Upper Siang Multipurpose Project
संदर्भ:
अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग जिले में उस समय विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए जब राष्ट्रीय जलविद्युत निगम (NHPC) ने प्रस्तावित 11,000 मेगावाट सियांग अपर बहुउद्देशीय परियोजना के लिए पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन (pre-feasibility study) की तैयारी शुरू की।
स्थानीय लोग इस परियोजना के खिलाफ पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों को लेकर गहरी चिंता जता रहे हैं। उनका मानना है कि यह परियोजना न केवल पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुँचा सकती है, बल्कि स्थानीय जनजातीय जीवन और आजीविका पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
(Upper Siang Multipurpose Project) अपर सियांग बहुद्देश्यीय परियोजना: प्रमुख तथ्य
क्या है यह परियोजना:
- एक बहुद्देश्यीय जलविद्युत परियोजना, जिसका उद्देश्य है:
- बाढ़ नियंत्रण
- सियांग नदी के प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखना
- 11,000 मेगावाट बिजली उत्पादन
स्थान:
- अपर सियांग ज़िला, अरुणाचल प्रदेश
- सियांग नदी (ब्रह्मपुत्र की एक प्रमुख उपनदी) के निकट
संबंधित राज्य:
- अरुणाचल प्रदेश और असम
- असम में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और संपर्क सड़कों के कार्य शामिल
प्रमुख विशेषताएँ:
- जलाशय की क्षमता: 9 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM)
- स्थापित क्षमता: 11,000 मेगावाट
- विकासकर्ता संस्थाएं: NHPC (नेशनल हाइड्रो पावर कॉरपोरेशन) और NEEPCO (नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन)
- मुख्य उद्देश्य:
- चीन द्वारा नदी में छोड़े गए जल से होने वाली बाढ़ की रोकथाम
- शुष्क मौसम में नदी प्रवाह बनाए रखना
सियांग नदी (Siang River) के बारे में संक्षिप्त जानकारी
स्रोत और नाम:
- चीन में इसे त्सांगपो (Tsangpo) या यारलुंग ज़ांगबो (Yarlung Zangbo) कहते हैं।
- यह नदी अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है, जहाँ इसे दिहांग (Dihang) या सियांग (Siang) के नाम से जाना जाता है।
भौगोलिक प्रवाह:
- नदी नमचा बरवा पर्वत के चारों ओर घोड़े की नाल जैसे मोड़ में घूमती है और भारत में प्रवेश करती है।
- इसके बाद यह दक्षिण की ओर मुड़कर असम में प्रवेश करती है।
नदी मिलन बिंदु:
- असम में इसमें दो पर्वतीय नदियाँ – लोहित और दिबांग – मिलती हैं।
- इस संगम के बाद यह नदी ब्रह्मपुत्र के नाम से जानी जाती है।
बांग्लादेश में यात्रा:
- बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र को “जमुना“ कहा जाता है।
- इसमें तीस्ता नदी (Teesta) दाहिने किनारे की सहायक नदी के रूप में मिलती है।
- जमुना आगे जाकर पद्मा से मिलती है, और फिर यह मेघना नदी से मिलकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
उप–घाटी (Sub-basin) वाले राज्य:
- अरुणाचल प्रदेश: सुबनसिरी, कामेंग, भरेलि
- असम: मानस, कोपिली, संकोश, दीखो
- नगालैंड: दोयांग (धनसिरी में मिलती है)
- मेघालय: उमनगोट, क्यंशी
- पश्चिम बंगाल और सिक्किम: तीस्ता
सांस्कृतिक महत्व:
- सियांग नदी अरुणाचल प्रदेश के आदिवासी समुदाय ‘आदि‘ की संस्कृति और जीवनशैली का केन्द्र है।
यह नदी पूरे क्षेत्र की पारिस्थितिकी, संस्कृति और आजीविका में अहम भूमिका निभाती है।