संदर्भ:
उगादी पर्व: उगादी, जो तेलुगु नववर्ष का प्रतीक है, 30 मार्च 2025 को आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में उत्साह के साथ मनाया गया। ‘युग‘ और ‘आदि‘ शब्दों से बना यह पर्व नए युग और नई शुरुआत का संकेत देता है।
उगादी पर्व के बारे में:
- उगादी (युगादी) को संवत्सर आरंभ (नए वर्ष की शुरुआत) के रूप में मनाया जाता है।
- यह मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में मनाया जाता है।
- कर्नाटक में इसे “सौरमाण उगादी” या “मेष संक्रांति“ भी कहा जाता है, जो सौरमाण पंचांग (सौर वर्ष) के अनुसार मनाया जाता है।
- सौरमाण (Solar Year) – सूर्य की गति के आधार पर समय गणना।
- चंद्रमाण (Lunar Year) – चंद्रमा की गति के अनुसार वर्ष की गणना।
- हिंदू लूनिसोलर (Chandramana) कैलेंडर के चैत्र मास के पहले दिन इसे मनाया जाता है (ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार मार्च-अप्रैल में)।
परंपराएँ और अनुष्ठान:
- रंगोली (मुग्गुलु) बनाने की परंपरा।
- दरवाजों पर आम के पत्तों से बनी तोरण सजाई जाती है।
- विशेष व्यंजन “पचड़ी” तैयार किया जाता है और साझा किया जाता है।
- यह प्राचीन हिंदू पर्वों में से एक है, जिसकी मध्यकालीन शिलालेखों में भी उल्लेख मिलता है, जहाँ इस दिन मंदिरों को दान दिया जाता था।