Ramsar Sites
संदर्भ:
राजस्थान के फालोदी के खीचन और उदयपुर के मेनार को हाल ही में रामसर साइट के रूप में नामित किया गया है। इसके साथ ही भारत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त आर्द्रभूमियों (Wetlands) की कुल संख्या अब 91 हो गई है, जो देश की जैव विविधता संरक्षण की दिशा में एक अहम उपलब्धि है।
राजस्थान के खीचन और मेनार को रामसर साइट्स का दर्जा
हाल की प्रमुख घोषणाएं:
- खीचन (फालोदी, राजस्थान): प्रवासी पक्षियों, विशेषकरडेमोइसल क्रेन्स (Demoiselle Cranes) के लिए विश्व प्रसिद्ध स्थल है।
- मेनार (उदयपुर, राजस्थान): “बर्ड विलेज” के नाम से प्रसिद्ध यह गांवसामुदायिक पक्षी संरक्षण के मॉडल के रूप में जाना जाता है।
अब राजस्थान में कुल 4 रामसर साइट्स:
- खीचन
- मेनार
- सांभर झील (नागौर और जयपुर)
- केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान (भरतपुर)
वेटलैंड्स (आर्द्रभूमि) क्या होती हैं?
- ये ऐसे क्षेत्र होते हैं जहां स्थायी या अस्थायी रूप से पानी भरा होता है — चाहे वह प्राकृतिक हो या कृत्रिम।
- समुद्री क्षेत्र भी शामिल हैं जहाँ जल की गहराई 6 मीटर से अधिक नहीं होती।
- वेटलैंड्स Ecotone होते हैं — यानी स्थल और जल पारिस्थितिक तंत्रों के बीच का संक्रमण क्षेत्र।
Ramsar Sites –
रामसर कन्वेंशन के बारे में:
- स्थापना: 1971 में ईरान के रामसर शहर में।
- उद्देश्य: आर्द्रभूमियों के संरक्षण और उनके विवेकपूर्ण उपयोग के लिए अंतरराष्ट्रीय ढांचा प्रदान करना।
- भारत की सदस्यता: वर्ष 1982 में।