संदर्भ:
राज्यसभा में वक्फ विधेयक 2025 को 128–95 मतों से पारित कर दिया गया है। इससे पहले लोकसभा इस विधेयक को पहले ही मंजूरी दे चुकी है।
वक्फ: परिभाषा, इतिहास और विवाद
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वक्फ का अर्थ और मूल:
- ‘वक्फ’ अरबी भाषा का शब्द है, जो ‘वकुफा’ से बना है, जिसका अर्थ है ठहरना, रोकना या संरक्षित करना।
- इस्लाम में वक्फ उस संपत्ति को कहा जाता है, जो जन-कल्याण के लिए स्थायी रूप से दान की जाती है।
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वक्फ अधिनियम का इतिहास:
- 1954: स्वतंत्रता के बाद पहला वक्फ अधिनियम संसद में पारित हुआ।
- 1995: नया वक्फ अधिनियम लागू हुआ, जिससे वक्फ बोर्ड को अधिक शक्तियाँ मिलीं, लेकिन साथ ही अतिक्रमण, अवैध पट्टे और बिक्री की शिकायतें भी बढ़ीं।
- 2013: अधिनियम में संशोधन कर वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार दिए गए, जिससे वक्फ संपत्तियों की बिक्री लगभग असंभव हो गई।
वक्फ विधेयक 2025 से जुड़ी प्रमुख समस्याएँ:
- वक्फ संपत्तियों की अपरिवर्तनीयता: ‘एक बार वक्फ, हमेशा वक्फ’ का सिद्धांत कई कानूनी विवादों को जन्म देता है।
- कब्जे और कानूनी विवाद: कई मामलों में वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे और कुप्रबंधन की शिकायतें आई हैं।
- अधूरा सर्वेक्षण: कई राज्यों में वक्फ संपत्तियों की पहचान और सर्वेक्षण अधूरे हैं, जिससे पारदर्शी निगरानी संभव नहीं हो पाती।
- न्यायिक निगरानी का अभाव: वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसलों को हाईकोर्ट या किसी अन्य अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती, जिससे प्रभावित पक्षों के लिए न्याय प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है।
- वक्फ कानूनों का दुरुपयोग: कुछ मामलों में वक्फ अधिनियम का दुरुपयोग कर संपत्तियों पर अवैध दावे किए गए, जिससे स्थानीय विवाद बढ़े।
- संवैधानिक वैधता पर सवाल: यह अधिनियम केवल मुस्लिम समुदाय पर लागू होता है, जबकि अन्य धर्मों के लिए ऐसा कोई कानून नहीं है, जो संविधान के समानता और भेदभाव न करने के सिद्धांत के विरुद्ध माना जाता है।
वक्फ विधेयक 2025 : विवादित प्रमुख बदलाव
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वक्फ संपत्तियों के दावे पर सख्ती:
- पहले, मौखिक घोषणाओं या सामुदायिक परंपराओं से मिली संपत्तियाँ भी वक्फ मानी जाती थीं।
- नए विधेयक में वक्फ बोर्डों को वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने की अनिवार्यता होगी।
- यदि किसी संपत्ति पर विवाद है, विशेष रूप से सरकारी जमीन पर दावा किया गया हो, तो अंतिम निर्णय सरकार लेगी।
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वक्फ बोर्ड में गैर–मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति:
- अब गैर–मुस्लिम व्यक्तियों को वक्फ बोर्ड और ट्रिब्यूनल में नियुक्त करने का प्रावधान है।
- मुस्लिम संगठनों और नेताओं ने इस बदलाव का विरोध किया है।
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न्यायिक हस्तक्षेप की अनुमति:
- पहले वक्फ ट्रिब्यूनल के निर्णय अंतिम होते थे और उन्हें उच्च न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती थी।
- नया विधेयक वक्फ विवादों में न्यायिक हस्तक्षेप की अनुमति देता है, जिससे कानूनी पुनरावलोकन संभव होगा।
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वक्फ संपत्तियों का केंद्रीकृत पंजीकरण:
- विधेयक के अनुसार, सभी वक्फ संपत्तियों को छह महीने के भीतर केंद्रीय पंजीकरण प्रणाली में दर्ज करना अनिवार्य होगा।
- वक्फ बोर्डों को नई संपत्तियों के पंजीकरण के लिए सरकार से अनुमति लेनी होगी।
- सरकार की सर्वेक्षण प्रक्रिया में बढ़ी भूमिका: विधेयक सरकार को वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण में अधिक नियंत्रण देता है, जिससे सरकारी दखल बढ़ सकता है।