Shipki La Pass
संदर्भ:
हिमाचल प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए शिपकी ला दर्रे को घरेलू पर्यटकों के लिए खोला गया है। किन्नौर जिले में समुद्र तल से 3,930 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह दर्रा न केवल सीमा पर्यटन को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि भारत-चीन के पारंपरिक व्यापार मार्ग को पुनर्जीवित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकता है।
(Shipki La Pass) शिपकी ला दर्रा: भारत–तिब्बत सीमा का ऐतिहासिक व्यापारिक मार्ग
- स्थान और भौगोलिक महत्व:
- शिपकी ला भारत-तिब्बत सीमा (LAC) पर स्थित एक मोटरेबल माउंटेन पास है।
- यह भारत के उच्चतम वाहन-योग्य दर्रों में से एक है।
- सतलुज नदी का मार्ग:
- सतलुज नदी (तिब्बत में लांगचेन जंगबो) भारत में यही दर्रा पार करके प्रवेश करती है।
- ऐतिहासिक नाम और परिवर्तन:
- इसे पहले पेमा ला या शेयर्ड गेट के नाम से जाना जाता था।
- 1962 के बाद ITBP (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) ने इसका नाम बदलकर शिपकी ला रखा।
- ऐतिहासिक व्यापारिक महत्व:
- 5वीं शताब्दी से यह एक महत्वपूर्ण भारत–तिब्बत व्यापार मार्ग रहा है।
- यह मार्ग 1962 के भारत-चीन युद्ध, डोकलाम गतिरोध और कोविड-19 महामारी के बाद से बंद है।
- व्यापारिक वस्तुएं:
- तिब्बत से आयात: ऊन, पशुधन, याक उत्पाद, धार्मिक वस्तुएं, खनिज।
- भारत से निर्यात: अनाज, मसाले, तंबाकू, लकड़ी और धातु उपकरण।
शिपकी ला दर्रा: व्यापार, संस्कृति और रणनीति का संगम
आर्थिक प्रभाव:
- शिपकी ला के खुलने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की संभावना है।
- मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और सीमा गांवों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
- स्थानीय व्यापारी व्यापार पुनः शुरू करने से राजस्व और क्षेत्रीय विकास की संभावना बढ़ती है।
सांस्कृतिक आदान–प्रदान:
- यह दर्रा केवल व्यापार मार्ग नहीं, बल्कि सांस्कृतिक सेतु भी है।
- भारत और तिब्बत के बीच ऐतिहासिक व्यापार संधियां और लद्दाख-तिब्बत के पुराने संबंध इस मार्ग की सांस्कृतिक महत्ता को रेखांकित करते हैं।
- इसके पुनरुद्धार से सांस्कृतिक जुड़ाव और लोक विरासत को नया जीवन मिल सकता है।
भविष्य की संभावनाएं:
- दर्रे को लेकर केंद्र सरकार से चीन से व्यापारिक संवाद की मांग की जा रही है।
- यह क्षेत्र पर्यटन, व्यापार और सांस्कृतिक संपर्क के लिए अत्यधिक संभावनाओं से भरा है।
- स्थानीय समुदाय इस पहल से मिलने वाले लाभों को लेकर आशावान है।
रणनीतिक महत्त्व:
- LAC के पास स्थित होने से इसका सुरक्षात्मक और रणनीतिक महत्व और बढ़ जाता है।
- यह दर्रा कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए एक वैकल्पिक मार्ग बन सकता है, जिससे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
- इसके खुलने से राष्ट्रीय सुरक्षा और कूटनीति के दृष्टिकोण से भी भारत को लाभ हो सकता है।