single use plastic
single use plastic –
संदर्भ:
केरल हाईकोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए रेस्तरां, विवाह समारोहों, सरकारी आयोजनों और पर्यटक-प्रधान पहाड़ी क्षेत्रों में सिंगल यूज़ प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। यह प्रतिबंध 2 अक्टूबर से प्रभावी होगा।
प्रतिबंधित वस्तुएँ:
निम्नलिखित प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया गया है:
- 5 लीटर से कम क्षमता वाली प्लास्टिक पानी की बोतलें
- 2 लीटर से कम की सॉफ्ट ड्रिंक की बोतलें
- प्लास्टिक के कप, स्ट्रॉ, प्लेट और चम्मच
- प्लास्टिक फूड कंटेनर
- सरकारी आयोजनों में प्रयुक्त प्लास्टिक सामग्री
वैकल्पिक समाधान (High Court द्वारा सुझाए गए):
- पर्यटन स्थलों और सार्वजनिक आयोजनों में साफ और सुरक्षित पेयजल हेतु कियोस्क लगाना
- प्लास्टिक की जगह कांच या स्टेनलेस स्टील की बोतलों का उपयोग
- विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में प्लास्टिक पर निर्भरता कम करने के प्रयास
प्लास्टिक कचरे का प्रभाव:
जलवायु और जैव विविधता संबंधी प्रभाव:
- मिट्टी और जल प्रदूषण से स्थानीय खाद्य तंत्र और जैव विविधता पर असर
- प्लास्टिक से जुड़ा कचरा पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक संवेदनशीलता पैदा करता है
पर्यावरणीय संवेदनशीलता: पहाड़ी क्षेत्र पारिस्थितिक रूप से नाजुक होते हैं, जिन्हें अधिक संरक्षण की आवश्यकता है
जनस्वास्थ्य पर असर: प्लास्टिक कचरे के ढेर से मच्छरों की पैदावार, जल-प्रदूषण, और पर्यटन स्थलों की सुंदरता में गिरावट
कचरा प्रबंधन की चुनौतियाँ (पहाड़ी क्षेत्रों में):
- स्थानीय कचरा प्रबंधन अवसंरचना का अभाव – संग्रह, छंटाई, और निपटान की व्यवस्था नहीं
- नीतियों का कमजोर कार्यान्वयन – प्रतिबंध लागू तो है, पर निगरानी और वैकल्पिक साधनों की कमी
- जागरूकता की कमी – Extended Producer Responsibility (EPR) के तहत निर्माता और पर्यटक, दोनों में जागरूकता की कमी
- भौगोलिक बाधाएँ – ऊबड़-खाबड़ ज़मीन, बिखरी आबादी और मौसमी बाधाएँ लॉजिस्टिक समस्याएँ पैदा करती हैं
भारत के प्रयास:
- Extended Producer Responsibility (EPR): उत्पादकों को उनके उत्पादों से उत्पन्न प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन की ज़िम्मेदारी दी गई
- Plastic Waste Management (Amendment) Rules, 2022: 120 माइक्रॉन से कम मोटाई वाली प्लास्टिक कैरी बैग्स पर प्रतिबंध
- स्वच्छ भारत अभियान: राष्ट्रव्यापी अभियान, जिसमें प्लास्टिक कचरे का संग्रह और निपटान शामिल है
- Plastic Parks: विशेष औद्योगिक क्षेत्र, जहाँ प्लास्टिक कचरे को प्रोसेस और रिसाइकल किया जाता है
- न्यायपालिका की सक्रियता: अनुच्छेद 21 (जीवन के अधिकार) के तहत पर्यावरण क्षरण पर न्यायिक हस्तक्षेप
सिंगल यूज़ प्लास्टिक क्या है?
परिभाषा: सिंगल यूज़ प्लास्टिक वे प्लास्टिक उत्पाद होते हैं जिन्हें केवल एक बार उपयोग करने के बाद फेंक दिया जाता है।
प्रमुख उदाहरण:
- प्लास्टिक बैग्स
- स्ट्रॉ (straws)
- कप और प्लेटें
- स्टिरर (चम्मच/हिलाने वाले)
- खाद्य पैकेजिंग सामग्री
- पानी और सॉफ्ट ड्रिंक की बोतलें
समस्या क्यों हैं?
- तेज़ी से बढ़ता कचरा – पुनः उपयोग नहीं होता
- पुनर्चक्रण कठिन – अधिकतर SUPs को रीसायकल करना कठिन या असंभव होता है
- प्रदूषण का बड़ा स्रोत – नदियों, समुद्रों और मिट्टी में प्लास्टिक प्रदूषण का प्रमुख कारण
- स्वास्थ्य और जैव विविधता को नुकसान – सूक्ष्म प्लास्टिक मानव और जीवों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है