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WHO महामारी समझौता (WHO pandemic agreement) | Apni Pathshala

WHO pandemic agreement

WHO pandemic agreement

संदर्भ:

जिनेवा में आयोजित 78वीं विश्व स्वास्थ्य महासभा (World Health Assembly) के दौरान, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक नया महामारी समझौता (Pandemic Agreement) अपनाया। इस समझौते का उद्देश्य भविष्य में आने वाली महामारियों के प्रति वैश्विक प्रतिक्रिया को अधिक न्यायसंगत और प्रभावशाली बनाना है।

(WHO pandemic agreement) WHO महामारी समझौता: वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा की नई दिशा
  • स्वीकृति: यह समझौता 78वीं विश्व स्वास्थ्य सभा (जिनेवा) में सर्वसम्मति से पारित हुआ। इसे COVID-19 महामारी के बाद 3 वर्षों की बातचीत के बाद अंतिम रूप दिया गया।
  • कानूनी आधार: इसे WHO संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत अपनाया गया है। यह WHO का केवल दूसरा कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता है — पहला था 2003 का तंबाकू नियंत्रण ढांचा समझौता (FCTC)।
  • मुख्य उद्देश्य: भविष्य की महामारियों के दौरान टीकों, दवाओं और जांच साधनों तक न्यायसंगत व समय पर पहुंच सुनिश्चित करना।
  • स्टेकहोल्डर सहयोग: यह समझौता देशों, WHO, दवा कंपनियों, नागरिक समाज और अन्य हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है।
  • प्रभावी होने की शर्त: यह समझौता कम से कम 60 देशों द्वारा अनुमोदन (ratification) के बाद प्रभाव में आएगा। इसका अंतिम अनुबंध परिशिष्ट मई 2026 तक अपेक्षित है।
  • चुनौती: अमेरिका ने अभी तक इस समझौते में भाग नहीं लिया है, जिससे इसकी वैश्विक प्रभावशीलता पर सवाल उठे हैं।

WHO महामारी समझौते की प्रमुख प्रावधान:

  • PABS प्रणाली की स्थापना: एक पैथोजन एक्सेस एंड बेनिफिट शेयरिंग” (PABS) प्रणाली बनाई जाएगी, जिसका विवरण अगले वर्ष की विश्व स्वास्थ्य सभा में प्रस्तुत किया जाएगा। इसका उद्देश्य महामारी से संबंधित सूक्ष्मजीवों तक पहुंच और उनसे होने वाले लाभों का न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित करना है।
  • वित्तीय और आपूर्ति ढांचे की स्थापना: एक कोऑर्डिनेटिंग फाइनेंशियल मैकेनिज़्म स्थापित किया जाएगा ताकि महामारी से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संसाधन जुटाए जा सकें।

एक ग्लोबल सप्लाई चेन एंड लॉजिस्टिक्स नेटवर्क (GSCL)” भी बनाया जाएगा जिससे जीवनरक्षक उत्पादों की समान और समय पर आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।

  • दवा कंपनियों की भागीदारी: जो फार्मास्यूटिकल कंपनियाँ PABS प्रणाली में शामिल होंगी, उन्हें अपनी वास्तविक समय में उत्पादित वैक्सीन, चिकित्सकीय उत्पाद और डायग्नोस्टिक उपकरणों का 20% WHO को देना होगा।
  • इसका उद्देश्य विकासशील देशों को प्राथमिकता देते हुए न्यायपूर्ण वितरण सुनिश्चित करना है।

महामारी संधि (Pandemic Treaty) का महत्त्व

  1. वैश्विक एकजुटता को बढ़ावा: यह बहुपक्षीय स्वास्थ्य प्रणाली में विश्वास को मजबूत करता है, जिससे महामारी के समय समन्वित कार्यवाही संभव हो पाती है।
  2. महामारी के प्रति तत्परता में वृद्धि: यह एक बाध्यकारी वैश्विक ढांचा तैयार करता है, जो समय से पहले पहचान, समान वितरण और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करता है।
  3. विकासशील देशों की सुरक्षा: यह नवाचार (innovation) और उपचार (treatment) तक समान पहुंच सुनिश्चित करता है, जिससे उत्तर-दक्षिण (North–South) के बीच की खाई को पाटा जा सकता है।
  4. संप्रभुता की रक्षा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) किसी देश के कानूनों को नहीं बदल सकता; इससे राज्य की संप्रभुता बनी रहती है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी सुनिश्चित होता है।
  5. आर्थिक सुरक्षा: यह तैयारियों को संस्थागत रूप देकर वैश्विक स्वास्थ्य और आर्थिक व्यवधानों को कम करने में मदद करता है।

निष्कर्ष:
महामारी संधि वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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