What is INTERPOL Silver Notice
सामान्य अध्ययन पेपर II: भारत से जुड़े और/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समूह और समझौते, महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएँ |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में इंटरपोल ने पहली बार भारत के अनुरोध पर दो सिल्वर नोटिस जारी किए है। यह कदम वीज़ा और धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में वैश्विक संपत्तियों की जाँच के लिए उठाया गया है।
- 23 मई 2025 को भारत ने पहली बार इंटरपोल से सिल्वर नोटिस जारी करवाया। यह नोटिस एक पूर्व दूतावासी अधिकारी की संदिग्ध वैश्विक संपत्तियों की जांच के लिए जारी किया गया।
- 26 मई 2025 को प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध पर भारत ने दूसरा सिल्वर नोटिस जारी करवाया। यह नोटिस एक बड़े अंतरराष्ट्रीय ठगी मामले में आर्थिक लेन-देन की जांच के तहत जारी हुआ।
(What is INTERPOL Silver Notice) इंटरपोल का सिल्वर नोटिस क्या है?
- परिचय:
- सिल्वर नोटिस इंटरपोल द्वारा विकसित एक नई सूचना प्रणाली है, जिसके ज़रिए सदस्य देशों को यह सुविधा मिलती है कि वे किसी संदिग्ध अपराधी की अवैध संपत्तियों की जानकारी अन्य देशों से साझा कर सकें या उनसे जानकारी प्राप्त कर सकें।
- यह संपत्तियाँ ज़मीन, मकान, गाड़ियाँ, बैंक खातों, गहनों, विदेशी निवेश या व्यापारिक हिस्सेदारी के रूप में हो सकती हैं।
- इस नोटिस के माध्यम से अपराधियों की वैश्विक आर्थिक गतिविधियों पर नजर रखी जाती है।
- यह नोटिस ऐसे मामलों में भी जारी किया जाता है, जहाँ अपराधी के खिलाफ चार वर्ष या उससे अधिक सज़ा वाले अपराध की जांच चल रही हो।
- किसी भी सिल्वर नोटिस को प्रकाशित करने से पहले उसकी जांच इंटरपोल के महासचिवालय द्वारा की जाती हैं।
- इसके लिए एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त की जाती है।
- सिल्वर नोटिस इंटरपोल द्वारा विकसित एक नई सूचना प्रणाली है, जिसके ज़रिए सदस्य देशों को यह सुविधा मिलती है कि वे किसी संदिग्ध अपराधी की अवैध संपत्तियों की जानकारी अन्य देशों से साझा कर सकें या उनसे जानकारी प्राप्त कर सकें।
- पृष्ठभूमि:
- सिल्वर नोटिस की अवधारणा वर्ष 2015 में इंटरपोल की महासभा में रखी गई थी, जब सदस्य देशों ने यह माना कि अपराध से लड़ने का सबसे प्रभावी तरीका है – उस अपराध से कमाई गई संपत्ति को चिन्हित करना, जब्त करना और वापस पाना।
- इसके बाद दस वर्षों की योजना और तैयारी के बाद, जनवरी 2025 में इसे पायलट चरण में शुरू किया गया।
- इस पायलट चरण में 52 देश भाग ले रहे हैं, जिनमें भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, इटली, चीन और संयुक्त अरब अमीरात जैसे प्रमुख देश शामिल हैं।
- नवंबर 2025 तक चलने वाले इस चरण में प्रत्येक देश को अधिकतम 9 सिल्वर नोटिस जारी करने की अनुमति है।
- परिचय:
- उद्देश्य:
- किसी देश से किसी व्यक्ति की संपत्ति की जानकारी प्राप्त करना
- अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों की पहचान करना
- संपत्तियों की गोपनीय निगरानी करना
- संपत्तियों पर भविष्य की जब्ती कार्रवाई के लिए आधार तैयार करना
- अदालतों द्वारा ज़ब्ती के आदेश और कानूनी कार्रवाई को तेज़ करना
इंटरपोल (Interpol) का परिचय
- इंटरपोल (Interpol) एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो दुनिया भर की पुलिस एजेंसियों को आपस में सहयोग करने में सहायता करता है।
- इसका मुख्य उद्देश्य सीमाओं के पार होने वाले अपराधों से लड़ने के लिए सदस्य देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करना है।
- यह संस्था पुलिस बलों के बीच संपर्क और सूचनाओं के आदान-प्रदान को तेज और सुरक्षित बनाती है।
- इंटरपोल की स्थापना 7 सितंबर 1923 को वियना (ऑस्ट्रिया) में पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय पुलिस सम्मेलन के समापन पर की गई थी।
- शुरुआत में इसका नाम इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस कमिशन (ICPC) था।
- वर्ष 1946 से इसके टेलीग्राफिक पते ‘INTERPOL’ का उपयोग शुरू हुआ, और 1956 में इस नाम को आधिकारिक पहचान दी गई।
- इंटरपोल का मुख्यालय फ्रांस के लियोन (Lyon) शहर में स्थित है।
- संगठन के सात क्षेत्रीय कार्यालय और सभी 196 सदस्य देशों में ‘नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (NCB)’ भी कार्यरत हैं।
- NCB प्रत्येक सदस्य देश की पुलिस एजेंसी और इंटरपोल के बीच संपर्क सूत्र के रूप में काम करता है।
- प्रतीक:
- इंटरपोल का वर्तमान प्रतीक चिन्ह 1950 में अपनाया गया था।
- इसमें विश्वगोल दर्शाता है कि इसका कार्यक्षेत्र वैश्विक है, जैतून की शाखाएँ शांति का प्रतीक हैं, तलवार पुलिस की कार्रवाई को दर्शाती है और तराजू न्याय का संकेत देती है।
- इसमें ‘OIPC’ और ‘ICPO’ जैसे संक्षिप्त रूप भी शामिल हैं, जो इसके फ्रेंच और अंग्रेज़ी नामों के प्रतिनिधि हैं।
- जिम्मेदारियाँ:
- इंटरपोल विश्व स्तर पर अपराध नियंत्रण के लिए कई महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करता है।
- यह तीन मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है— आतंकवाद, साइबर अपराध और संगठित अपराध।
- इंटरपोल बाल तस्करी, नशीली दवाओं की तस्करी, मानवाधिकार उल्लंघन, राजनीतिक भ्रष्टाचार, सफेदपोश अपराध (white-collar crime) और बौद्धिक संपदा की चोरी जैसे गंभीर अपराधों पर भी काम करता है।
- तकनीक:
- इंटरपोल का ‘I-24/7’ नेटवर्क एक एन्क्रिप्टेड इंटरनेट प्रणाली है जो हर समय सदस्य देशों को एक-दूसरे से जोड़ती है।
- इसके माध्यम से पुलिस एजेंसियां अपराधियों की जानकारी, पहचान, पासपोर्ट विवरण, फिंगरप्रिंट और डीएनए रिकॉर्ड जैसी सूचनाओं तक त्वरित पहुंच प्राप्त करती हैं।
- नेतृत्व:
- इंटरपोल का प्रशासन इसकी जनरल असेंबली द्वारा नियंत्रित होता है, जिसमें सभी सदस्य देश शामिल होते हैं।
- यह असेंबली कार्यकारी समिति और अध्यक्ष का चुनाव करती है।
- वर्तमान में इसके अध्यक्ष संयुक्त अरब अमीरात के अहमद नासेर अल-रईसी हैं।
- इंटरपोल की दैनिक गतिविधियाँ इसके जनरल सेक्रेटरिएट द्वारा संचालित होती हैं, जो 100 से अधिक देशों से आए लगभग 1000 कर्मचारियों का समूह है।
- बजट:
- इंटरपोल का वार्षिक बजट लगभग 142 मिलियन यूरो (लगभग 155 मिलियन अमेरिकी डॉलर) है। इसका अधिकांश हिस्सा सदस्य देशों के योगदान से आता है।
इंटरपोल नोटिस और इसके प्रकार
- परिचय:
- इंटरपोल नोटिस ऐसे आधिकारिक संदेश होते हैं जो सदस्य देशों के बीच अपराध से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने के लिए जारी किए जाते हैं।
- ये नोटिस इंटरपोल के माध्यम से विश्व स्तर पर पुलिस एजेंसियों के बीच सहयोग को सुदृढ़ करते हैं।
- इंटरपोल नोटिस का प्रकाशन इंटरपोल के मुख्यालय द्वारा किया जाता है, जिसे “जनरल सेक्रेटरिएट” कहा जाता है।
- कोई भी सदस्य देश अपने नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (NCB) के माध्यम से इस प्रक्रिया को आरंभ करता है।
- जब कोई देश किसी संदिग्ध व्यक्ति या घटना से जुड़ी जानकारी साझा करना चाहता है, तो वह इंटरपोल से एक निश्चित प्रकार का नोटिस जारी करने का अनुरोध करता है।
- कुछ अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं जैसे अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) और संयुक्त राष्ट्र के विशेष न्यायाधिकरण भी इंटरपोल से नोटिस जारी करने की मांग कर सकते हैं।
- परिचय:
- नोटिस के प्रकार:
- रेड नोटिस (Red Notice): जब कोई अपराधी किसी देश की गिरफ्त से बाहर निकल जाता है, तो उसे पकड़वाने के लिए रेड नोटिस जारी किया जाता है।
- यह नोटिस इंटरपोल के ज़रिए दुनिया भर की पुलिस एजेंसियों को सूचित करता है कि उस व्यक्ति की तुरंत पहचान और गिरफ्तारी की जाए।
- येलो नोटिस (Yellow Notice): यदि कोई व्यक्ति, विशेषकर बच्चा, लापता हो जाता है या अपनी पहचान बताने में असमर्थ होता है, तो येलो नोटिस उसकी खोज में सहायक बनता है।
- ब्लू नोटिस (Blue Notice): कभी-कभी किसी व्यक्ति की गतिविधियों या ठिकाने के बारे में जानकारी अधूरी होती है। ऐसी स्थिति में ब्लू नोटिस का उपयोग करके उसकी पहचान, गतिविधि और स्थान से जुड़ी जानकारी जुटाई जाती है।
- ब्लैक नोटिस (Black Notice): ब्लैक नोटिस का उपयोग तब होता है जब किसी अज्ञात शव की पहचान करनी होती है।
- ग्रीन नोटिस (Green Notice): ग्रीन नोटिस उन लोगों की चेतावनी देता है जो समाज के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
- ऑरेंज नोटिस (Orange Notice): ऑरेंज नोटिस किसी संभावित आपदा या खतरे से पहले की चेतावनी देता है।
- पर्पल नोटिस (Purple Notice): पर्पल नोटिस अपराधियों द्वारा उपयोग किए गए तरीके, उपकरण या छिपाने की रणनीति पर जानकारी साझा करता है।
- सिल्वर नोटिस (Silver Notice): सिल्वर नोटिस आपराधिक संपत्तियों की पहचान और निगरानी के लिए एक नया प्रयास है।
- विशेष यूएन नोटिस (UN Special Notice): जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद किसी व्यक्ति या संस्था पर प्रतिबंध लगाती है, तो इंटरपोल यूएन स्पेशल नोटिस के माध्यम से सभी देशों को इसकी जानकारी देता है, ताकि वैश्विक स्तर पर आर्थिक व यात्रा संबंधी प्रतिबंधों को लागू किया जा सके।
- रेड नोटिस (Red Notice): जब कोई अपराधी किसी देश की गिरफ्त से बाहर निकल जाता है, तो उसे पकड़वाने के लिए रेड नोटिस जारी किया जाता है।
इंटरपोल नोटिस केवल सूचना पत्र नहीं हैं, बल्कि ये अपराध से लड़ने की वैश्विक रणनीति के अभिन्न उपकरण हैं। इनकी मदद से न केवल अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी संभव होती है, बल्कि जनता को भी सजग किया जा सकता है।