वास्थ्य, पोषण और फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए पोटाश सभी पौधों पर उपयोग किया जा सकता है।
- सभी पोटाश उर्वरकों में पोटैशियम होता है, लेकिन यह विभिन्न रूपों में पाया जाता है।
- सल्फेट ऑफ पोटाश (SOP):
- एक प्रीमियम पोटाश उर्वरक, जो क्लोराइड–मुक्त होता है।
- मुख्य रूप से उच्च–मूल्य वाली फसलों, जैसे हरी पत्तेदार फसलें, फल और सब्जियाँ के लिए उपयोग किया जाता है।
- म्यूरेट ऑफ पोटाश (MOP):
- इसमें कुछ मात्रा में क्लोराइड होता है।
- यह गेहूं जैसी कार्बोहाइड्रेट–समृद्ध फसलों के लिए अधिक उपयुक्त है।
पंजाब में पोटाश खनन की चुनौतियाँ:
- पहचाने गए भंडारों के बावजूद, भारत में पोटाश खनन अभी तक शुरू नहीं हुआ है।
- भूमि अधिग्रहण को लेकर स्थानीय किसानों की चिंताएँ सामने आई हैं।
- भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने लगभग 450 मीटर गहराई पर पोटाश के भंडार खोजे हैं।
- किसानों को डर है कि उनकी भूमि खनन के लिए अधिग्रहित की जा सकती है, जिसके चलते विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।