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संदर्भ:
प्रधनमंत्री धन धान्य कृषि योजना: हाल ही में वित्त मंत्री ने अपनी रिकॉर्ड 8वीं संघीय बजट प्रस्तुति में प्रधनमंत्री धन धान्य कृषि योजना की घोषणा की, जिसे विकसित कृषि–ज़िले कार्यक्रम भी कहा गया। यह योजना उन ज़िलों के लिए है जहां कम फसल उत्पादन, मध्यम फसल घनत्व और किसानों को पर्याप्त क्रेडिट तक पहुंच नहीं है।
प्रधनमंत्री धन धान्य कृषि योजना :
परिचय: प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना एक नई पहल है, जिसका उद्देश्य 100 कृषि प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को समर्थन देना है।
प्रधनमंत्री धन धान्य कृषि योजना की विशेषताएँ:
- यह उन क्षेत्रों पर केंद्रित है, जहाँ फसल उत्पादन कम है और किसानों को वित्तीय सहायता प्राप्त करने में कठिनाई होती है।
- राज्य सरकारों के सहयोग से इस योजना को 100 जिलों में लागू किया जाएगा।
- इस योजना से लगभग 1.7 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे।
- ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर बढ़ाने पर ध्यान दिया गया है ताकि प्रवास (Migration) मजबूरी न होकर एक विकल्प बने।
प्रधनमंत्री धन धान्य कृषि योजना के 5 मुख्य लक्ष्य:
- कृषि उत्पादकता में वृद्धि
- सिंचाई सुविधाओं में सुधार
- कृषि ऋण की उपलब्धता में सुधार
- फसल विविधीकरण और सतत कृषि पद्धतियों को अपनाना
- पंचायत और ब्लॉक स्तर पर कटाई के बाद भंडारण सुविधाओं को बढ़ाना
प्रधनमंत्री धन धान्य कृषि योजना के प्रमुख घटक:
- प्रौद्योगिकी–आधारित समाधान: उत्पादकता बढ़ाने के लिए तकनीकी उपाय।
- क्रेडिट तक बेहतर पहुंच: वित्तीय समर्थन के माध्यम से किसानों को ऋण उपलब्ध कराना।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: भंडारण और सिंचाई जैसी सुविधाओं का विकास।
- सतत कृषि पद्धतियाँ: दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरण-अनुकूल कृषि विधियाँ।
- रोजगार सृजन: ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने से प्रवास में कमी।
प्रधानमंत्री धन–धान्य कृषि योजना की मुख्य विशेषताएँ:
- योजना का कार्यान्वयन:
- यह योजना 100 आकांक्षी जिलों में लागू की जाएगी, जहाँ कृषि उत्पादकता कम और फसल तीव्रता औसत है।
- पहले से मौजूद सरकारी योजनाओं को समेकित कर कृषि क्षेत्र में समग्र सुधार लाने पर जोर दिया जाएगा।
- स्थानीय और ब्लॉक स्तर पर भंडारण सुविधाएँ विकसित की जाएंगी, जिससे कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।
- सिंचाई संरचना का विस्तार और सिंचाई प्रणाली में सुधार किया जाएगा ताकि खेती के दौरान जल वितरण अधिक प्रभावी हो।
- वित्तीय आवंटन:
- दलहन मिशन: ₹1,000 करोड़
- सब्जी और फल मिशन: ₹500 करोड़
- बिहार में मखाना बोर्ड: ₹100 करोड़
- उच्च उपज देने वाले हाइब्रिड बीज: ₹100 करोड़
- कपास पर तकनीकी मिशन: ₹500 करोड़
कृषि और किसानों के लिए अन्य प्रमुख योजनाएँ:
- PM-KISAN योजना: किसानों को सीधे वित्तीय समर्थन प्रदान करती है, जिससे वे फसलों के स्वास्थ्य और उत्पादन के लिए आवश्यक इनपुट प्राप्त कर सकें।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY):
- यह फसल बीमा योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और बीमारियों से बचाव प्रदान करती है।
- फसल हानि की स्थिति में आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करती है।
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना:
- 1998 में शुरू की गई, यह योजना किसानों को आसान ऋण पहुंच प्रदान करती है।
- कृषि इनपुट समय पर खरीदने के लिए मदद करती है और साथ ही घरेलू खर्चों को पूरा करने में भी सहायक है।