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प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए क्यूआर कोड (QR codes for PM Gram Sadak Yojana) | Apni Pathshala

QR codes for PM Gram Sadak Yojana

QR codes for PM Gram Sadak Yojana

QR codes for PM Gram Sadak Yojana – 

संदर्भ:

ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत निर्मित सड़कों पर लगाए गए रखरखाव डिस्प्ले बोर्डों पर QR कोड अनिवार्य रूप से स्थापित किए जाएं। इसका उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और सड़क की स्थिति की निगरानी को आसान बनाना है।

QR कोड पहल (QR Code Initiative): ग्रामीण सड़कों के रखरखाव में जनभागीदारी

उद्देश्य: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के अंतर्गत बनी सड़कों की गुणवत्ता और रखरखाव पर जनता से सीधा फीडबैक प्राप्त करना।

मुख्य विशेषताएँ:

  • सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अब PMGSY सड़कों पर QR कोड युक्त डिस्प्ले बोर्ड लगाएँगे।
  • प्रत्येक सड़क के बोर्ड पर QR कोड होगा जिसे स्मार्टफोन से स्कैन कर कोई भी व्यक्ति:
    • सड़क का विवरण देख सकता है।
    • खराब रखरखाव या क्षति की तस्वीरें और प्रतिक्रिया भेज सकता है।

तकनीकी एकीकरण: यह सुविधा e-MARG प्रणाली (सड़क रखरखाव की निगरानी हेतु मौजूदा प्रणाली) से एकीकृत है।

डेटा विश्लेषण:

  • नागरिकों द्वारा भेजी गई तस्वीरों की इंजीनियरों द्वारा समीक्षा की जाएगी।
  • इनका AI/ML टूल्स की मदद से विश्लेषण कर सड़कों को Performance Evaluation (PE) अंक दिए जाएँगे।

पायलट और कार्यान्वयन:

  • विभिन्न राज्यों में पायलट परीक्षण किए गए, जैसे हिमाचल प्रदेश में।
  • सफलता के बाद यह सुविधा पूरे देश में लागू की गई।

महत्त्व: पहले भी खराब कार्य की शिकायतें सामने आती थीं, परंतु यह पहल अब नागरिकों को सशक्त बनाती है कि वे सीधे रखरखाव की गुणवत्ता पर निगरानी रख सकें।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY): ग्रामीण भारत को जोड़ने की राष्ट्रीय पहल

शुरुआत:

  • 25 दिसंबर, 2000 को PMGSY Phase-I की शुरुआत की गई।
  • उद्देश्य: ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत सड़क अवसंरचना का विकास, जिससे सामाजिक-आर्थिक समावेशन सुनिश्चित हो सके।

विभिन्न चरण:

  • दूसरा चरण (2013): मौजूदा ग्रामीण सड़कों को मजबूत करने और उन्नयन पर ध्यान।
  • RCPLWEA (2016):
  • लेफ्ट विंग उग्रवाद (LWE) प्रभावित क्षेत्रों में सड़क कनेक्टिविटी हेतु विशेष परियोजना।
  • तीसरा चरण (2019): मुख्य ग्रामीण सड़कों और कृषि बाजारों को जोड़ने हेतु योजनाएं।
  • चौथा चरण (2024): 25,000 नए बस्तियों को ऑल-वेदर सड़क कनेक्टिविटी प्रदान करने का लक्ष्य।
    • पात्रता:
      • मैदानी क्षेत्र: जनसंख्या 500+
      • पूर्वोत्तर, पहाड़ी, विशेष श्रेणी क्षेत्र: जनसंख्या 250+
      • LWE क्षेत्रों: जनसंख्या 100+

वित्तीय संरचना:

  • प्रारंभ में पूर्णतः केंद्र प्रायोजित योजना
  • अब 60:40 (केंद्र:राज्य) के अनुपात में (पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए अलग व्यवस्था)।

क्रियान्वयन एजेंसी: राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी (NRIDA), ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) के अधीन।

उपलब्धियाँ:

  • अब तक स्वीकृत सड़क लंबाई: 8,36,850 किमी
  • पूरी हो चुकी सड़क लंबाई: 7,81,209 किमी

रखरखाव व्यवस्था:

  • निर्माण के बाद सभी सड़कों का 5 वर्षों तक ठेकेदार द्वारा रखरखाव
  • इसके लिए उपयोग में लाया जाता है e-MARG प्रणाली — एक मोबाइल एवं वेबआधारित गवर्नेंस समाधान

महत्त्व:

  • ग्रामीण सड़कों का विषय राज्य सरकारों के अधीन आता है, पर PMGSY के माध्यम से केंद्र समान ग्रामीण विकास को सुनिश्चित करता है।
  • यह योजना सामाजिक, आर्थिक और भौगोलिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने में सहायक रही है।

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