Download Today Current Affairs PDF
हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने रातापानी अभ्यारण्य को राज्य का 9वाँ टाइगर रिजर्व घोषित करने की अधिसूचना जारी की। इससे पहले हाल ही में केंद्र सरकार ने शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क को प्रदेश का 8वां टाइगर रिजर्व घोषित किया था। दो दिन में मध्यप्रदेश को दो नए टाइगर रिजर्व की सौगात मिली है। प्रदेश में टाइगर रिजर्व की संख्या 7 से बढ़कर अब 9 हो गई हैं।
रातापानी टाइगर रिजर्व: मुख्य बिंदु:
- कुल क्षेत्रफल:
- कोर क्षेत्र: 812 वर्ग किलोमीटर।
- बफर क्षेत्र: 653 वर्ग किलोमीटर।
- कुल क्षेत्रफल: 465 वर्ग किलोमीटर।
- भौगोलिक स्थिति: यह टाइगर रिजर्व रायसेन और सीहोर जिलों में स्थित है।
- बफर क्षेत्र में शामिल ग्राम:
- राजस्व ग्राम झिरी बहेड़ा, जावरा मलखार, देलावाड़ी, सुरई ढाबा, पांझिर, कैरी चौका, दांतखो, साजौली और जैतपुर।
- इन 9 गांवों का 947 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र बफर क्षेत्र में जोड़ा गया है।
रातापानी टाइगर रिजर्व से होने वाले फायदे:
- ग्रामीणों के अधिकार सुरक्षित: टाइगर रिजर्व बनने से ग्रामीणों के मौजूदा अधिकारों में कोई बदलाव नहीं होगा।
- रोजगार के नए अवसर: ईको-टूरिज्म और पर्यटन के माध्यम से स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा।
- अंतर्राष्ट्रीय पहचान:
- रातापानी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी।
- भोपाल की पहचान ‘टाइगर राजधानी’ के रूप में होगी।
- बेहतर वन्यजीव प्रबंधन: टाइगर रिजर्व बनने पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) से बजट मिलेगा, जिससे वन्यजीवों का बेहतर प्रबंधन किया जा सकेगा।
मध्यप्रदेश में बाघों की स्थिति–
- बाघों की संख्या:
- वर्ष 2022 की गणना के अनुसार, मध्यप्रदेश में कुल 785 बाघ हैं।
- वर्ष 2018 में बाघों की संख्या 526 थी।
- टाइगर स्टेट का दर्जा: मध्यप्रदेश को “टाइगर स्टेट” का दर्जा प्राप्त है।
- टाइगर रिजर्व की संख्या:
- पहले 7 टाइगर रिजर्व थे: कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, पन्ना, सतपुड़ा, संजय दुबरी और नौरादेही।
- रातापानी और माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व घोषित किए जाने के बाद यह संख्या बढ़कर 9 हो गई है।
- बाघ संरक्षण का प्रभाव: बाघों की संख्या बढ़ने से वन्य जीवों के आशियाने भी तेजी से बढ़ रहे हैं।
भारत में बाघों की स्थिति (2024 तक):
- वर्ष 2024 तक, भारत में 55 टाइगर रिजर्व स्थापित किए गए हैं। यह देश विश्व के लगभग 80% बाघों का घर है। भारत में बाघों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2006 में बाघों की संख्या 1,400 थी, जो अब बढ़कर 3,682 के करीब पहुंच गई है।
- मध्य प्रदेश में सबसे अधिक बाघ हैं, जिसकी संख्या 785 है। इसके अलावा अन्य प्रमुख राज्य जो बाघों की महत्वपूर्ण आबादी रखते हैं, वे हैं:
- उत्तराखंड: 560 बाघ
- कर्नाटका: 563 बाघ
- महाराष्ट्र: 444 बाघ