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घरेलू प्रवास रिपोर्ट

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घरेलू प्रवास रिपोर्ट : 2023 में घरेलू प्रवासियों की संख्या में लगभग 12% की कमी आई है, जो 45.57 करोड़ से घटकर 40.20 करोड़ हो गई है। इसके साथ ही प्रवासन दर भी करीब 38% से घटकर लगभग 29% तक पहुँच गई है।

घरेलू प्रवास रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:

  1. घरेलू प्रवासन में कमी:
    • 2011 से 2023 के बीच घरेलू प्रवासियों की संख्या में लगभग 12% की कमी।
    • 2011 में 57 करोड़ प्रवासी थे, जबकि 2023 में यह संख्या घटकर 40.20 करोड़ रह गई।
  2. आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) की रिपोर्ट:
    • 2023 में कुल घरेलू प्रवासियों की संख्या 40,20,90,396 दर्ज की गई।
    • पिछले एक दशक में प्रवासन पैटर्न में बदलाव को दर्शाता है।
  3. प्रवासन दर में गिरावट:
    • 2011 में प्रवासन दर कुल जनसंख्या का 64% थी।
    • 2023 में यह घटकर 88% हो गई।
    • देश के भीतर घरेलू प्रवासन में गिरावट का संकेत।
  4. प्रवासन के स्वरूप:
    • छोटे दूरी के प्रवासन का दबदबा, बड़ी दूरी के प्रवासन पर नकारात्मक प्रभाव।
    • प्रवासन मुख्य रूप से बड़े शहरी केंद्रों जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, और कोलकाता के आसपास से होता है।
  5. प्रमुख प्रवासन मार्ग:
    • राज्य स्तरीय प्रमुख प्रवासन मार्ग: यूपी-दिल्ली, गुजरात-महाराष्ट्र, तेलंगाना-आंध्र प्रदेश, बिहार-दिल्ली।
  6. प्रवासी हिस्सेदारी में बदलाव:
    • प्रवासी हिस्सेदारी में वृद्धि: पश्चिम बंगाल, राजस्थान, और कर्नाटक।
    • प्रवासी हिस्सेदारी में कमी: महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश।

प्रवासियों की संख्या में कमी के कारण:

  1. मूल स्थानों पर बेहतर बुनियादी ढाँचा (सड़कें, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, सार्वजनिक परिवहन)।
  2. सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की उपलब्धता।
  3. ग्रामीण क्षेत्रों के पास रोजगार के अवसर बढ़ने से स्थानीय आर्थिक विकास।

घरेलू प्रवासियों के कल्याण के लिए उठाए गए कदम:

  1. अंतरराज्य प्रवासी श्रमिक अधिनियम, 1979: प्रवासी श्रमिकों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए।
  2. आयुष्मान भारत योजना (PMJAY): प्रवासी श्रमिकों को द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य लाभ के लिए 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा।
  3. वन नेशन वन राशन कार्ड योजना: प्रवासियों और उनके परिवारों को पूरे देश में राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी की सुविधा।

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM):

  1. परिचय:
    • प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) एक स्वतंत्र सलाहकार निकाय है।
    • इसका उद्देश्य भारत सरकार, विशेष रूप से प्रधानमंत्री को आर्थिक मुद्दों पर सलाह और सिफारिशें देना है।
  2. स्वतंत्र सलाहकार निकाय:
    • यह ऐसा समूह है जो विशेषज्ञ सलाह और सिफारिशें प्रदान करता है।
    • यह किसी सरकारी या राजनीतिक इकाई के सीधा प्रभाव या नियंत्रण में नहीं होता।
  3. सदस्यों की नियुक्ति: प्रधानमंत्री के पास EAC-PM के सदस्यों की नियुक्ति करने का अधिकार होता है।

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