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हाल ही में, प्रधानमंत्री ने RCS-उड़ान योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में सहारनपुर, रीवा, और अंबिकापुर हवाई अड्डों का उद्घाटन किया। यह योजना 2016 में शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य हवाई यात्रा को आम जनता के लिए सस्ता और सुलभ बनाना है, विशेष रूप से दूरदराज और वंचित क्षेत्रों में।
RCS-उड़ान योजना की मुख्य विशेषताएँ:
- नोडल मंत्रालय: नागरिक उड्डयन मंत्रालय
- उत्पत्ति:
- शुरुआत: 2016 में, यह राष्ट्रीय नागरिक विमानन नीति (एनसीएपी) का एक महत्वपूर्ण घटक है।
- पहली उड़ान: RCS-उड़ान योजना की पहली उड़ान 2017 में शिमला से दिल्ली के बीच का उद्घाटन किया गया।
- प्रकार: केंद्रीय क्षेत्र योजना
- उद्देश्य: भारत में बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी में सुधार करना, ताकि आम जनता के लिए हवाई यात्रा सस्ती हो सके।
फ़ायदे:
- यात्रियों के लिए रियायती सीटें: यात्रा शुल्क की सीमा तय की गई है (शुरुआत में 2500 रुपये प्रति यात्री)।
- एयरलाइनों को सहायता: सरकार कम किराये के कारण होने वाले नुकसान के लिए एयरलाइनों को व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) के रूप में क्षतिपूर्ति देती है।
- क्षेत्रीय संपर्क निधि (आरसीएफ): यह कुछ घरेलू उड़ानों पर शुल्क के माध्यम से वीजीएफ को वित्तपोषित करने का तंत्र है।
- बाजार-संचालित मॉडल: एयरलाइंस विशिष्ट मार्गों पर मांग का आकलन करती हैं और बोली दौर के दौरान प्रस्ताव प्रस्तुत करती हैं।
हाल ही में हुए बदलाव:
- वर्तमान में योजना का पांचवा चरण चल रहा है।
- 600 किमी की दूरी का अंतर घटाया गया है और हवाई किराए की सीमा में कमी की गई है।
- वीजीएफ को बढ़ाया गया है।
कार्यान्वयन एजेंसी: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई)
योजना की प्रमुख उपलब्धियाँ:
- नए विमानों की मांग: इस योजना से नए विमानों की मांग में वृद्धि हुई है।
- पर्यटन को बढ़ावा: उड़ान 3.0 ने कई पर्यटन मार्गों की शुरुआत की है, जैसे खजुराहो (मध्य प्रदेश), देवघर (झारखंड), अमृतसर (पंजाब), और अगत्ती द्वीप (लक्षद्वीप)।
- हवाई संपर्क को बढ़ावा देना: RCS-उड़ान ने देश के 34 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को जोड़ा है, जैसे मुंद्रा (गुजरात) से अरुणाचल प्रदेश के तेजू और हिमाचल प्रदेश के कुल्लू से तमिलनाडु के सेलम तक।
- हवाई अड्डों का परिचालन: उड़ान योजना के अंतर्गत कुल 86 हवाई अड्डों का परिचालन शुरू किया गया है।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI):भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) का गठन 1 अप्रैल 1995 को संसद के एक अधिनियम द्वारा हुआ, जिससे राष्ट्रीय विमानपत्तन प्राधिकरण और भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विमानपत्तन प्राधिकरण का विलय करके एक एकल संगठन की स्थापना हुई। इसका मुख्य उद्देश्य देश में नागरिक विमानन अवसंरचना का सृजन, उन्नयन, अनुरक्षण, और प्रबंधन करना है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के प्रमुख कार्य:1. विमानपत्तनों का विकास और प्रबंधन: अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू विमानपत्तनों तथा सिविल एन्क्लेवों के डिज़ाइन, विकास, प्रचालन, और अनुरक्षण की जिम्मेदारी AAI के अधीन है। 2. वायु क्षेत्र का प्रबंधन: अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) द्वारा स्वीकृत भारत के वायु क्षेत्र के नियंत्रण और प्रबंधन का कार्यभार AAI के पास है। 3. यात्री टर्मिनल का निर्माण और सुधार: AAI विमानपत्तनों के यात्री टर्मिनलों का निर्माण, सुधार, और प्रबंधन करता है, जिससे हवाई यात्रियों को बेहतर सुविधाएँ मिल सकें। 4. कार्गो टर्मिनल का विकास: अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू विमानपत्तनों पर कार्गो टर्मिनलों के विकास और प्रबंधन की जिम्मेदारी AAI निभाता है। 5. यात्री सुविधाओं का प्रावधान: विमानपत्तनों के यात्री टर्मिनलों पर यात्री सुविधाओं और सूचना प्रणालियों का प्रावधान AAI करता है। 6. प्रचालन क्षेत्र का विकास: रनवे, एप्रन, टैक्सीवे आदि प्रचालन क्षेत्रों का विस्तार और सुदृढ़ीकरण AAI द्वारा किया जाता है। 7. विज़ुअल एड्स का प्रावधान: AAI विमानपत्तनों पर विज़ुअल एड्स का प्रावधान करता है, ताकि विमान प्रचालन सुरक्षित और कुशल हो। 8. संचार और नेविगेशन एड्स: AAI द्वारा ILS (Instrument Landing System), DVOR, DME, रडार, आदि संचार और नेविगेशन एड्स का प्रावधान किया जाता है, जिससे विमान सुरक्षित रूप से उड़ान भर सकें और लैंड कर सकें। |
निष्कर्ष: RCS-उड़ान योजना ने भारत में हवाई यात्रा को सस्ता और सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके माध्यम से न केवल बुनियादी ढांचे का विकास हुआ है, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है, जिससे आर्थिक विकास को नई दिशा मिली है।
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