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हाल ही में जिनेवा में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा “सोशल डायलॉग रिपोर्ट“ जारी की गई।
सोशल डायलॉग रिपोर्ट के मुख्य बिंदु (ILO):
प्रमुख सिफारिशें–
- श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा:
- एसोसिएशन की स्वतंत्रता: श्रमिकों को संगठित होने की स्वतंत्रता दी जाए।
- सामूहिक सौदेबाजी का अधिकार: श्रमिकों और नियोक्ताओं के बीच निष्पक्ष सौदेबाजी की व्यवस्था हो।
- सामाजिक भागीदारों को सशक्त बनाना:
- संसाधन और तकनीकी विशेषज्ञता: श्रम प्रशासन और सामाजिक भागीदारों को संसाधनों और तकनीकी विशेषज्ञता से लैस किया जाए।
- उच्च–स्तरीय संवाद: नीतिगत फैसलों में भागीदारी के लिए उन्हें सक्षम बनाया जाए।
- समावेशिता और मूल्यांकन:
- समावेशी संस्थान: राष्ट्रीय संवाद संस्थानों में कम प्रतिनिधित्व वाले समूहों को भी शामिल किया जाए।
- नियमित मूल्यांकन: आर्थिक और सामाजिक फैसलों में संवाद की भूमिका का नियमित, तथ्य-आधारित मूल्यांकन किया जाए।
सोशल डायलॉग रिपोर्ट (ILO) के मुख्य निष्कर्ष:
- अनुपालन में गिरावट:
- अधिकारों में 7% की गिरावट: 2015 से 2022 के बीच, संघ बनाने की स्वतंत्रता और सामूहिक सौदेबाजी के अधिकारों के अनुपालन में 7% की कमी हुई।
- मुख्य कारण: श्रमिकों, नियोक्ताओं और उनके संगठनों के नागरिक स्वतंत्रताओं और सौदेबाजी के अधिकारों के उल्लंघन से यह गिरावट हुई।
- वैश्विक परिवर्तन चुनौतियाँ:
- सामाजिक संवाद की आवश्यकता:निम्नलिखित क्षेत्रों में बदलाव को प्रबंधित करने के लिए सामाजिक संवाद महत्वपूर्ण है:
- निम्न–कार्बन अर्थव्यवस्थाएँ: पर्यावरण अनुकूल नीतियों को लागू करना।
- डिजिटल प्रगति: तकनीकी विकास के साथ श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा।
- सामाजिक संवाद की आवश्यकता:निम्नलिखित क्षेत्रों में बदलाव को प्रबंधित करने के लिए सामाजिक संवाद महत्वपूर्ण है:
सोशल डायलॉग रिपोर्ट क्या है?
यह रिपोर्ट विश्व स्तर पर सामाजिक संवाद तंत्र की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करती है। यह सर्वोत्तम प्रथाओं और चुनौतियों की पहचान करती है और सुधार के लिए ठोस सिफारिशें प्रदान करती है।
रिपोर्ट का उद्देश्य:
- मूल्यांकन:
- विभिन्न देशों में सामाजिक संवाद की स्थिति का विश्लेषण।
- सफल उदाहरणों को उजागर करना और सुधार की आवश्यकता वाले क्षेत्रों की पहचान।
- सिफारिशें: सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिक संगठनों के लिए सामाजिक संवाद तंत्र को मजबूत करने के उपाय सुझाना।
रिपोर्ट का महत्व:
- आर्थिक विकास: आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देना।
- सामाजिक प्रगति: समाज में सकारात्मक बदलाव लाना।
- समावेशी विकास: सभी के लिए न्यायपूर्ण और समान विकास सुनिश्चित करना।
सोशल डायलॉग के लाभ:
- आर्थिक और सामाजिक प्रगति: सामाजिक प्रगति के साथ आर्थिक विकास को संभव बनाता है।
- समावेशी बदलाव: कम-कार्बन और डिजिटल बदलाव को निष्पक्ष और समावेशी बनाता है।
ILO के बारे में:
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है जो सामाजिक और आर्थिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय श्रम मानकों को निर्धारित करती है।
स्थापना:
- अक्टूबर 1919: लीग ऑफ नेशंस के तहत स्थापित।
- मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड।
- सदस्य देश: 187
भारत और ILO:
- भारत ILO का संस्थापक सदस्य है।