vitamin D
संदर्भ:
भारत, जो दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है, व्यापक सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से जूझ रहा है, जिसमें विटामिन डी की कमी एक “मूक महामारी” के रूप में उभर रही है।
(vitamin D) विटामिन डी की कमी: एक मूक महामारी
विभिन्न अध्ययनों के अनुसार, भारत में विटामिन डी की कमी की व्यापकता 40% से 99% तक है, जिसमें अधिकांश अध्ययन 80%–90% की कमी की रिपोर्ट करते हैं ।
कारण:
भारत में विटामिन डी की कमी के प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
- पर्याप्त सूर्य प्रकाश के बावजूद कमी: भारत जैसे उष्णकटिबंधीय देश में भी विटामिन डी की कमी व्यापक है, जो इस धारणा को चुनौती देती है कि पर्याप्त सूर्य प्रकाश से इसकी पूर्ति हो जाती है ।
- आहार संबंधी कारक: भारतीय आहार में विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों की कमी है, और अधिकांश खाद्य पदार्थ विटामिन डी से फोर्टिफाइड नहीं हैं ।
विटामिन D क्या है?
- एक वसा में घुलनशील (fat-soluble) विटामिन है।
- यह शरीर में प्राकृतिक रूप से बनता है जब सूरज की UV किरणें त्वचा पर पड़ती हैं।
- इसे खाद्य स्रोतों, फोर्टिफाइड (fortified) खाद्य पदार्थों, और डायटरी सप्लिमेंट्स के रूप में भी लिया जाता है।
प्राकृतिक स्रोत:
- बहुत कम खाद्य पदार्थों में ही विटामिन D प्राकृतिक रूप से पाया जाता है:
- फैटी मछलियाँ (जैसे सैल्मन, टूना), मछली का तेल, अंडा, जिगर, मशरूम
शरीर में निर्माण और भंडारण:
- सूरज की रोशनी में शरीर खुद विटामिन D का निर्माण करता है।
यह वसा ऊतक (fat tissue) में संग्रहित होता है और धूप न मिलने पर उपयोग होता है।