Stingless Bees
संदर्भ:
हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह पाया गया है कि बिना डंक वाली मधुमक्खियाँ (Stingless Bees) किसानों की सब्ज़ियों और अन्य फसलों की उपज को लगभग 29 प्रतिशत बढ़ाने में सहायक हो सकती हैं।
(Stingless Bees) स्टिंगलेस मधुमक्खियाँ: पारिस्थितिक और औषधीय महत्व–
परिचय:
- स्टिंगलेस बी (Stingless Bee) ऐसी मधुमक्खी होती है जो डंक नहीं मार सकती, जबकि दिखने में यह सामान्य मधुमक्खी जैसी ही होती है।
- यह भी यू–सोशल (Eusocial) होती हैं, यानी ये संगठित कालोनियों में रहती हैं जिनमें रानी (Queen), नर (Drones) और कई श्रमिक (Worker) मधुमक्खियाँ होती हैं।
प्रमुख विशेषताएँ:
- सामान्य मधुमक्खियों की तुलना में आकार में छोटी होती हैं।
- डंक की जगह काटकर (biting) घोंसले की रक्षा करती हैं।
- प्रमुख वितरण क्षेत्र:
- भारत, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और अन्य उष्णकटिबंधीय क्षेत्र।
- भारत में मुख्यतः उत्तर–पूर्व, दक्षिण और पूर्वी हिस्सों में पाई जाती हैं।
वैज्ञानिक पालन:
- स्टिंगलेस बी का वैज्ञानिक रूप से पालतूकरण सबसे पहले नागालैंड में किया गया।
- इसके बाद यह कार्य मेघालय और अरुणाचल प्रदेश तक विस्तारित हुआ।
पारिस्थितिक एवं आर्थिक महत्व:
- ये मधुमक्खियाँ फसलों के परागण में सहायक होती हैं, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होती है।
- ये मूल्यवान औषधीय शहद (Medicinal Honey) बनाती हैं, जो अपने उपचारात्मक गुणों के लिए प्रसिद्ध है।