Apni Pathshala

प्रधानमंत्री ने गुजरात के सूरत में ‘जल संचय जन भागीदारी’ पहल की शुरू की

हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के सूरत में ‘जल संचय जन भागीदारी’ पहल की शुरू की। यह पहल जल संरक्षण पर केंद्रित है, जो सामुदायिक भागीदारी और स्वामित्व पर विशेष जोर देती है। इसे समग्र समाज और सरकार के दृष्टिकोण से प्रेरित किया गया है।

  • इस कार्यक्रम के तहत पूरे गुजरात राज्य में लगभग 24,800 वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है, ताकि वर्षा जल को संचित करके लंबे समय तक जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
  • यह पहल वर्तमान में चल रहे जल शक्ति अभियान: ‘कैच द रेन अभियान’ के अनुरूप है।

जल संरक्षण में सामुदायिक भागीदारी की भूमिका:

  • स्थानीय समुदाय जल स्रोतों, उपभोग के पैटर्न और पर्यावरण की गतिशीलता के बारे में महत्वपूर्ण स्थानीय जानकारी और अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं, जैसे कि नागालैंड की जाबो जल संरक्षण विधि।
  • वे पारंपरिक जल स्रोतों के जीर्णोद्धार में भी योगदान देते हैं। उदाहरण के लिए, तमिलनाडु में सामुदायिक सहयोग से प्राचीन तालाब और टैंकों की देखरेख और पुनर्निर्माण की परंपरा “कुडिमारमतु” को पुनर्जीवित किया गया है।
  • सामुदायिक भागीदारी से तलछट हटाने और जल स्रोतों का पुनरुद्धार किया जा सकता है, जैसे आंध्र प्रदेश के “नीरू-चुट्ट” कार्यक्रम के माध्यम से।
  • यह सुनिश्चित होता है कि जल प्रबंधन की रणनीतियाँ समावेशी हों और समाज के विभिन्न सामाजिक-आर्थिक वर्गों की आवश्यकताओं को पूरा करती हों। लद्दाख में “ज़िंग” नामक छोटे टैंक, जो पिघलते ग्लेशियर के पानी को संचित करते हैं, इसका एक उदाहरण हैं।
  • स्थानीय समुदाय जल दक्षता को बढ़ावा देते हैं, जैसे कि बिहार में जल जीवन हरियाली पद्धति के माध्यम से।

प्रधानमंत्री ने देश में जल संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए ‘रिड्यूस, रीयूज, रिचार्ज और रीसाइकिल’ के सिद्धांत को अपनाने पर जोर दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि जल संरक्षण केवल नीतियों का मामला नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक प्रयास और गुण भी है। इसके साथ ही, यह नीतियों से अधिक सामाजिक प्रतिबद्धता का विषय है।

सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से अन्य जल संरक्षण पहलें:

  • अटल भूजल योजना: यह योजना समुदायों द्वारा संचालित टिकाऊ भूजल प्रबंधन का उदाहरण है।
  • जल जीवन मिशन: इस मिशन के तहत पानी समितियों में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाती है, जो ग्रामीण घरों में जल संग्रहण और उपयोग की प्रमुख जिम्मेदारी निभाती हैं।
  • एक पेड़ मां के नाम: यह पहल समुदायों को वनीकरण के जरिए भूजल पुनर्भरण के लिए प्रेरित करती है।
  • नमामि गंगे पहल: यह पहल नागरिकों में भावनात्मक संकल्प बन गई है, जिससे लोगों ने नदियों की स्वच्छता के लिए पुरानी प्रथाओं को छोड़ दिया है।

Explore our courses: https://apnipathshala.com/courses/

Explore Our test Series: https://tests.apnipathshala.com/

Share Now ➤

क्या आपको Apni Pathshala के Courses, RNA PDF, Current Affairs, Test Series और Books से सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए? तो हमारी विशेषज्ञ काउंसलर टीम आपकी सिर्फ समस्याओं के समाधान में ही मदद नहीं करेगीं, बल्कि आपको व्यक्तिगत अध्ययन योजना बनाने, समय का प्रबंधन करने और परीक्षा के तनाव को कम करने में भी मार्गदर्शन देगी।

Apni Pathshala के साथ अपनी तैयारी को मजबूत बनाएं और अपने सपनों को साकार करें। आज ही हमारी विशेषज्ञ टीम से संपर्क करें और अपनी सफलता की यात्रा शुरू करें

📞 +91 7878158882

Related Posts

Scroll to Top