संदर्भ:
प्रोजेक्ट वर्षा (Project Varsha): भारत 2026 तक आंध्र प्रदेश में अपना पहला समर्पित परमाणु पनडुब्बी अड्डा INS वर्षा चालू करने जा रहा है। यह प्रोजेक्ट वर्षा का हिस्सा है। इसके साथ ही देश अपनी तीसरी परमाणु शक्ति–संपन्न पनडुब्बी INS अरिधमान को भी संचालन में लाने की योजना बना रहा है, जिससे समुद्री सुरक्षा क्षमता को और मज़बूती मिलेगी।
प्रोजेक्ट वर्षा (Project Varsha) क्या हैं?
- यह एक गोपनीय नौसैनिक परियोजना है, जिसके तहत भारतीय नौसेना INS Varsha नामक एक आधुनिक परमाणु पनडुब्बी अड्डा बना रही है।
स्थान:
- रामबिल्ली, विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश) से लगभग 50 किमी दक्षिण में स्थित है।
- BARC अच्युतापुरम के पास बनाया जा रहा है, जिससे उन्नत परमाणु सुविधाओं तक आसानी रहती है।
प्रोजेक्ट वर्षा (Project Varsha) का मुख्य उद्देश्य:
- बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में भारत की समुद्री हमलावर क्षमता बढ़ाना।
- चीन की रणनीतिक गतिविधियों का जवाब देना।
मुख विशेषताएं (Key Features):
- भूमिगत पनडुब्बी सुरंगें और पेन (Underground pens)– ताकि गुप्त रूप से तैनाती हो सके
- 12 परमाणु पनडुब्बियों को रखने की क्षमता
- उपग्रह और हवाई निगरानी से सुरक्षा
- Strait of Malacca जैसे रणनीतिक मार्गों तक तेज़ पहुँच
रणनीतिक महत्व (Strategic Significance):
- चीन के दोहरे उपयोग वाले नौसैनिक अड्डों (जैसे हम्बनटोटा – श्रीलंका, BNS शेख हसीना – बांग्लादेश) का संतुलन
- भारत की परमाणु त्रिक (Nuclear Triad) में दूसरी मार की क्षमता को मज़बूत करता है