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डाक विभाग ने सिकल सेल उन्मूलन-2047 पहल को समर्पित एक विशेष स्मारक डाक टिकट जारी किया है। इस पहल का उद्देश्य 2047 तक आदिवासी समुदायों के बीच सिकल सेल एनीमिया को खत्म करना है।
जनजातीय गौरव दिवस पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने धार के पीजी कॉलेज में “सिकल सेल उन्मूलन-2047” स्मारक डाक टिकट का अनावरण किया।
सिकल सेल उन्मूलन-2047 के मुख्य बिंदु
- स्मारक डाक टिकट का अनावरण
- मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसका अनावरण किया।
- यह पहल मध्य प्रदेश की सिकल सेल एनीमिया के खिलाफ लड़ाई को मान्यता देती है।
- राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन मिशन (NSCAEM)
- जुलाई 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मध्य प्रदेश से मिशन की शुरुआत।
- केंद्रीय बजट 2023 में इस मिशन की घोषणा।
- मिशन का उद्देश्य और प्रयास
- 2047 तक सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन।
- विशेष प्रयोगशालाएं, प्रसवपूर्व निदान, राष्ट्रीय पोर्टल और मोबाइल ऐप का विकास।
- जेनेटिक काउंसलिंग, सामुदायिक जांच और उन्नत डायग्नोस्टिक उपकरणों का उपयोग।
- सिकल सेल एनीमिया की स्थिति
- मध्य प्रदेश में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र।
- अनुमानित आंकड़े:
- 9,61,492 लोग सिकल सेल लक्षण से प्रभावित।
- 67,861 लोग सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित।
- पहल की शुरुआत
- मिशन का पायलट प्रोजेक्ट अलीराजपुर और झाबुआ जिलों में शुरू हुआ।
- अब इसे 17 राज्यों तक विस्तारित किया गया है।
अन्य जानकारी
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सिकल सेल रोग को आदिवासी स्वास्थ्य से जुड़ी 10 प्रमुख समस्याओं में सूचीबद्ध किया है।
- यह पहल आदिवासी समुदायों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और जागरूकता प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सिकल सेल एनीमिया: एक गंभीर वंशानुगत रोग
क्या है सिकल सेल एनीमिया?
सिकल सेल एनीमिया एक आनुवंशिक विकार है, जो शरीर के सभी भागों में ऑक्सीजन पहुंचाने वाली लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) के आकार को प्रभावित करता है।
- सामान्य RBCs गोल और लचीली होती हैं, जो रक्त वाहिकाओं से आसानी से गुजरती हैं।
- सिकल सेल एनीमिया में कुछ RBCs का आकार दरांती (सिकल) या अर्धचंद्राकार हो जाता है।
- ये कोशिकाएं कठोर और चिपचिपी हो जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है या अवरुद्ध हो सकता है।
रोग के मुख्य कारण
- यदि माता-पिता दोनों में सिकल सेल लक्षण हैं, तो शिशु को यह रोग होने की संभावना अधिक रहती है।
- सिकल कोशिकाओं के कारण रक्त प्रवाह में रुकावटें आती हैं, जो शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाती हैं।
जीवनकाल और स्वास्थ्य जटिलताएं
- इस रोग से पीड़ित व्यक्ति का औसत जीवनकाल लगभग 40 वर्ष होता है।
- रोग के कारण जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
सिकल सेल एनीमिया के लक्षण
- सामान्य लक्षण:
- एनीमिया (खून की कमी),
- पीलिया,
- यकृत और प्लीहा का बढ़ना।
- गंभीर लक्षण:
- हाथ-पैर में सूजन और दर्द,
- बार-बार संक्रमण होना,
- शारीरिक विकास में देरी,
- दृष्टि संबंधी समस्याएं।
- विशिष्ट स्वास्थ्य समस्या:
- फीमर की हड्डी का एवैस्कुलर नेक्रोसिस।
भारत में सिकल सेल एनीमिया की स्थिति
रोग का प्रकोप
- भारत में सिकल सेल रोग से 10 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं।
- विश्व में इसके मामलों में भारत दूसरे स्थान पर है।
- रोग के अधिकांश मामले आदिवासी इलाकों (ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र) में पाए जाते हैं।
चिकित्सा संबंधी बाधाएं
- उपचार तक पहुंच का अभाव:
- केवल 18% रोगी नियमित उपचार प्राप्त करते हैं।
- दवाओं की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती है।
- उपचार और अनुसंधान
- सिकल सेल रोग का कोई स्थायी उपचार नहीं है।
- जीन थेरेपी पर शोध जारी है, लेकिन यह महंगा हो सकता है।
- टीकाकरण कवरेज में कमी भी एक बड़ी समस्या है।
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