GS पेपर – 2 : द्विपक्षीय समूह और समझौते, भारत को शामिल करने वाले और/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समूह और समझौते |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी पोलैंड और यूक्रेन (Prime Minister’s visit to Poland and Ukraine) रवाना हुए। श्री नरेन्द्र मोदी 21-22 अगस्त 2024 को पोलैंड की राजकीय यात्रा के लिए रवाना हुए। यह पिछले 45 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली पोलैंड यात्रा होगी। इस यात्रा के बाद 23 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी यूक्रेन जायेंगे। 1992 में भारत और यूक्रेन के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूक्रेन यात्रा होगी।
Prime Minister’s visit to Poland and Ukraine एक नजर में –
- प्रधानमंत्री का वारसॉ (पोलैंड) में औपचारिक स्वागत किया जाएगा।
- वे पोलैंड के राष्ट्रपति श्री आंद्रेज सेबेस्टियन डूडा (Mr. Andrzej Sebastian Duda) से मुलाकात करेंगे और प्रधानमंत्री श्री डोनाल्ड टस्क (Donald Tusk) के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
- इसके अलावा, प्रधानमंत्री पोलैंड में भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी बातचीत करेंगे।
- कीव (यूक्रेन) में प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों में राजनीतिक, व्यापारिक, आर्थिक, निवेश, शिक्षा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, मानवीय सहायता और अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा शामिल होगी।
- वे यात्रा के दौरान वहां मौजूद भारतीय समुदाय और छात्रों से भी संवाद करेंगे।
- प्रधानमंत्री की यह ऐतिहासिक यूक्रेन यात्रा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत और विस्तारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
पोलैंड यात्रा (21-22 अगस्त 2024) –
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 21 और 22 अगस्त को पोलैंड की आधिकारिक यात्रा के लिए रवाना हुए।
- यह यात्रा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 45 वर्षों के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पोलैंड यात्रा हो रही है।
- यह यात्रा भारत और पोलैंड के बीच कूटनीतिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क (Donald Tusk) से चार बार मुलाकात की थी, जब वे यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष थे।
- 2022 में प्रधानमंत्री मोदी ने पोलैंड के राष्ट्रपति श्री आंद्रेज डूडा (Andrzej Duda) से टेलीफोन पर भी बात की थी।
- प्रधानमंत्री Donald Tusk ने 2010 में भारत की यात्रा की थी।
- यह यात्रा भारत और पोलैंड के बीच उच्चस्तरीय बातचीत का सिलसिला जारी रखने का एक और कदम है।
- इस वर्ष के पहले चार महीनों में ही कई उच्चस्तरीय वार्ताएं हो चुकी हैं।
- भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पोलैंड के विदेश मंत्री सिकोर्स्की ने फरवरी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के दौरान मुलाकात की थी।
- पोलैंड के विदेश मामलों के राज्य सचिव व्लादिस्लाव बारतोसेव्स्की भी उसी महीने भारत आए थे।
- हाल के वर्षों में भी उच्चस्तरीय बातचीत हुई है, जैसे 2019 में हमारे विदेश मंत्री ने पोलैंड की यात्रा की थी और 2022 में पोलैंड के तत्कालीन विदेश मंत्री ज़्बिग्नेव राऊ ने भारत की यात्रा की थी।
- भारत-पोलैंड संसदीय मित्रता समूह की अध्यक्ष, किंगा गाजेवस्का ने 2021 में भारत की यात्रा की थी।
- भारत और पोलैंड के बीच नियमित रूप से विदेश कार्यालय परामर्श होते हैं, जिनका 10वां दौर दिसंबर 2022 में वारसॉ में हुआ था।
- भारतीय विश्व मामलों की परिषद (ICWA) और पोलिश अंतर्राष्ट्रीय मामलों के संस्थान के बीच नियमित रूप से रणनीतिक संवाद होता है, जिसकी नौवीं बैठक पिछले साल वारसॉ में हुई थी।
भारत और पोलैंड के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध-
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भारत-पोलैंड व्यापारिक संबंध (India-Poland trade relations)-
- भारत और पोलैंड के बीच व्यापारिक संबंध महत्वपूर्ण हैं, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार का स्तर लगभग 6 अरब अमेरिकी डॉलर है।
- यह पोलैंड को मध्य और पूर्वी यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बनाता है।
- भारतीय कंपनियों ने पोलैंड में लगभग 3 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है, जबकि पोलैंड का भारत में निवेश लगभग 1 अरब अमेरिकी डॉलर है।
- कई भारतीय कंपनियाँ पोलैंड में सक्रिय हैं, जो आईटी, फार्मास्युटिकल्स, विनिर्माण, कृषि वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टील, धातु और रसायन जैसे क्षेत्रों में कार्यरत हैं।
- वहीं, लगभग 30 पोलिश कंपनियाँ भारत में व्यवसाय कर रही हैं, जिनमें से कुछ विनिर्माण इकाइयों के साथ काम करती हैं।
- ये कंपनियाँ स्वच्छता उत्पाद, सौंदर्य प्रसाधन, धातु पैकेजिंग, ऊर्जा से कचरा और खनन जैसे क्षेत्रों में योगदान देती हैं।
- भारत और पोलैंड के बीच 2019 से सीधी उड़ानें संचालित हो रही हैं, जो आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को और मजबूती प्रदान कर रही हैं।
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पोलैंड में भारतीय समुदाय और ऐतिहासिक संबंध (Indian community in Poland and historical ties)-
- पोलैंड में भारतीय समुदाय की संख्या लगभग 25,000 है, जिसमें लगभग 5,000 छात्र भी शामिल हैं।
- 2022 में यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने के दौरान ऑपरेशन गंगा के तहत पोलैंड की सरकार और जनता ने महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया था।
- पोलैंड के माध्यम से 4,000 से अधिक भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकाला गया था।
- भारत और पोलैंड के बीच एक अनोखा ऐतिहासिक संबंध भी है, जो 1940 के दशक में द्वितीय विश्व युद्ध के समय से जुड़ा हुआ है।
- उस समय 6,000 से अधिक पोलिश महिलाएं और बच्चे भारत के जामनगर और कोल्हापुर में शरण पाए थे। नवनगर के जाम साहिब ने 1,000 से अधिक पोलिश बच्चों को आश्रय दिया था, जबकि अन्य को कोल्हापुर में शरण दी गई थी।
- भारत और पोलैंड के बीच लंबे समय से सांस्कृतिक संबंध हैं, और पोलिश विश्वविद्यालयों में इंडोलॉजी अध्ययन 19वीं शताब्दी से जारी है। पोलैंड में भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक धरोहर, जैसे योग और आयुर्वेद के प्रति गहरा सम्मान और प्रशंसा है।
यूक्रेन यात्रा (23 अगस्त 2024) –
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पोलैंड की राजकीय यात्रा के बाद 23 अगस्त 2024 को यूक्रेन की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे।
- यह यात्रा भी ऐतिहासिक है क्योंकि भारत और यूक्रेन के बीच कूटनीतिक संबंध स्थापित होने के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूक्रेन यात्रा होगी।
- इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) के बीच बातचीत होगी।
- दोनों नेताओं ने हाल ही में जून 2024 में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की थी और पिछले साल हिरोशिमा में भी मुलाकात हुई थी।
- इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक, व्यापारिक, कृषि, अवसंरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा, फार्मास्युटिकल्स, रक्षा, संस्कृति और लोगों के बीच संबंधों पर चर्चा होगी।
- यह यात्रा यूक्रेन में चल रहे संघर्ष की पृष्ठभूमि में हो रही है, और इस विषय पर भी चर्चा होगी।
- भारत ने हमेशा से कूटनीति और बातचीत के माध्यम से समाधान की वकालत की है।
- 2022 में यूक्रेन में फंसे 18,000 से अधिक भारतीय छात्रों को ऑपरेशन गंगा के तहत सुरक्षित वापस लाया गया था।
- भारत ने यूक्रेन को मानवीय सहायता भी प्रदान की है और आगे के कदमों पर भी विचार चल रहा है।
- यह यात्रा भारत और यूक्रेन के संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने का अवसर प्रदान करेगी।
भारत-यूक्रेन संबंध (India-Ukraine relations):
भारत और यूक्रेन के बीच एक बहुआयामी संबंध है, जो ऐतिहासिक संबंधों और आपसी हितों पर आधारित है। यह सहयोग रक्षा, व्यापार, शिक्षा और अंतरिक्ष जैसे विभिन्न क्षेत्रों में फैला हुआ है। हालांकि, यूक्रेन में चल रहे संघर्ष ने इन संबंधों में जटिलताएँ पैदा कर दी हैं, जिसके चलते भारत को रूस के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों का पालन करने के बीच संतुलन बनाए रखना पड़ रहा है।
ऐतिहासिक और राजनयिक संबंध (Historical and diplomatic relations):
- भारत ने दिसंबर 1991 में यूक्रेन की स्वतंत्रता को मान्यता दी और जनवरी 1992 में राजनयिक संबंध स्थापित किए।
- कीव में भारतीय दूतावास और नई दिल्ली में यूक्रेनी मिशन राजनयिक संचार और सहयोग को सुगम बनाते हैं।
सहयोग के प्रमुख क्षेत्र (Key areas of cooperation):
- रक्षा (defense): यूक्रेन भारत को सैन्य उपकरण और प्रौद्योगिकी की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है, जिसमें भारतीय वायु सेना द्वारा उपयोग किए जाने वाले आर-27 एयर-टू-एयर मिसाइल शामिल हैं।
- व्यापार और अर्थव्यवस्था (Business and economy): द्विपक्षीय व्यापार में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है, जो 2021-22 में 3.386 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई। प्रमुख वस्तुओं में कृषि उत्पाद, धातुकर्म उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, मशीनरी और रसायन शामिल हैं।
- शिक्षा और संस्कृति (Education and culture): छात्र विनिमय कार्यक्रम और सांस्कृतिक कार्यक्रम आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा देते हैं।
- अंतरिक्ष (space): अंतरिक्ष अन्वेषण और प्रौद्योगिकी में सहयोग ने सकारात्मक परिणाम दिए हैं।
चुनौतियाँ और वर्तमान स्थिति (Challenges and Current Status):
- संघर्ष का प्रभाव (Effects of conflict): यूक्रेन में चल रहे संघर्ष ने इन संबंधों में जटिलताएँ पैदा कर दी हैं। भारत ने शांतिपूर्ण समाधान के लिए संवाद और कूटनीति की वकालत करते हुए यूक्रेन को मानवीय सहायता प्रदान की है।
- संतुलन की आवश्यकता (The need for balance): रूस के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंध और रणनीतिक हित इसके संघर्ष के प्रति रुख को प्रभावित करते हैं। इसने रूस पर प्रतिबंधों और आलोचना के प्रति एक सतर्क दृष्टिकोण अपनाने को प्रेरित किया है।
भविष्य की दृष्टि (Vision of the future):
हालांकि चुनौतियाँ मौजूद हैं, भारत और यूक्रेन विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग जारी रखे हुए हैं। ऐतिहासिक संबंध, आपसी हित और भविष्य में और अधिक वृद्धि की संभावना दोनों देशों के संबंधों के भविष्य के लिए एक मजबूत आधार तैयार करते हैं। दोनों देश व्यापार, रक्षा, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पोलैंड और यूक्रेन की यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को नए सिरे से मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह यात्रा न केवल व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देगी, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और संवाद को भी प्रोत्साहित करेगी। यह दोनों देशों के साथ भारत के दीर्घकालिक संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
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