Steering Committee Meeting of Project Elephant
Steering Committee Meeting of Project Elephant –
संदर्भ:
प्रोजेक्ट एलिफेंट की 21वीं स्टियरिंग कमेटी की बैठक देहरादून स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी (IGNFA) में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक का मुख्य फोकस मानव-हाथी संघर्ष जैसी गंभीर समस्या के समाधान पर रहा।
स्टीयरिंग कमेटी बैठक के प्रमुख निष्कर्ष:
हाथी जनगणना (Phase-I):
- उत्तर–पूर्वी राज्यों में हाथियों की एकीकृत जनसंख्या गणना का पहला चरण पूरा हुआ।
- 16,500 से अधिक हाथी के मल नमूने जनसंख्या आकलन के लिए एकत्र किए गए।
रेल हादसे और जोखिम क्षेत्र:
- हाथी-रेल टकराव रोकने के लिए 77 उच्च जोखिम वाले ज़ोन की पहचान की गई।
- 2019–20 से 2023–24 के बीच 73 हाथियों की मौत रेल हादसों में दर्ज की गई।
मानव–हाथी संघर्ष: दक्षिण और उत्तर-पूर्व भारत के लिए क्षेत्रीय कार्य योजनाओं पर चर्चा हुई, ताकि मानव-हाथी संघर्ष को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सके।
भारत में हाथियों से संबंधित प्रमुख तथ्य और संरक्षण प्रयास:
हाथी:
- भारत का प्राकृतिक धरोहर पशु (Natural Heritage Animal) घोषित।
- “कीस्टोन प्रजाति” (Keystone Species) मानी जाती है — ये वन पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन और स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- हाथियों का मस्तिष्क स्थलीय प्राणियों में सबसे बड़ा होता है — इन्हें उनकी असाधारण बुद्धिमत्ता के लिए जाना जाता है।
- भारतीय हाथी मुख्य रूप से पश्चिमी घाट, पूर्वोत्तर भारत, पूर्वी भारत, उत्तरी भारत, और कुछ दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
- इन्हें भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची–I और CITES के परिशिष्ट–I में शामिल किया गया है।
- IUCN रेड लिस्ट में एशियाई हाथी (भारतीय हाथी) को लुप्तप्राय (Endangered) श्रेणी में रखा गया है — इसके कारण हैं:
- आवास हानि (Habitat Loss)
- मानव-हाथी संघर्ष
- शिकार (Poaching)
प्रोजेक्ट एलिफैंट (Project Elephant):
- वर्ष 1992 में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक केंद्रीय प्रायोजित योजना (Centrally Sponsored Scheme)।
- उद्देश्य:
- हाथियों, उनके आवास और गलियारों का संरक्षण
- मानव-हाथी संघर्ष की समस्या का समाधान
- बंदी हाथियों की देखभाल और कल्याण
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय देश के प्रमुख हाथी-बहुल राज्यों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करता है।
शिवालिक हाथी आरक्षित क्षेत्र (Shivalik Elephant Reserve), उत्तराखंड:
- 2002 में “प्रोजेक्ट एलिफैंट” के तहत स्थापित किया गया।
- भारत में हाथियों की सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक।
- यह आरक्षित क्षेत्र निम्नलिखित संरक्षित क्षेत्रों को सम्मिलित करता है:
- राजाजी राष्ट्रीय उद्यान
- कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व
- सोननदी वन्यजीव अभयारण्य