SynHG
संदर्भ:
“ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक महत्वाकांक्षी पहल ‘सिंथेटिक ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट (SynHG)’ की शुरुआत की है, जो मानव जीनोम को पढ़ने से एक कदम आगे बढ़ते हुए उसे कृत्रिम रूप से लिखने का प्रयास है। यह जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी पहल मानी जा रही है।”
Synthetic Human Genome Project (SynHG): एक परिचय
- SynHG (Synthetic HGP) मानव जीनोम को पढ़ने (reading) के बजाय लिखने (writing) की दिशा में एक बड़ा कदम है।
- इसका उद्देश्य है मानव DNA के बड़े खंडों को कृत्रिम रूप से बनाना — यानी जैविक पठन से जैव अभियांत्रिकी की ओर परिवर्तन।
उद्देश्य:
- मानव जीनोम के बड़े कार्यात्मक खंडों को शून्य से डिज़ाइन कर बनाना।
- जीनोम को लिखने, परीक्षण करने और संयोजित करने के लिए नई तकनीकों का विकास।
महत्त्व:
- रोग मॉडलिंग: कृत्रिम जीनोम की मदद से मानव रोगों की बेहतर समझ और सटीक दवा विकास संभव होगा।
- जीन थेरेपी: विशिष्ट कार्यों के लिए DNA डिज़ाइन कर आनुवंशिक बीमारियों का इलाज या उपचार किया जा सकता है।
- अवयव विकास: भविष्य में जैव-इंजीनियर्ड अंगों या ऊतकों के निर्माण की आधारशिला रखता है।
Human Genome Project (HGP):
उद्देश्य: मानव शरीर के सभी जीन (लगभग 20,000–25,000) की पहचान और उन्हें मानचित्रित करना। इस जानकारी को सार्वजनिक रूप से सुलभ बनाना।
समयरेखा:
- परियोजना की शुरुआत: 1990
- पूर्णता: 2003
प्रमुख उपलब्धियाँ:
- मानव जीनोम के लगभग 1 अरब बेस पेयर्स में से लगभग 92% अनुक्रमित (sequenced) किए गए।
- यह परियोजना मानव आनुवंशिकी और जैव चिकित्सा अनुसंधान में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुई।