चर्चा में क्यों?
78वें स्वतंत्रता दिवस (78th Independence Day) के भाषण में, प्रधानमंत्री जी श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के विकास को आकार देने, नवाचार को बढ़ावा देने और देश को विभिन्न क्षेत्रों में विश्व में अग्रणी बनाने के उद्देश्य से भविष्य के लक्ष्यों की एक रूपरेखा प्रस्तुत की
महत्त्वपूर्ण तथ्य:
- प्रधानमंत्री जी श्री नरेन्द्र मोदी ने लगातार 11वीं बार लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
- जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद प्रधानमंत्री जी श्री नरेन्द्र मोदी तीसरे ऐसे प्रधानमंत्री जी बन गए हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर लगातार 11वीं भार भाषण दिया है। नेहरू को 17 बार, जबकि इंदिरा गांधी को 16 बार ये सम्मान मिल चुका है।
- 78वें स्वतंत्रता दिवस (78th Independence Day) के मौके पर प्रधानमंत्री जी श्री नरेन्द्र मोदी ने लगभग 97 मिनट तक भाषण दिया है। आजादी के बाद किसी प्रधानमंत्री जी का ये सबसे लंबा भाषण है। साल 1947 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जी ने 72 मिनट तक भाषण दिया था।
78वें स्वतंत्रता दिवस (78th Independence Day) पर प्रधानमंत्री जी के संबोधन के मुख्य बिंदु:
- आजादी के सेनानियों का नमन: आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि और उनके संघर्षों को याद किया।
- प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदना: प्राकृतिक आपदाओं में जान-माल का नुकसान झेलने वाले लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और राष्ट्र के लगातार सहन किए गए नुकसान पर दुःख प्रकट किया।
- विकसित भारत 2047 का संकल्प: प्रधानमंत्री जी ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को दोहराया और बताया कि इसके लिए देशवासियों द्वारा दिए गए सुझावों पर गंभीरता से काम किया जा रहा है।
- आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता: प्रधानमंत्री जी ने ढाई करोड़ घरों में बिजली पहुंचाने और स्वच्छता के प्रति लोगों में बढ़ती जागरूकता की प्रशंसा की, इसे भारत में नई चेतना का प्रतिबिंब बताया।
- जल जीवन मिशन की सफलता: जल जीवन मिशन के तहत 15 करोड़ परिवारों को नल से जल पहुंचाने की उपलब्धि पर प्रधानमंत्री जी ने गर्व व्यक्त किया और इसे सरकार की बड़ी सफलता बताया।
- वोकल फॉर लोकल: प्रधानमंत्री जी ने ‘वोकल फॉर लोकल‘ के मंत्र के तहत जिलेवार उत्पादों को बढ़ावा देने और ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ को निर्यात की दिशा में ले जाने पर बल दिया।
- फिनटेक क्षेत्र में भारत की सफलता: प्रधानमंत्री जी ने फिनटेक क्षेत्र में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा पर गर्व व्यक्त किया और विश्व स्तर पर भारत की सिखने योग्य उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
- आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम: प्रधानमंत्री जी ने सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र करते हुए देश की सेना की वीरता और इसके कारण युवाओं के गर्व को रेखांकित किया।
- सुधारों की प्रतिबद्धता: प्रधानमंत्री जी ने सुधारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह सुधार देश की वृद्धि के लिए एक ब्लूप्रिंट की तरह है।
- बैंकिंग सेक्टर में सुधार और समृद्धि: प्रधानमंत्री जी ने बैंकिंग सेक्टर में किए गए सुधारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। उन्होंने पशुपालकों, मछली पालन करने वालों और रेहड़ी-पटरी वालों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने की सफलता पर भी खुशी जताई।
- राष्ट्रहित सर्वोपरि: प्रधानमंत्री जी ने “Nation First- राष्ट्रहित सुप्रीम” के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि उनकी सरकार का हर कदम भारत को महान बनाने की दिशा में उठाया गया है।
- गवर्नेंस मॉडल में बदलाव: प्रधानमंत्री जी ने कहा कि आज सरकार स्वयं लाभार्थियों तक पहुंच रही है, चाहे वह गैस चूल्हा हो, पानी, बिजली, या युवाओं के स्किल डेवलपमेंट के लिए उठाए गए कदम हों।
- भारत का स्वर्णिम युग: प्रधानमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान समय भारत के लिए एक स्वर्णिम कालखंड है, जहां विश्वभर में भारत की साख बढ़ी है और युवाओं के लिए नए अवसरों के द्वार खुले हैं।
- आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण: प्रधानमंत्री जी ने विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि टूरिज्म, MSMEs, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, और खेती-किसानी जैसे क्षेत्रों में आधुनिक सिस्टम बनाए जा रहे हैं।
- महिला सशक्तिकरण: प्रधानमंत्री जी ने कहा कि Women Led Development Model पर काम किया जा रहा है, जिससे महिलाओं के कदम हर क्षेत्र में बढ़ते जा रहे हैं। 10 करोड़ से अधिक महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से जुड़ी हैं, जिससे सामाजिक परिवर्तन की गति बढ़ी है।
- महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता: प्रधानमंत्री जी ने घोषणा की कि सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को अब 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये दिए जाएंगे, जिससे वे अपने कार्यों को और अधिक बढ़ा सकें।
- नारी सम्मान और संवेदनशीलता: प्रधानमंत्री जी ने कहा कि महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए 26 हफ्तों की पेड मैटरनिटी लीव दी गई है, जिससे मातृत्व और बच्चों की बेहतर देखभाल सुनिश्चित हो सके।
- महिलाओं के प्रति अत्याचार पर चिंता: प्रधानमंत्री जी ने महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचारों पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इस मुद्दे को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।
- भारतीय सीईओ की वैश्विक पहचान: प्रधानमंत्री जी ने गर्व व्यक्त किया कि भारतीय सीईओ आज दुनिया भर में अपनी धाक जमा रहे हैं, जिससे भारत की प्रतिष्ठा और बढ़ी है।
- स्पेस सेक्टर में सुधार: प्रधानमंत्री जी ने स्पेस सेक्टर में किए गए सुधारों का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे सैकड़ों स्टार्टअप्स को इस क्षेत्र में आने का मौका मिला है।
- इंफ्रास्ट्रक्चर में अभूतपूर्व विकास: प्रधानमंत्री जी ने पिछले दशक में रेल, रोड, एयरपोर्ट, पोर्ट, और मेडिकल सुविधाओं सहित विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों में हुए अभूतपूर्व विकास पर जोर दिया।
- मध्यम वर्ग की अपेक्षाओं का सम्मान: प्रधानमंत्री जी ने मध्यम वर्ग की जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर बल दिया और कहा कि सरकार के हस्तक्षेप को कम करके उन्हें स्वतंत्रता प्रदान की जाएगी।
- पुराने कानूनों का उन्मूलन: प्रधानमंत्री जी ने कहा कि लोगों के जीवन में सरकारी हस्तक्षेप को कम करने के लिए डेढ़ हजार से अधिक पुराने कानूनों को समाप्त कर दिया गया है।
- नए क्रिमिनल लॉ का निर्माण: प्रधानमंत्री जी ने पुराने क्रिमिनल लॉ को बदलकर नए न्याय संहिता कानून बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों का उल्लेख किया, जिससे नागरिकों को न्याय मिले, न कि केवल दंड।
- रोजगार और स्वरोजगार के अवसर: प्रधानमंत्री जी ने रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर पैदा करने पर जोर दिया और कहा कि प्रति व्यक्ति आय दोगुनी करने में देश ने सफलता प्राप्त की है।
- कोरोनाकाल में अर्थव्यवस्था की मजबूती: प्रधानमंत्री जी ने कोरोना महामारी के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को सबसे तेजी से पुनर्जीवित करने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भारत की सही दिशा और गति का प्रमाण है।
- आकांक्षी जिलों की प्रतिस्पर्धा: प्रधानमंत्री जी ने कहा कि 100 से अधिक आकांक्षी जिले अपने-अपने राज्यों के अच्छे जिलों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, जो देश की दिशा और गति को दर्शाता है।
राष्ट्रीय एकता और समर्पण –
- “हर घर तिरंगा” अभियान: जाति, पंथ, और धर्म से ऊपर उठकर हर घर तिरंगा फहराया गया, जिससे यह साबित हुआ कि पूरा देश एकजुट है और देश की दिशा सही है।
- देश सेवा का अवसर: प्रधानमंत्री जी ने अपने तीसरे कार्यकाल के लिए जनता का आभार व्यक्त किया और जन-जन की सेवा को सर्वोपरि बताया।
शिक्षा और कौशल विकास –
- नई शिक्षा नीति: नई शिक्षा नीति के तहत मातृभाषा को प्राथमिकता दी जा रही है। प्रधानमंत्री जी ने राज्यों और संस्थानों से कहा कि भाषा के कारण टैलेंट की रुकावट नहीं आनी चाहिए।
- नालंदा विश्वविद्यालय का पुनर्निर्माण: बिहार के गौरवपूर्ण इतिहास का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री जी ने नालंदा विश्वविद्यालय के पुनर्निर्माण की बात कही और शिक्षा के क्षेत्र में नालंदा की स्पिरिट को फिर से जगाने का आह्वान किया।
औद्योगिक विकास और नवाचार
- Industry 4.0 और स्किल डेवलपमेंट: प्रधानमंत्री जी ने Industry 4.0 को ध्यान में रखकर नए स्किल डेवलपमेंट मॉडल्स की आवश्यकता पर जोर दिया और भारत को इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने की बात कही।
- सेमीकंडक्टर मिशन: प्रधानमंत्री जी ने सेमीकंडक्टर मिशन पर काम शुरू करने का जिक्र किया और इसे भविष्य की टेक्नोलॉजी के लिए महत्वपूर्ण बताया।
स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में सुधार
- मेडिकल एजुकेशन: प्रधानमंत्री जी ने मेडिकल सीटों की संख्या को बढ़ाने का जिक्र किया और अगले पांच साल में 75,000 नई मेडिकल सीटें बनाने का संकल्प लिया।
- कृषि सुधार और ऑर्गेनिक फूड: प्रधानमंत्री जी ने भारतीय कृषि व्यवस्था को ट्रांसफॉर्म करने की आवश्यकता पर जोर दिया और भारत को ऑर्गेनिक फूड का वैश्विक केंद्र बनाने का संकल्प लिया।
अंतर्राष्ट्रीय पहचान और राष्ट्रीय विकास
- ओलंपिक और खेल: प्रधानमंत्री जी ने ओलंपिक में भारत की सफलता का जिक्र किया और 2036 के ओलंपिक को भारत में आयोजित करने के सपने को साझा किया।
- G20 और पेरिस समझौता: प्रधानमंत्री जी ने पेरिस समझौते के लक्ष्यों को समय से पहले पूरा करने की बात कही और इसे भारत की वैश्विक पहचान के रूप में प्रस्तुत किया।
सामाजिक सुधार और सुरक्षा
- भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग: प्रधानमंत्री जी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई को जारी रखने का संकल्प दोहराया और समाज में भ्रष्टाचारियों की स्वीकृति के बढ़ते खतरे पर चिंता व्यक्त की।
- बांग्लादेश के हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा: प्रधानमंत्री जी ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की चिंता जताई और पड़ोसी देशों में शांति की आवश्यकता पर जोर दिया।
भविष्य के विकास के लिए प्रतिबद्धता
- One Nation, One Election: बार-बार चुनावों के कारण प्रगति में आने वाली रुकावटों को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री जी ने One Nation, One Election की आवश्यकता पर जोर दिया।
- आर्थिक और औद्योगिक वृद्धि: प्रधानमंत्री जी ने देश को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लिया और इसके लिए तीन गुना काम करने का वादा किया।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री का यह संबोधन एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में एक स्पष्ट दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। यह संबोधन न केवल उपलब्धियों का उत्सव है, बल्कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक आह्वान भी है। यह संबोधन देश की एकता, अखंडता और प्रगति के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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