दूरसंचार अधिनियम 2023:
भारत सरकार के संचार मंत्रालय के अंतर्गत दूरसंचार विभाग ने ‘दूरसंचार अधिनियम 2023’ के तहत नए नियमों का पहला सेट जारी किया है। इन नियमों को ‘दूरसंचार (डिजिटल भारत निधि का प्रबंधन) नियम, 2024’ के नाम से जाना जाएगा, जिसे 20 अगस्त, 2024 को भारत के राजपत्र में अधिसूचित किया गया। मसौदा नियम पहले 4 जुलाई, 2024 को प्रकाशित किए गए थे, जिन पर 30 दिनों के भीतर आम जनता से सुझाव आमंत्रित किए गए थे।
- डिजिटल भारत निधि: एक नया दृष्टिकोण:
- भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के तहत बनाए गए सार्वभौमिक सेवा दायित्व कोष का अब दूरसंचार अधिनियम, 2024 की धारा 24(1) के अंतर्गत ‘डिजिटल भारत निधि’ के रूप में पुनर्नामकरण किया गया है।
- इस निधि का उद्देश्य उन नए क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए सहायता प्रदान करना है, जिन्हें वर्तमान प्रौद्योगिकी के बदलते दौर में इसकी आवश्यकता हो सकती है।
- केंद्रीय मंत्री की घोषणा:
- केंद्रीय संचार मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा कि नए नियम डिजिटल कनेक्टिविटी को सुधारने और सभी वर्गों के लिए समान दूरसंचार सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के सरकार के संकल्प को दर्शाते हैं।
- उन्होंने इस कदम को 2047 तक विकसित भारत बनने की दिशा में महत्वपूर्ण बताया।
- नियमों के तहत प्रशासक की शक्तियां और कार्य:
- इन नियमों के तहत डिजिटल भारत निधि के प्रबंधन के लिए एक प्रशासक की शक्तियों और कार्यों को परिभाषित किया गया है।
- प्रशासक डिजिटल भारत निधि के कार्यान्वयन और प्रशासन की देखरेख के लिए उत्तरदायी होंगे। साथ ही, ये नियम निधि के अंतर्गत आने वाली योजनाओं और परियोजनाओं के मानदंड और उनके कार्यान्वयन के लिए चयन प्रक्रिया का प्रावधान करते हैं।
- निधि का उद्देश्य और लक्षित समूह:
- डिजिटल भारत निधि के अंतर्गत मिलने वाली वित्तीय सहायता को दूरदराज के क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं के सुधार के लिए तथा समाज के वंचित समूहों, जैसे महिलाएं, दिव्यांग और आर्थिक व सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों पर केंद्रित परियोजनाओं के लिए आवंटित किया जाएगा।
- योजनाओं और परियोजनाओं के मानदंड
- डिजिटल भारत निधि से वित्तपोषित योजनाओं और परियोजनाओं को विभिन्न मानदंडों को पूरा करना होगा।
- इनमें मोबाइल और ब्रॉडबैंड सेवाओं सहित दूरसंचार सेवाओं का प्रावधान, दूरसंचार उपकरणों की डिलीवरी, दूरसंचार सुरक्षा में सुधार, सेवाओं की पहुंच और कीमत में सुधार, और मामूली सेवा वाले ग्रामीण इलाकों में अगली पीढ़ी की दूरसंचार प्रौद्योगिकी की तैनाती शामिल है।
- नवाचार और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम
- इन नियमों के तहत नवाचार, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना, स्वदेशी प्रौद्योगिकी का विकास और बौद्धिक संपदा का प्रचार एवं व्यावसायीकरण शामिल है।
- साथ ही, दूरसंचार क्षेत्र में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करना, शिक्षा, अनुसंधान संस्थानों, और उद्योग के बीच सहयोग को बढ़ावा देना और टिकाऊ एवं पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों का समर्थन करना भी इन नियमों का हिस्सा है।
- इन सभी प्रयासों का उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करना है।
- नेटवर्क साझा करने का प्रावधान
- नियमों में यह भी प्रावधान किया गया है कि जो संस्थाएं डिजिटल भारत निधि से धन प्राप्त करेंगी, उन्हें अपने दूरसंचार नेटवर्क और सेवाओं को सभी के लिए उपलब्ध कराना होगा, और उन्हें बिना किसी भेदभाव के साझा करना होगा।
- पृष्ठभूमि: दूरसंचार अधिनियम 2023
- दूरसंचार अधिनियम, 2023 को संसद ने दिसंबर 2023 में पारित किया था और इसे 24 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हुई।
- धारा 1(3) के तहत, दूरसंचार विभाग ने 21 जून, 2024 को एक राजपत्र अधिसूचना जारी की, जिसमें दूरसंचार अधिनियम की धारा 1, 2, 10 से 30, 42 से 44, 46, 47, 50 से 58, 61 और 62 को 26 जून, 2024 से प्रभावी रूप से लागू कर दिया गया था।
- इसके अलावा, विभाग ने 4 जुलाई, 2024 को अधिनियम की धारा 6 से 8, 48, और 59(बी) को भी 5 जुलाई, 2024 से लागू कर दिया।
- इस अधिनियम का उद्देश्य समावेश, सुरक्षा, विकास और त्वरित (जवाबदेही) के सिद्धांतों के आधार पर विकसित भारत के सपने को साकार करना है। अधिनियम के अध्याय V की धारा 24 से 26 में डिजिटल भारत निधि (DBN) से संबंधित प्रावधान शामिल हैं।
दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications – DoT):
The first rules of The Telecom Act 2023, ‘Digital Bharat Nidhi’ is now in effect.
Towards #Aatmanirbhar telecom ecosystem. pic.twitter.com/LjCSJi8skp
— DoT India (@DoT_India) August 31, 2024
दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications – DoT) भारत सरकार के संचार मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला एक प्रमुख विभाग है। इसका मुख्य उद्देश्य देश में दूरसंचार सेवाओं का प्रबंधन, विकास, और नियमन करना है। यह विभाग दूरसंचार से संबंधित नीतियों, नियमों, और योजनाओं का निर्धारण करता है, जिससे पूरे देश में दूरसंचार सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।
दूरसंचार विभाग के मुख्य कार्य:
- नीति निर्माण और नियमन: दूरसंचार विभाग राष्ट्रीय स्तर पर दूरसंचार सेवाओं के लिए नीतियों और नियमों का निर्माण करता है और उनका कार्यान्वयन सुनिश्चित करता है। इसमें लाइसेंसिंग, स्पेक्ट्रम आवंटन, और दूरसंचार सेवाओं के मानकों का निर्धारण शामिल है।
- लाइसेंस और स्पेक्ट्रम प्रबंधन: दूरसंचार सेवाओं के लिए विभिन्न ऑपरेटरों को लाइसेंस जारी करना और स्पेक्ट्रम का आवंटन करना विभाग का प्रमुख कार्य है। स्पेक्ट्रम का कुशल प्रबंधन और उपयोग सुनिश्चित करने के लिए यह विभाग जिम्मेदार है।
- सार्वजनिक सेवा योजनाएं: विभाग सार्वभौमिक सेवा दायित्व कोष (USOF) के माध्यम से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं के विस्तार के लिए विभिन्न योजनाएं चलाता है। अब इसे ‘डिजिटल भारत निधि’ के नाम से जाना जाता है, जिसके अंतर्गत दूरसंचार सेवाओं की पहुंच को बढ़ाने के लिए विभिन्न परियोजनाएं संचालित की जाती हैं।
- टेलीग्राफ सेवाओं का प्रबंधन: भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के अंतर्गत आने वाली सभी सेवाओं का प्रबंधन और निगरानी भी दूरसंचार विभाग के दायरे में आता है। इसमें वायरलेस और वायरलाइन दोनों प्रकार की सेवाएं शामिल हैं।
- नवीनतम प्रौद्योगिकियों का प्रोत्साहन: दूरसंचार विभाग 5G, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी नई प्रौद्योगिकियों के विकास और तैनाती को प्रोत्साहित करता है। इसके माध्यम से देश में दूरसंचार सेवाओं की गुणवत्ता और कवरेज को बढ़ाया जाता है।
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समन्वय: विभाग अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ समन्वय स्थापित करके वैश्विक मानकों के अनुसार भारत में दूरसंचार सेवाओं का विकास करता है।
दूरसंचार विभाग देश में डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को सस्ती, उच्च गुणवत्ता वाली और सुरक्षित दूरसंचार सेवाएं प्रदान करना है, जिससे भारत में डिजिटल क्रांति को आगे बढ़ाया जा सके।
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