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राधाकृष्णन पैनल ने NTA के पुनर्गठन की सिफारिश की

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कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट-अंडरग्रेजुएट (CUET-UG) में प्रश्न पत्र लीक की घटनाओं के बाद जून 2024 में एक सात सदस्यीय पैनल का गठन किया गया। इस पैनल का उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता, निष्पक्षता और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए सुधारात्मक सिफारिशें प्रदान करना है।

पैनल की मुख्य सिफारिशें:

  • परीक्षा संचालन: 2025 से, NTA केवल उच्च शिक्षा संस्थानों की प्रवेश परीक्षाएँ आयोजित करेगी, भर्ती परीक्षाएँ नहीं।
  • NTA का पुनर्गठन: प्रशासन, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, आईटी सुरक्षा जैसे 10 नए पद बनाए जाएंगे ताकि परीक्षा प्रक्रिया त्रुटि-मुक्त हो सके।
  • डिजिटल परीक्षा (Digi-Exam): आवेदन, परीक्षा और प्रवेश के हर चरण पर उम्मीदवार की पहचान सत्यापित करने के लिए ‘डिजी-यात्रा’ मॉडल अपनाया जाएगा।
  • प्रशासनिक निकाय: परीक्षा लेखा-परीक्षा, नैतिकता और पारदर्शिता, नामांकन और स्टाफ शर्तों की निगरानी के लिए तीन उप-समितियों के साथ एक सशक्त और जवाबदेह शासी निकाय का गठन किया जाएगा।
  • समन्वय समितियाँ: राज्य और जिला स्तर पर समन्वय समितियों का गठन होगा, जिनकी स्पष्ट भूमिकाएँ और जिम्मेदारियाँ निर्धारित की जाएंगी।
  • परीक्षा केंद्र: केंद्रीय विद्यालय (KVs) और जवाहर नवोदय विद्यालय (JNVs) स्कूलों का उपयोग देशभर में परीक्षा केंद्रों के रूप में किया जाएगा।
  • प्रश्न पत्र सुरक्षा:
    • प्रश्न पत्रों को अधिकृत अधिकारियों द्वारा सील किए गए सुरक्षित कूरियर सेवाओं के माध्यम से भेजा जाएगा।
    • कंटेनर लॉक किए जाएंगे, निगरानी में रहेंगे और सीसीटीवी कैमरों के तहत टेस्ट सेंटर पर एनटीए अधिकारियों को सौंपे जाएंगे।
  • ऑनलाइन परीक्षाएँ: पैनल की सिफारिशों के आधार पर सरकार भविष्य की प्रवेश परीक्षाओं के लिए कंप्यूटर आधारित अनुकूलन परीक्षण (Computer Adaptive Testing) शुरू करने की योजना बना रही है।

सुधार की आवश्यकता:

  1. प्रश्न पत्र लीक और गलत गतिविधियाँ:
    • परीक्षा सुरक्षा में खामियों से प्रश्न पत्र लीक हो जाते हैं, जिससे कुछ छात्रों को अनुचित लाभ मिलता है।
    • उदाहरण: NEET-UG पेपर लीक, UGC नेट में अनियमितताएँ।
    • अंक हेरफेर और अनियमितता जैसे अनावश्यक ग्रेस मार्क्स देना, असमान प्रतियोगिता उत्पन्न करते हैं।
  2. परीक्षा रद्दीकरण और तकनीकी खामियाँ: बार-बार परीक्षा रद्द होने से देरी, तनाव और वित्तीय बोझ बढ़ता है।
  3. पारदर्शिता की कमी: विभिन्न परीक्षा सत्रों में कठिनाई स्तर में अंतर से निष्पक्षता और तुलना पर सवाल उठते हैं।
  4. सामान्यीकरण की समस्याएँ: विभिन्न कठिनाई स्तरों को ध्यान में रखते हुए अंकों के सामान्यीकरण की प्रक्रिया अस्पष्ट होती है।
  5. अन्य चुनौतियाँ: राजनीतिक हस्तक्षेप, भ्रष्टाचार जैसे व्यापमं घोटाले की घटनाएँ।
  6. विश्वास की हानि: इन समस्याओं से परीक्षा प्रणाली पर जनता का विश्वास कम होता है।

भारत में परीक्षा सुधार के लिए विभिन्न पहलें:

  1. सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम: परीक्षा में अनुचित साधनों के उपयोग को रोकने और परीक्षा प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने के लिए यह अधिनियम लागू किया गया।
  2. बायोमेट्रिक्स का उपयोग: छात्रों की पहचान सत्यापित करने के लिए बायोमेट्रिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जिससे धोखाधड़ी की घटनाओं को रोका जा सके।
  3. कंप्यूटर आधारित रीयल-टाइम परीक्षाएँ: ऑनलाइन परीक्षाएँ आयोजित कर समय पर परिणाम प्रदान करना और पारदर्शिता सुनिश्चित करना।
  4. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) का गठन: उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश परीक्षाएँ आयोजित करने के लिए एक स्वतंत्र और स्वायत्त निकाय के रूप में NTA की स्थापना की गई।

राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA)

परिचय: राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की स्थापना उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और फेलोशिप के लिए कुशल, पारदर्शी और त्रुटिहीन परीक्षाएं आयोजित करने हेतु भारत सरकार द्वारा की गई है। यह एजेंसी उच्च गुणवत्ता वाले मूल्यांकन और परीक्षण प्रणालियों को लागू करने के लिए समर्पित है, जिससे छात्रों, शिक्षकों, और शैक्षणिक संस्थानों के बीच शिक्षा के मानकों को ऊंचा उठाया जा सके।

उद्देश्य:

  1. मूल्यांकन प्रणाली में सुधार:
    • शोध आधारित, वैध और विश्वसनीय मूल्यांकन प्रणाली संचालित करना।
    • शिक्षा में समानता और गुणवत्ता में सुधार करना।
  2. आधुनिक तकनीकों का उपयोग:
    • कुशल और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप परीक्षण प्रक्रियाओं का संचालन।
    • प्रश्न पत्र निर्माण और परीक्षण संचालन के लिए विशेषज्ञों की पहचान करना।
  3. शोध एवं अनुसंधान:
    • शैक्षिक, व्यावसायिक, और परीक्षण प्रणालियों पर अनुसंधान करना।
    • मूल्यांकन प्रणालियों में अंतराल की पहचान और समाधान सुनिश्चित करना।
  4. शिक्षा में पारदर्शिता: विद्यार्थियों और अभिभावकों के बीच विश्वास बढ़ाने के लिए निष्पक्ष और त्रुटिरहित परीक्षाएं आयोजित करना।

बुनियादी मूल्य:

  • गुणवत्ता: मूल्यांकन की दक्षता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करना।
  • पारदर्शिता: निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखना।
  • समानता: सभी छात्रों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना।
  • सुरक्षा: डेटा और परीक्षा प्रक्रियाओं की सुरक्षा।
  • सहयोग: छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ निरंतर संवाद और सहयोग।

प्रमुख कार्य:

  1. परीक्षा संचालन:
    • ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रारूपों में परीक्षाएं आयोजित करना।
    • साझेदार संस्थानों की पहचान करना, जो ऑनलाइन परीक्षा के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराएं।
  2. प्रश्न बैंक निर्माण:
    • सभी विषयों के लिए प्रश्न बैंक तैयार करना।
    • आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर परीक्षा के लिए उपयुक्त सामग्री तैयार करना।
  3. शोध एवं विकास:
    • परीक्षण प्रणाली में सुधार हेतु शोध और विकास को बढ़ावा देना।
    • विशेषज्ञों और संस्थानों के साथ साझेदारी करना।
  4. परामर्श सेवाएं:
    • भारत में शैक्षणिक संस्थानों को प्रशिक्षण और परामर्श प्रदान करना।
    • स्कूल बोर्डों को परीक्षण मानकों में सुधार हेतु सहयोग करना।
  5. सहयोग:
    • अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञता (जैसे ETS) का उपयोग कर उन्नत परीक्षण प्रणाली विकसित करना।
    • भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा सौंपे गए अन्य परीक्षा कार्यों का संचालन करना।

महत्वपूर्ण पहल:

  • एनटीए, जेईई (मुख्य), नीट (यूजी), सीयूईटी, और नेट जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं आयोजित करता है।
  • यह तकनीकी और शैक्षणिक विशेषज्ञता का उपयोग करके परीक्षाओं को त्रुटिहीन और निष्पक्ष बनाने पर केंद्रित है।

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