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DNA में अति-संरक्षित तत्व (UCEs)

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DNA में अति-संरक्षित तत्व (UCEs): शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि मानव और चूहे के जीनोम के कुछ हिस्से (Tra2b जीन) पिछले 80 मिलियन वर्षों से अपरिवर्तित क्यों बने हुए हैं। ये हिस्से, जिन्हें अत्यधिक संरक्षित तत्व (Ultra-Conserved Elements – UCEs) कहा जाता है, प्रोटीन उत्पादन को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

Ultra-Conserved Elements (UCEs) in DNA:

  1. क्या हैं UCEs?
    • Ultra-Conserved Elements (UCEs) वे लंबे DNA अनुक्रम (200+ बेस पेयर) हैं, जो लाखों वर्षों से बिना परिवर्तन के कई प्रजातियों (मानव, चूहा, मछली, आदि) में मौजूद हैं।
  2. मुख्य विशेषताएँ:
    • कहाँ मिलते हैं? – कोडिंग (जीन) और गैर-कोडिंग (रेगुलेटरी) दोनों क्षेत्रों में।
    • म्यूटेशन सहन नहीं करते – इसलिए लाखों वर्षों तक अपरिवर्तित रहते हैं।
    • प्रोटीन नहीं बनाते, लेकिन जीन को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
  3. महत्व:
    • विकासवादी संकेत– इतने अधिक संरक्षित होने का अर्थ है कि वे जीवित रहने के लिए अनिवार्य हैं।
    • जीन नियंत्रण– जीन के एक्टिवेशन/सप्रेशन को नियंत्रित करने वाले एन्हांसर/साइलेंसर की तरह कार्य कर सकते हैं।
    • विकास में भूमिका– मस्तिष्क विकास, प्रजनन क्षमता और प्रतिरक्षा तंत्र से जुड़े होते हैं।
    • रोगों से सुरक्षा– जीन अभिव्यक्ति को स्थिर रखते हुए अनुवांशिक विकारों कैंसर को रोकने में मदद कर सकते हैं।

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