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वित्त मंत्रालय ने प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास योजना 2024 (VSVA 2.0) की शुरुआत की घोषणा की है, जो 1 अक्टूबर 2024 से लागू होगी। इस योजना का उद्देश्य आयकर से संबंधित लंबित मुकदमों को कम करना है।
VSVA 2.0 की प्रमुख जानकारी:
- लंबित मामलों का निपटान: योजना के तहत करदाता और विभाग दोनों अपीलीय मंचों, जैसे ITAT, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष लंबित अपीलों का निपटान कर सकेंगे।
- पूर्ववर्ती योजना: VSVA 1.0 ने 2020 में सफलतापूर्वक 1.46 लाख लंबित अपीलों का समाधान किया था, जिससे सरकार को ₹0.54 ट्रिलियन का राजस्व प्राप्त हुआ था।
- बढ़ती लंबित अपीलें: विभिन्न स्तरों पर लंबित मुकदमों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे सरकार ने VSVA 2.0 की आवश्यकता महसूस की।
VSVA 2.0 की विशेषताएँ:
- पात्रता: 22 जुलाई 2024 तक लंबित मामलों को ही VSVA 2.0 के तहत शामिल किया जा सकेगा।
- मुकदमेबाजी में राहत: विवादों का निपटारा करने पर दंड और ब्याज माफ कर दिया जाएगा, और भविष्य के विवादों के लिए यह मिसाल नहीं बनेगा।
- बहिष्कृत मामले: तलाशी के मामलों, अभियोजन के मामलों, और कुछ अन्य विशेष परिस्थितियों से संबंधित अपीलें इस योजना के तहत नहीं आएंगी।
प्रत्यक्ष कर:
प्रत्यक्ष कर वे कर होते हैं जो सीधे व्यक्ति या संस्था द्वारा सरकार को अदा किए जाते हैं। इन करों में कर का बोझ सीधे करदाता पर ही पड़ता है, यानी इसे किसी और पर स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।
प्रत्यक्ष कर के कुछ उदाहरण:
- आयकर: व्यक्ति या कंपनी द्वारा अपनी आय पर दिया जाने वाला कर।
- निगम कर: कंपनियों द्वारा अपने लाभ पर दिया जाने वाला कर।
- संपत्ति कर: संपत्ति पर लगाया जाने वाला कर।
- वस्तु एवं सेवा कर (GST): कुछ विशिष्ट स्थितियों में GST भी प्रत्यक्ष कर के रूप में माना जा सकता है।
प्रत्यक्ष करों के लाभ:
- सरकार के लिए स्थिर आय: यह सरकार को योजना बनाने में मदद करता है।
- आय असमानता कम करना: उच्च आय वाले लोगों से अधिक कर वसूल कर, आय असमानता को कम करने में मदद मिलती है।
- आर्थिक विकास को बढ़ावा देना: प्रत्यक्ष करों से प्राप्त धन का उपयोग सड़क, पुल, स्कूल आदि के निर्माण में किया जा सकता है, जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है।
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