Download Today Current Affairs PDF
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वीनस ऑर्बिटर मिशन (VOM) के विकास को मंजूरी दी है। यह मिशन चंद्रमा और मंगल से परे शुक्र ग्रह के अन्वेषण और अध्ययन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
VOM मिशन का उद्देश्य:
- शुक्र ग्रह का अध्ययन: शुक्र, पृथ्वी का निकटतम ग्रह है और इसका निर्माण पृथ्वी जैसी परिस्थितियों में होने की संभावना है। यह अध्ययन ग्रहों के वातावरण के विकास को समझने में मदद करेगा।
- वैज्ञानिक अनुसंधान: मिशन का उद्देश्य शुक्र की सतह, उपसतह और वायुमंडलीय प्रक्रियाओं का अध्ययन करना है, साथ ही शुक्र के वायुमंडल पर सूर्य के प्रभाव को समझना भी है।
इसरो की भूमिका:
- विकास और प्रक्षेपण: इसरो इस अंतरिक्ष यान के विकास और प्रक्षेपण के लिए जिम्मेदार होगा। परियोजना का प्रबंधन स्थापित प्रथाओं के माध्यम से किया जाएगा।
- डेटा वितरण: मिशन से प्राप्त डेटा को वैज्ञानिक समुदाय तक पहुँचाया जाएगा।
मिशन की समयसीमा:
- समापन की संभावना: मिशन मार्च 2028 में पूरा होने की संभावना है, जिससे कई अनसुलझे वैज्ञानिक प्रश्नों के उत्तर मिल सकते हैं।
वित्तीय विवरण:
- कुल निधि: मिशन के लिए स्वीकृत कुल निधि 1236 करोड़ रुपये है, जिसमें से 824 करोड़ रुपये अंतरिक्ष यान पर खर्च किए जाएंगे। इसमें विकास, पेलोड, नेविगेशन और प्रक्षेपण यान की लागत शामिल है।
भविष्य :
- भविष्य के ग्रह संबंधी मिशन: यह मिशन भारत को भविष्य के ग्रह संबंधी मिशनों में सक्षम बनाएगा, जिसमें विशालतम पेलोड और इष्टतम ऑर्बिट इन्सर्शन अप्रोच शामिल है।
- उद्योग भागीदारी: भारतीय उद्योग की महत्वपूर्ण भागीदारी के साथ, मिशन में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों की भी भागीदारी होगी, जिससे छात्रों को प्रशिक्षण मिलेगा।
शुक्र ग्रह के बारे में तथ्य:परिचय: शुक्र सूर्य से नजदीक दूसरा ग्रह है और पृथ्वी का निकटतम पड़ोसी हैं। यह सूर्य और चंद्रमा के बाद आकाश का तीसरा सबसे चमकीला पिंड है। संरचना: शुक्र का आकार और संरचना पृथ्वी के समान है, इसलिए इसे “दुष्ट जुड़वाँ” कहा जाता है। इसका घना वायुमंडल ग्रीनहाउस प्रभाव के कारण इसे सौर मंडल का सबसे गर्म ग्रह बनाता है। नामकरण: शुक्र का नाम प्रेम और सौंदर्य की रोमन देवी के नाम पर रखा गया है। इसके अधिकांश स्थलों के नाम महिलाओं के नाम पर हैं। जीवन की संभावना: शुक्र की सतह से लगभग 50 किलोमीटर ऊपर तापमान 30-70 डिग्री सेल्सियस के बीच है, जो पृथ्वी पर कुछ जीवों के लिए उपयुक्त हो सकता है। इसके बादलों में संभावित सूक्ष्मजीवों के अस्तित्व पर चर्चा है। कक्षा और घूर्णन: शुक्र की सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा 225 दिन में होती है, लेकिन इसका एक दिन 243 पृथ्वी दिनों का होता है। सूर्योदय पश्चिम से और सूर्यास्त पूर्व में होता है। चंद्रमा: शुक्र का कोई प्राकृतिक चंद्रमा नहीं है, लेकिन इसका एक अर्ध-उपग्रह “ज़ूज़वे” है, जो 2002 में खोजा गया। |
निष्कर्ष:
वीनस ऑर्बिटर मिशन (VOM) भारतीय विज्ञान समुदाय के लिए नए और महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करेगा, और इससे उभरते हुए और नवीन अवसरों का निर्माण होगा। यह मिशन शुक्र ग्रह के अध्ययन के माध्यम से पृथ्वी और शुक्र के विकास के बीच के संबंधों को समझने में सहायक सिद्ध होगा।
Explore our courses: https://apnipathshala.com/courses/
Explore Our test Series: https://tests.apnipathshala.com/