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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान को मंजूरी दी है। इस अभियान का कुल बजट 79,156 करोड़ रुपये है, जिसमें 56,333 करोड़ रुपये केंद्रीय हिस्सा और 22,823 करोड़ रुपये राज्य हिस्सा शामिल हैं।
प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के मुख्य बिंदु:
- 63,000 गांव इस अभियान में शामिल होंगे, जिससे 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोग लाभान्वित होंगे।
- इसमें 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 549 जिले और 2,740 ब्लॉक के जनजातीय बहुल गांव शामिल हैं।
- 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 10.45 करोड़ अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या है, जो देशभर में फैले हुए 705 से अधिक जनजातीय समुदायों का प्रतिनिधित्व करती है।
अभियान के उद्देश्य:
इस अभियान का उद्देश्य विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजिविका में सुधार करना है। इसके अंतर्गत 17 मंत्रालयों द्वारा 25 कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
मुख्य लक्ष्यों में शामिल हैं:
- लक्ष्य–I: सक्षम बुनियादी ढांचे का विकास:
- बुनियादी ढांचे का विकास:
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- पात्र एसटी परिवारों को पक्का मकान, नल का पानी (जल जीवन मिशन), बिजली (आरडीएसएस), और आयुष्मान भारत कार्ड की सुविधा।
- गांवों के लिए सड़क संपर्क, मोबाइल कनेक्टिविटी, और स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा में सुधार।
- लक्ष्य-2: आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना:
- आर्थिक सशक्तिकरण: कौशल विकास और स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण, एफआरए पट्टा धारकों को कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन में सहायता।
- लक्ष्य-3: सभी की अच्छी शिक्षा तक पहुंच:
- शिक्षा: स्कूल और उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) बढ़ाना, जनजातीय छात्रों के लिए छात्रावास की सुविधा।
- लक्ष्य-4: स्वस्थ जीवन और सम्मानजनक वृद्धावस्था:
- स्वास्थ्य: एसटी परिवारों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं देना, शिशु और मातृ मृत्यु दर में कमी लाना।
इस अभियान के तहत जनजातीय गांवों को पीएम गति शक्ति पोर्टल पर मैप किया जाएगा, जिससे योजनाओं की प्रगति और जरूरतों की निगरानी की जा सकेगी।
प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत जनजातीय और वनवासी समुदायों के बीच आजीविका को बढ़ावा देने और उनकी आय बढ़ाने के लिए नवीन योजनाएं बनाई गई हैं।
मुख्य योजनाएं:
- जनजातीय गृह प्रवास (होमस्टे योजना):
- 1000 गृह प्रवास (होमस्टे) पर्यटन मंत्रालय द्वारा स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत बढ़ावा दिए जाएंगे।
- जनजातीय परिवारों को 2 नए कमरों के निर्माण के लिए 5 लाख रुपये और मौजूदा कमरों के पुनर्निर्माण के लिए 3 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
- गांवों को 5-10 गृह प्रवासों के लिए वित्त पोषण मिलेगा।
- एफआरए धारकों के लिए स्थायी आजीविका:
- वन क्षेत्रों में रहने वाले 22 लाख एफआरए पट्टा धारकों के लिए योजनाएं शुरू की गई हैं।
- इन योजनाओं का उद्देश्य वन अधिकारों की मान्यता देने, जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने और उन्हें वन संरक्षण के लिए प्रशिक्षित करना है।
- अधिकार दावों को तेजी से निपटाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
- जनजातीय आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों का उन्नयन:
- जनजातीय क्षेत्रों में स्थित आवासीय विद्यालयों के बुनियादी ढांचे को पीएम-श्री स्कूलों की तर्ज पर उन्नत किया जाएगा।
- इसका उद्देश्य छात्रों का नामांकन बढ़ाना और उनकी संख्या बनाए रखना है।
- सिकल सेल रोग निदान:
- सिकल सेल रोग के निदान के लिए उन्नत नैदानिक सुविधाएं एम्स और अन्य प्रमुख संस्थानों में स्थापित की जाएंगी।
- प्रत्येक सक्षमता केंद्र के लिए 6 करोड़ रुपये की लागत से प्रसव पूर्व निदान और अनुसंधान क्षमताएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
- जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र (टीएमएमसी):
- 100 टीएमएमसी स्थापित किए जाएंगे, ताकि जनजातीय उत्पादों के विपणन, ब्रांडिंग और पैकेजिंग में सुधार हो सके।
- यह केंद्र उत्पादों की पैदावार के बाद नुकसान को कम करेंगे और उचित मूल्य पर जनजातीय उत्पाद उपभोक्ताओं तक पहुंचाएंगे।
विशेष अभियान:
यह अभियान प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) की सफलता पर आधारित है, जिसे 2023 में 24,104 करोड़ रुपये के बजट के साथ शुरू किया गया था।
प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान सहकारी संघवाद का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जहां सरकार जन कल्याण के लिए मिलकर काम करती है, समन्वय और पहुंच को प्राथमिकता दी जाती है।
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