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हाल ही में रेंगमा नागा जनजाति ने नागालैंड के सेमिन्यु आरएसए मैदान में नगाडा उत्सव-सह-मिनी हॉर्नबिल महोत्सव का दो दिवसीय समारोह सफलतापूर्वक आयोजित किया। इस समारोह में जनजाति की सांस्कृतिक धरोहर, परंपराएँ, और त्योहारों की महत्ता को उजागर किया गया।
रेंगमा नागा जनजाति के बारे में:
जातीय समूह और स्थान:
- रेंगमा नागा जनजाति एक तिब्बती-बर्मन जातीय समूह है जो मुख्यतः नागालैंड और असम के कुछ हिस्सों में निवास करती है।
- भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार, नागालैंड में रेंगमाओं की जनसंख्या 62,951 है, जबकि असम में यह संख्या लगभग 22,000 है।
- रेंगमा लोग खुद को “नजोंग” या “इंजांग” के नाम से बुलाते हैं।
- ये लोग मंगोलॉयड नस्ल से संबंधित हैं और उनका इतिहास दक्षिण-पूर्व एशिया से जुड़ा हुआ है।
इतिहास:
- रेंगमा नागा जनजाति का मानना है कि वे दक्षिण-पूर्व एशिया से युन्नान पर्वत श्रृंखलाओं के माध्यम से ऊपरी बर्मा क्षेत्र में बस गए थे।
- रेंगमा समाज में दास प्रथा प्रचलित थी, और दासों को आमतौर पर मेणुगेतेन्यू और इत् साकेसा नामों से जाना जाता था। हालांकि, जब अंग्रेज नागा क्षेत्र में पहुंचे, तो यह प्रथा कम होती जा रही थी, और माना जाता है कि उस समय कोई भी रेंगमा गुलाम नहीं था।
अर्थव्यवस्था:
- रेंगमा जनजाति मुख्यतः कृषक होती है और अपनी जीवनशैली के लिए झूम खेती (शिफ्टिंग कल्टीवेशन) और गीली खेती का अभ्यास करती है।
- धान उनकी मुख्य फसल है, जिसके साथ वे मौसमी फसलें और फल भी उगाते हैं।
- कृषि के अलावा, वे स्थानीय स्तर पर अन्य कुटीर उद्योगों में भी सक्रिय होते हैं।
धर्म और आस्था:
- परंपरागत रूप से रेंगमा लोग अलौकिक प्राणियों और प्राकृतिक शक्तियों की पूजा करते थे।
- वर्तमान में, अधिकांश रेंगमा लोग ईसाई धर्म को अपना चुके हैं, और उनके धार्मिक जीवन में ईसाई विश्वास की महत्वपूर्ण भूमिका है।
त्योहार:
- रेंगमा जनजाति कई मौसमी त्योहारों का आयोजन करती है, जो उनकी कृषि परंपराओं से संबंधित होते हैं।
- “नगाडा” रेंगमा जनजाति का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है, जो विशेष रूप से कृषि और उर्वरता से जुड़ा हुआ होता है। इस त्योहार के दौरान जनजाति के लोग विभिन्न पारंपरिक अनुष्ठान, नृत्य, संगीत, और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन करते हैं।
सांस्कृतिक धरोहर:
- रेंगमा नागा जनजाति अपनी सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को बहुत महत्व देती है। उनके पारंपरिक नृत्य, गीत, हस्तशिल्प, और कला रूप उनकी सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करते हैं।
- नगाडा उत्सव इस सांस्कृतिक धरोहर को मनाने और आने वाली पीढ़ियों में इसे संजोने का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है।
निष्कर्ष: रेंगमा नागा जनजाति न केवल अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि वे अपनी कृषि और धार्मिक परंपराओं के साथ एक मजबूत समुदाय के रूप में जीवित हैं। उनका नगाडा त्योहार और अन्य सांस्कृतिक आयोजन न केवल उनकी परंपराओं को जीवित रखते हैं, बल्कि उनकी सामाजिक एकजुटता और सांस्कृतिक पहचान को भी प्रदर्शित करते हैं।