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भारत अगले दो से तीन वर्षों में एक क्वांटम सैटेलाइट लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है, जिसका उद्देश्य क्वांटम तकनीक के माध्यम से सुरक्षित संचार को मजबूत करना है।
- यह परियोजना अप्रैल 2023 में ₹6,000 करोड़ के बजट के साथ स्वीकृत राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) का हिस्सा है।
- यह मिशन 2031 तक चलेगा और उन्नत संचार और सेंसिंग सिस्टम के लिए क्वांटम भौतिकी का उपयोग करने पर केंद्रित होगा।
क्वांटम सैटेलाइट के बारे में:
- परिभाषा: क्वांटम सैटेलाइट एक संचार उपग्रह है, जो क्वांटम भौतिकी के सिद्धांतों का उपयोग करके सिग्नल्स को सुरक्षित बनाता है।
- उदाहरण:
- मिसियस (Micius):
- चीन ने 2016 में दुनिया का पहला क्वांटम संचार उपग्रह लॉन्च किया।
- यह जुड़े हुए (entangled) फोटॉन्स के जोड़े बनाकर सुरक्षित संचार करता है।
- इसने क्वांटम क्रिप्टोग्राफी की व्यवहार्यता को सिद्ध किया।
- मुख्य कार्य:
- क्वांटम कुंजी वितरण (Quantum Key Distribution – QKD):
- सुरक्षित संचार सुनिश्चित करता है।
- अवैध संदेश-छेड़छाड़ का पता लगाकर संचार को रोकने में सक्षम।
- उद्देश्य:
- लंबी दूरी पर संदेशों को सुरक्षित रूप से भेजना।
- अवैध हस्तक्षेप को रोकना।
- प्रासंगिकता:
- क्वांटम कंप्यूटर मौजूदा क्रिप्टोग्राफिक सुरक्षा को कमजोर कर सकते हैं।
- क्वांटम सैटेलाइट उन्नत और सुरक्षित संचार सुनिश्चित करने में मददगार होगा।
- क्वांटम कुंजी वितरण (Quantum Key Distribution – QKD):
- मिसियस (Micius):
क्वांटम कुंजी वितरण (Quantum Key Distribution – QKD):
- परिभाषा:
QKD दो पक्षों को सुरक्षित रूप से एन्क्रिप्शन कुंजी साझा करने की अनुमति देता है।
यदि कोई इंटरसेप्शन का प्रयास करता है, तो क्वांटम सिस्टम की स्थिति बदल जाती है, जिससे उपयोगकर्ता अलर्ट हो जाते हैं और संचार रोक दिया जाता है। - वर्तमान विकास:
- चीन के पास सबसे बड़ा QKD नेटवर्क है, जिसमें तीन क्वांटम सैटेलाइट शामिल हैं।
- भारत में लद्दाख के हनले को सैटेलाइट-आधारित QKD प्रयोगों के लिए आदर्श स्थान माना गया है, जो 500 किमी की दूरी तक डेटा भेजने का लक्ष्य रखता है।
क्वांटम संचार का भविष्य: क्वांटम संचार प्रणाली का संभावित उपयोग विशाल है। भारत द्वारा क्वांटम सैटेलाइट्स के विकास का प्रयास वैश्विक प्रतिस्पर्धा को दर्शाता है। यह तकनीक भविष्य में सुरक्षित संचार प्रोटोकॉल को नए सिरे से परिभाषित कर सकती है।
लाभ:
- उन्नत सुरक्षा: क्वांटम मापन सिद्धांतों के कारण हैकिंग से वस्तुतः प्रतिरक्षित।
- भविष्य–प्रूफ एन्क्रिप्शन: क्वांटम कंप्यूटरों द्वारा शास्त्रीय क्रिप्टोग्राफिक प्रणालियों के लिए उत्पन्न खतरों का मुकाबला करता है।
- सामरिक अनुप्रयोग: रक्षा, बैंकिंग और सुरक्षित सरकारी संचार में उपयोगी।
- तकनीकी नेतृत्व: यह क्वांटम प्रौद्योगिकियों में भारत को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करता है।
क्वांटम सैटेलाइट की चुनौतियां:
- प्रामाणिकता के मुद्दे: QKD में स्रोत सत्यापन की प्रक्रिया नहीं होती।
- हार्डवेयर सीमाएं: उपकरणों का उन्नयन और सुधार कठिन है।
- डिनायल–ऑफ–सर्विस (DoS) जोखिम: अवैध प्रयास संचार को बाधित कर सकते हैं।
- उच्च लागत: QKD नेटवर्क की स्थापना और रखरखाव महंगा है।
- सिग्नल लॉस: वातावरण और दूरी से संबंधित कारण फोटॉन्स के ट्रांसमिशन को प्रभावित करते हैं।