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परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (ARCs) के लिए संशोधित दिशानिर्देश

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संदर्भ:

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (ARCs) के लिए दिशानिर्देशों को संशोधित करते हुए आरबीआई (एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियां) मास्टर डायरेक्शन्स, 2024″ जारी किए हैं।

परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (ARCs) संशोधित दिशानिर्देशों के मुख्य बिंदु:

  1. सेटलमेंट नीतियां:
    • ARC (एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनियों) को बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति अपनानी होगी जिसमें:
      • वन-टाइम सेटलमेंट (OTS) के लिए पात्रता मानदंड।
      • स्वीकार्य रियायतें।
      • प्रतिभूतियों के प्राप्त मूल्य निर्धारण की कार्यप्रणाली।
    • सेटलमेंट तभी किया जाएगा जब सभी वसूली विकल्प समाप्त हो जाएं और यह सबसे उपयुक्त विकल्प हो।
  2. सेटलमेंट राशि:
    • सेटलमेंट को प्राथमिकता से एकमुश्त भुगतान में किया जाना चाहिए।
    • चरणबद्ध भुगतान के मामलों में, ARC को उधारकर्ता की व्यावसायिक योजनाओं, आय अनुमान, और नकदी प्रवाह का मूल्यांकन करना होगा।
  3. स्वतंत्र सलाहकार समिति (IAC): ₹1 करोड़ से अधिक की देयता वाले खातों के लिए, प्रस्ताव की जांच तकनीकी, वित्तीय और कानूनी पृष्ठभूमि वाले पेशेवरों की IAC द्वारा की जाएगी।
  4. धोखाधड़ी या जानबूझकर डिफॉल्ट करने वाले खाते: ARC धोखाधड़ी या जानबूझकर डिफॉल्ट वाले मामलों में भी बकाया सेटल कर सकते हैं, बशर्ते कि कानूनी कार्यवाही प्रभावित न हो।
  5. पुनरीक्षित मूल्यांकन मानदंड: ARC को अधिग्रहित प्रतिभूतियों के मूल मूल्यांकन और सेटलमेंट के दौरान उनके प्राप्त मूल्य में अंतर के कारणों को रिकॉर्ड करना होगा।
  6. कानूनी निगरानी: न्यायिक कार्यवाही के अधीन खातों के सेटलमेंट के लिए संबंधित प्राधिकरणों से सहमति आदेश (Consent Decree) प्राप्त करना अनिवार्य है।
  7. नेट ओन्ड फंड की आवश्यकता: ARC को FY26 तक न्यूनतम ₹300 करोड़ का नेट ओन्ड फंड बनाए रखना होगा।

एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (ARC):

  • परिभाषा: यह एक वित्तीय संस्था है जो बैंकों और वित्तीय संस्थानों से एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ) या खराब परिसंपत्तियाँ खरीदती है, जिससे बैंक अपनी बैलेंस शीट को साफ कर सकें।
  • स्थापना: केंद्रीय बजट 2021-22 में भारत में एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों (ARC) की स्थापना की घोषणा की गई थी।
  • भूमिका:
    • ARC बैंकों और वित्तीय संस्थानों की तनावग्रस्त वित्तीय परिसंपत्तियों के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
    • यह संपूर्ण वित्तीय प्रणाली के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायता करती हैं।
  • विनियमन:
    • ARC को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा विनियमित किया जाता है।
    • इनका संचालन 2002 के सरफेसी अधिनियम (SARFAESI Act, 2002) के तहत किया जाता है।

एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों (ARC) के कार्य:

  • खराब ऋणों का अधिग्रहण: ARC बैंकों से एनपीए रियायती मूल्य पर खरीदती हैं, जिससे बैलेंस शीट साफ होती है।
  • परिसंपत्तियों का समाधान: खराब ऋणों के बाद, ARC पुनर्गठन, निपटान या परिसंपत्ति बिक्री से वसूली करती हैं।
  • ऋणों का प्रतिभूतिकरण:ARC खराब ऋणों पर आधारित बॉन्ड जारी कर धन जुटाती हैं।

महत्व:

  • बैंकिंग सिस्टम के लिए बफर: ARC एनपीए को बैंक की मुनाफा और पूंजी से बचाती हैं।
  • आरबीआई के दिशा-निर्देश: आरबीआई के नए दिशा-निर्देश ARC की कार्यकुशलता और वित्तीय स्थिरता को बढ़ाते हैं।

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