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क्वाड शिखर सम्मेलन 2024

चर्चा में क्यों ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 21 सितंबर से शुरू होने वाली तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा पर हैं, जहां वे वार्षिक क्वाड शिखर सम्मेलन (annual Quad summit) में भाग लेंगे और ‘भविष्य का शिखर सम्मेलन’ में UN महासभा को संबोधित करेंगे।

 मुख्य बिन्दु (Key Points) :

  • अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन 21 सितंबर को विलमिंगटन, डेलावेयर (Wilmington, Delaware) में चौथे ‘क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन’ की मेज़बानी करेंगे। इस सम्मेलन में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बेनीज़ (Anthony Albanese) और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Fumio Kishida) भी शामिल होंगे।
  • जबकि यह भारत की बारी थी क्वाड शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करने की, भारत ने वाशिंगटन (Washington’s) के अनुरोध पर अगले वर्ष शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करने पर सहमति दी।
  • क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान, नेता पिछले वर्ष में प्राप्त प्रगति की समीक्षा करेंगे और अगले वर्ष के लिए एजेंडा तय करेंगे, ताकि हिंद-प्रशांत देशों (Indo-Pacific countries) को उनके विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता मिल सके।
  • क्वाड शिखर सम्मेलन के बाद, मोदी न्यूयॉर्क जाएंगे और 22 सितंबर को लॉन्ग आइलैंड (Long Island) में एक बड़े समुदाय कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘भविष्य का शिखर सम्मेलन’ (Summit of the Future) को संबोधित करेंगे।
  • इस शिखर सम्मेलन का विषय (theme) है ‘बेहतर कल के लिए बहुपक्षीय समाधान’(‘Multilateral Solutions for a Better Tomorrow’)। यह वैश्विक सहयोग और संयुक्त प्रयासों पर जोर देता है।

QUAD क्या है (What is QUAD)?

QUAD (क्वाड) चार देशों – ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका का एक कूटनीतिक साझेदारी समूह है। इसका मुख्य उद्देश्य एक खुले, स्थिर और समृद्ध इंडो-पैसिफिक क्षेत्र (हिंद-प्रशांत क्षेत्र) (open, stable and prosperous Indo-Pacific region) को बढ़ावा देना है, जो समावेशी और लचीला हो। QUAD का उद्देश्य इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों (sea routes) को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखना है ताकि इनका स्वतंत्र और सुरक्षित उपयोग हो सके।

  • क्वाड (Quad) की औपचारिक शुरुआत 2007 में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe), अमेरिकी उपराष्ट्रपति डिक चेनि (Dick Cheney), भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री जॉन हॉवर्ड (John Howard) के द्वारा की गई थी। इस समूह की पहली बैठक मनीला में ASEAN क्षेत्रीय फोरम के दौरान हुई थी।

क्वाड: घटनाओं की समयरेखा (Quad: Timeline of events):

क्वाड (Quadrilateral Security Dialogue) के गठन का इतिहास कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़ा हुआ है:

  • 2007: एशियाई लोकतंत्र चाप (Asian Arc of Democracy): क्वाड का उद्देश्य (aim) “एशियाई लोकतंत्र चाप” (Asian Arc of Democracy) को स्थापित करना था, जिसमें मध्य एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ राष्ट्र, मंगोलिया और कोरियाई प्रायद्वीप शामिल थे। चीन को इस पहल से बाहर रखा गया था, जिसके कारण इसे चीन-विरोधी भावना के रूप में देखा गया।
  • 2012: समुद्री सुरक्षा (Maritime Security): जापानी प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे ने “डेमोक्रेटिक सिक्योरिटी डायमंड” (Democratic Security Diamond) की अवधारणा प्रस्तुत की। इसका उद्देश्य जापान के शांतिवादी संविधान की समीक्षा और सुरक्षा संबंधों (pacifist constitution and strengthening security ties) को मजबूत करना था।
  • 2017: ऑस्ट्रेलिया की पुनः प्रविष्टि (2017: Australia’s re-entry): ऑस्ट्रेलिया ने 2008 में चीन के साथ अपने संबंधों में सुधार के लिए क्वाड से हटने का निर्णय लिया था। लेकिन 2017 में ऑस्ट्रेलिया फिर से इस समूह में शामिल हुआ, चीन से आर्थिक प्रभाव की परवाह किए बिना।
  • 2018: त्रिपक्षीय अभ्यास (Trilateral Exercise): मालाबार अभ्यास (Malabar exercise) भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास है। यह अमेरिका द्वारा भारत पर परमाणु परीक्षण के बाद लगाए गए प्रतिबंधों के कारण अस्थायी रूप से बंद हो गया था। 2002 में इसे फिर से शुरू किया गया और 2015 में इसमें जापान को भी शामिल किया गया, जिसमें युद्धाभ्यास और युद्ध खेलों का अनुकरण किया गया।

QUAD के मुख्य उद्देश्य और गतिविधियाँ (Main objectives and activities of QUAD):

  • समुद्री सुरक्षा (Maritime Security): क्वाड का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र (Indo-Pacific region) में समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना है।
  • तकनीकी सहयोग (Technical cooperation): इसमें उभरती और महत्वपूर्ण तकनीकों पर आपसी सहयोग शामिल है, ताकि साइबर सुरक्षा को बढ़ावा दिया जा सके।
  • मानवीय सहायता (Humanitarian assistance): आपदाओं और संकटों के समय मानवता की सहायता और आपातकालीन राहत प्रदान करना एक महत्वपूर्ण कार्य है।
  • स्वास्थ्य सुरक्षा (Health Security): महामारी और स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए चारों देश मिलकर काम करते हैं।
  • जलवायु परिवर्तन (Climate Change): जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए सहयोग करना और इसे कम करने के उपाय करना।
  • आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई (Fight against terrorism): क्वाड आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त रूप से कार्रवाई करने और इससे निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी (Infrastructure and Connectivity): क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे और कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए पारदर्शी और स्थायी तरीकों से निवेश किया जाता है।
  • ऋण संकट का समाधान (Solution to debt crisis): पारदर्शी और उचित ऋण और वित्तपोषण प्रथाओं (financing practices) के माध्यम से ऋण संकट को संबोधित करने का प्रयास किया जाता है।

चीन और क्वाड देशों के संबंध (Relations between China and the Quad countries):

  • प्रतिस्पर्धा (Competition): चीन की बढ़ती आर्थिक और सैन्य शक्ति ने क्वाड देशों—भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, और जापान—के बीच चिंताओं को बढ़ाया है। ये देश एक साथ मिलकर चीन के प्रभाव को संतुलित करने के लिए रणनीतियाँ विकसित कर रहे हैं।
  • सुरक्षा चिंताएँ (Security concerns): चीन द्वारा दक्षिण चीन सागर में सैन्य गतिविधियों और अन्य देशों की समुद्री सीमाओं के उल्लंघन ने क्वाड देशों को मिलकर समुद्री सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया है।
  • आर्थिक तनाव (Economic tensions): क्वाड देशों ने चीन के व्यापारिक नीतियों और उसके द्वारा किए गए व्यापारिक अनुबंधों को लेकर भी चिंता जताई है। क्वाड का उद्देश्य एक स्वतंत्र और निष्पक्ष व्यापारिक व्यवस्था को बढ़ावा देना है।
  • वैश्विक मुद्दे (Global issues): जलवायु परिवर्तन, मानवाधिकार, और वैश्विक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर चीन के दृष्टिकोण के खिलाफ क्वाड देशों ने एक साझा मंच तैयार किया है। ये देश मानते हैं कि चीन की नीतियाँ अक्सर अंतरराष्ट्रीय मानकों के खिलाफ जाती हैं।
  • संवाद का माध्यम (Channel of dialogue): हालांकि चीन और क्वाड देशों के बीच तनाव है, फिर भी संवाद बनाए रखने की कोशिशें चल रही हैं। चीन ने क्वाड के उद्देश्यों को चुनौती दी है, लेकिन इसके बावजूद क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बातचीत का महत्व समझा जाता है।

भारत के लिए क्वाड के तहत अवसर (Opportunities for India under Quad):

  1. चीन का मुकाबला (Countering China):
  • समुद्री क्षेत्र (maritime domain ) चीन के लिए हिमालय में भूमि कब्जे के प्रयासों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है।
  • चीन का बड़ा व्यापार भारतीय महासागर से गुजरने वाले समुद्री मार्गों के माध्यम से होता है।
  • सीमा पर चीनी आक्रमण के मामले में, क्वाड देशों (Quad countries) के साथ सहयोग करके भारत चीन के व्यापार को बाधित कर सकता है।
  • समुद्री क्षेत्र भारत के लिए एक खुला क्षेत्र है जहाँ वह गठबंधन बना सकता है, नियम स्थापित कर सकता है और रणनीतिक संभावनाओं का अन्वेषण कर सकता है।
  1. इंडो-पैसिफिक में भारत का प्रभाव
  • क्वाड के माध्यम से भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी शक्ति और प्रभाव को बढ़ा सकता है, जहां वैश्विक समुद्री व्यापार का आधा हिस्सा और वैश्विक GDP का 60% से अधिक हिस्सा शामिल है। यह क्षेत्र भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
  1. एक्ट ईस्ट नीति को बढ़ावा
  • क्वाड, भारत की एक्ट ईस्ट नीति को समर्थन देता है। यह नीति पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशिया के देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने, समुद्री सुरक्षा को सुनिश्चित करने, आर्थिक भागीदारी को बढ़ावा देने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ाने में मदद करती है।
  1. नेट सुरक्षा प्रदाता के रूप में उभरना (Emerging as a Net Security Provider):
  • ‘इंडो-पैसिफिक’ (Indo-Pacific) अवधारणा के आने के साथ समुद्री क्षेत्र में बड़ी शक्तियों की रुचि बढ़ रही है।
  • भारत, जो इस क्षेत्र के केंद्र में स्थित है, ‘विस्तारित एशिया’ (Expanded Asia) के दृष्टिकोण को साकार कर सकता है और अपनी भौगोलिक सीमाओं से परे प्रभाव फैला सकता है।
  • क्वाड के साथ मिलकर, भारत मानवीय सहायता (humanitarian assistance), आपदा राहत (disaster relief), समुद्री निगरानी और एंटी-पायरेसी ऑपरेशन (maritime surveillance and anti-piracy operations) में सक्रिय भूमिका निभा सकता है।

QUAD के सामने चुनौतियाँ (Challenges faced by QUAD):

  • विभिन्न रणनीतिक हित (Different strategic interests): QUAD के सदस्य देशों—भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका—के चीन के साथ अलग-अलग स्तर के रिश्ते हैं। उदाहरण के लिए, ऑस्ट्रेलिया और जापान की चीन के साथ गहरी आर्थिक संबंध हैं, जिससे एकजुट होकर चीन के खिलाफ मजबूत कदम उठाना मुश्किल हो जाता है।
  • औपचारिक ढांचे की कमी (Lack of formal structure): QUAD एक औपचारिक गठबंधन नहीं है, जैसे कि NATO। इसका कोई स्थाई सचिवालय या निर्णय लेने वाला निकाय नहीं है, जिससे इसके संचालन में अस्पष्टता बनी रहती है। इससे समन्वय और सतत कार्रवाई में कठिनाई होती है।
  • एंटी-चीन समूह की धारणा (Perception of anti-China group): चीन अक्सर QUAD को “एशियाई NATO” के रूप में देखता है, जिससे इसे एक एंटी-चीन गठबंधन के रूप में देखा जाता है। इससे क्षेत्र के अन्य देशों के लिए इसमें शामिल होना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि वे चीन की प्रतिक्रिया से डर सकते हैं।
  • समुद्री प्रभुत्व (Maritime dominance): क्वाड का पूरा ध्यान हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर है, जिससे यह एक समुद्री समूह बन गया है, न कि भूमि आधारित। इससे यह सवाल उठता है कि क्या इसका सहयोग एशिया-प्रशांत और यूरेशियाई क्षेत्रों तक भी फैलेगा।
  • भारत की संधि प्रणाली से दूरी (India’s distance from the treaty system): भारत एकमात्र सदस्य है जो संधि आधारित गठबंधन प्रणाली से दूरी बनाए रखता है। इस कारण से, क्वाड में मजबूत सहभागिता स्थापित करने की प्रक्रिया में धीमापन आया है।
  • सुरक्षा प्राथमिकताओं में भिन्नता (Differential security priorities): QUAD के सदस्य देशों की सुरक्षा चिंताएँ अलग-अलग हैं। अमेरिका और जापान पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में चीन का मुकाबला करना चाहते हैं, जबकि भारत की प्राथमिकता अपने भूमि सीमा और हिंद महासागर की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
  • सुरक्षा और आर्थिक उद्देश्यों के बीच संतुलन (Balance between security and economic objectives): QUAD की पहलें अक्सर सुरक्षा सहयोग और इंडो-पैसिफिक में आर्थिक सहयोग के बीच संघर्ष करती हैं। जबकि सुरक्षा सहयोग महत्वपूर्ण है, आर्थिक परियोजनाओं जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण में नौकरशाही और वित्तीय चुनौतियाँ आती हैं।

आगे की राह  (Way Forward):

  • क्षेत्रीय समृद्धि पर ध्यान (Focus on regional prosperity): क्वाड इंडो-पैसिफिक में एक स्थिरता लाने वाली ताकत के रूप में कार्य करता है, जो नियम आधारित व्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद करता है। इसके लिए, क्षेत्रीय समृद्धि में इसके योगदान को स्पष्ट करना और सुरक्षा मामलों में लचीलापन रखना आवश्यक है।
  • मौजूदा संगठनों को मजबूत करना (Strengthening existing organization): क्वाड को अन्य बहुपक्षीय या क्षेत्रीय संगठनों को प्रतिस्थापित करने के बजाय उन्हें सशक्त करना चाहिए और सहयोग के लिए एक समावेशी दृष्टिकोण प्रदान करना चाहिए।
  • अन्य साझेदारों से जुड़ाव (Engagement with other partners): क्वाड (Quad) को क्षेत्रीय साझेदारों के साथ उन पहलों में सक्रिय रूप से जुड़ना चाहिए, जो उनके हितों और प्राथमिकताओं से मेल खाती हैं।
  • स्पष्टता और अस्पष्टता का संतुलन (Balance of clarity and ambiguity): पारंपरिक सुरक्षा चिंताओं, जैसे संभावित चीनी सैन्य कार्रवाइयों को विशेष रूप से उजागर न करके, क्वाड साझा हितों पर ध्यान केंद्रित कर सकता है और चीन के साथ सीधी टकराव के जोखिम को कम कर सकता है।

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