Virtual Capacity Building Session on Digital Transformation in BRICS
संदर्भ:
भारत ने ब्रिक्स (BRICS) देशों के बीच डिजिटल परिवर्तन (Digital Transformation) के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक वर्चुअल क्षमता निर्माण सत्र (Virtual Capacity Building Session) का आयोजन किया। यह सत्र दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications) द्वारा, ग़ाज़ियाबाद स्थित नेशनल कम्युनिकेशंस एकेडमी – टेक्नोलॉजी (NCA-T) के माध्यम से आयोजित किया गया।
(Virtual Capacity Building Session on Digital Transformation in BRICS)
ब्रिक्स डिजिटल सहयोग सम्मेलन: भारत की मेज़बानी में प्रमुख पहलें–
- भारत की भूमिका:
- भारत ने सत्र की मेज़बानी की और इसे सहयोग को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण मंच बताया।
- प्रमुख फोकस क्षेत्र: मोबाइल सुरक्षा, साइबर रेज़िलिएंस, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) और डिजिटल ट्विन।
- भारत ने क्षमता निर्माण, साझा तकनीक निर्माण और नागरिक सशक्तिकरण के लिए साझेदारियों पर जोर दिया।
सम्मेलन के चार विषयगत सत्र:
- सत्र I: मोबाइल उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाना–
- भारत ने अपनी प्रमुख पहल “संचार साथी“ को प्रदर्शित किया, जो:
- मोबाइल धोखाधड़ी से सुरक्षा
- पारदर्शिता में वृद्धि
- मोबाइल सेवाओं तक समतामूलक पहुँच सुनिश्चित करती है
- नागरिक–केंद्रित नियामक ढांचे की आवश्यकता पर बल दिया गया।
- भारत ने अपनी प्रमुख पहल “संचार साथी“ को प्रदर्शित किया, जो:
- सत्र II: 21वीं सदी के लिए साइबर रेज़िलिएंस–
- भारत और ब्राज़ील ने अपने–अपने साइबर रेज़िलिएंस मॉडल साझा किए।
- चर्चा के मुख्य बिंदु:
- साइबर खतरों से निपटने के लिए तैयारी, तेज़ प्रतिक्रिया, और सीमापार सहयोग।
- सत्र III: डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) की नींव–
- भारत ने “आधार“ को एक परिवर्तनकारी DPI मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया, जिसने डिजिटल समावेशन और सेवा वितरण में क्रांति लाई।
- चीन ने भी अपनी डिजिटल यात्रा के अनुभव साझा किए।
- सुरक्षित, समावेशी और इंटरऑपरेबल प्लेटफ़ॉर्म निर्माण पर बल।
- सत्र IV: डिजिटल ट्विन – सार्वजनिक अवसंरचना में क्रांति–
- भारत ने “संगम डिजिटल ट्विन“ पहल प्रस्तुत की:
- एआई-आधारित, फेडरेटेड प्लेटफ़ॉर्म
- परिदृश्य-आधारित योजना और रीयल-टाइम गवर्नेंस समाधान
- चीन ने भी डिजिटल ट्विन तकनीक पर अपने प्रयोग साझा किए।
- पूर्वानुमान आधारित सिमुलेशन और डेटा–प्रेरित निर्णय प्रक्रिया को अवसंरचना प्रबंधन का भविष्य बताया गया।
ब्रिक्स में डिजिटल परिवर्तन–
- डिजिटल प्रगति: ब्रिक्स देशों ने नई तकनीकों को अपनाकर, डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देकर, और समर्थनकारी नीतियाँ लागू करके अपने डिजिटल अर्थतंत्र को तेजी से सशक्त किया है।
- वैश्विक योगदान:
- ब्रिक्स देश अब:
- वैश्विक इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का 40% प्रतिनिधित्व करते हैं।
- वैश्विक ICT वस्तुओं में 30% और
- डिजिटली डिलीवर होने वाली सेवाओं में 11% योगदान करते हैं।
- विस्तार का प्रभाव:
- ब्रिक्स के विस्तार से समूह का वैश्विक प्रभाव बढ़ा है:
- दुनिया की जनसंख्या का 2%
- वैश्विक GDP का 7%
- वैश्विक वस्तु व्यापार (merchandise trade) में 3% हिस्सा।
- डिजिटल सहयोग की प्राथमिकता:
- ब्रिक्स के विस्तार से समूह का वैश्विक प्रभाव बढ़ा है:
- ब्रिक्स देश अब:
इन उपलब्धियों के चलते डिजिटल सहयोग ब्रिक्स के एजेंडा का एक प्रमुख हिस्सा बन गया है, जो साझा नवाचार, नीति समन्वय और तकनीकी सशक्तिकरण को गति देता है।