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विश्व डाक दिवस के अवसर पर केंद्र सरकार के डाक विभाग ने यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक विशेष स्मारक डाक टिकट सेट जारी किया। यह डाक प्रणाली के क्षेत्र में UPU के योगदान और वैश्विक डाक सेवाओं के समन्वय में इसकी भूमिका को सम्मानित करता है।
यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) के बारे में:
- स्थापना: वर्ष 1874 में।
- मुख्यालय: बर्न, स्विट्जरलैंड।
- संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी: UPU वैश्विक डाक सेवाओं के संचालन और सदस्य देशों के बीच डाक नीतियों के समन्वय के लिए जिम्मेदार है।
- दुनिया का दूसरा सबसे पुराना अंतर्राष्ट्रीय संगठन।
UPU की चार मुख्य इकाइयाँ:
- कांग्रेस: संगठन की सबसे प्रमुख नीति-निर्माण इकाई।
- प्रशासन परिषद: प्रशासनिक कार्यों की देखरेख।
- अंतर्राष्ट्रीय ब्यूरो: संगठन का सचिवालय।
- डाक संचालन परिषद: डाक सेवाओं के संचालन और विकास का समन्वय।
अन्य प्रमुख कार्य:
- टेलीमैटिक्स और एक्सप्रेस मेल सर्विस (EMS) जैसी सहकारी समितियों का प्रबंधन।
- 192 सदस्य देश: UPU सदस्य देशों के लिए सलाहकार, मध्यस्थता और संपर्क की भूमिका निभाता है।
- अंतर्राष्ट्रीय मेल नियम: मेल विनिमय के लिए नियम निर्धारित करता है और डाक सेवाओं की गुणवत्ता और दक्षता में सुधार के लिए सिफारिशें करता है।
भारत और UPU:
- भारत वर्ष 1876 में UPU का सदस्य बना, और तब से वह वैश्विक डाक सेवाओं के इस महत्वपूर्ण संगठन का हिस्सा है। UPU के माध्यम से, भारत ने अपनी डाक सेवाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत और संगठित किया है।
UPU की सदस्यता:
- संयुक्त राष्ट्र संघ का कोई भी सदस्य देश UPU का सदस्य बन सकता है।
- संयुक्त राष्ट्र का कोई गैर-सदस्य देश भी UPU का सदस्य बन सकता है, बशर्ते उसके अनुरोध को UPU के दो-तिहाई सदस्य देशों द्वारा अनुमोदित किया जाए।
निष्कर्ष:
यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन का योगदान वैश्विक डाक सेवाओं के समन्वय और विकास में महत्वपूर्ण है। UPU ने डाक सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने, मेल और पार्सल की मात्रा को बढ़ाने और तकनीकी सहायता प्रदान करने के माध्यम से दुनिया भर में संचार को सुलभ और सटीक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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