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हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2024 जारी की गई।
विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2024 की मुख्य बातें:
- वैश्विक स्तर पर मलेरिया की स्थिति:
- मलेरिया के मामले 2023 में बढ़कर 263 मिलियन हो गए, जबकि 2022 में यह संख्या 58.6 मामलों प्रति 1000 जनसंख्या थी, जो अब बढ़कर 60.4 प्रति 1000 हो गई है।
- अफ्रीकी क्षेत्र में मलेरिया के 94% वैश्विक मामले पाए गए, जो इस बीमारी के प्रसार का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।
- भारत में मलेरिया से जुड़ी प्रगति:
- मलेरिया के मामलों में 69% की कमी: 2017 में 6.4 मिलियन से घटकर 2023 में 2 मिलियन।
- मलेरिया से मौतों में 68% की गिरावट: 2017 में 11,100 मौतों से घटकर 2023 में 3,500 मौतें।
- भारत 2024 में आधिकारिक तौर पर “उच्च बोझ से उच्च प्रभाव (HBHI)” समूह से बाहर हो जाएगा।
मलेरिया: रोग का परिचय
- कारण: यह बीमारी प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होती है, जो संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है।
- प्रभावित क्षेत्र: मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय देशों में इसका प्रकोप देखा जाता है।
- प्रमुख लक्षण: बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, थकान, और मांसपेशियों में दर्द।
मलेरिया का जैविक प्रभाव और प्रजातियाँ:
- मलेरिया के पाँच प्रमुख प्लास्मोडियम परजीवी हैं:
- पी. फाल्सीपेरम
- पी. विवैक्स
- पी. मलेरिया
- पी. ओवले
- पी. नोलेसी
- इनमें से पी. फाल्सीपेरम और पी. विवैक्स सबसे खतरनाक हैं।
मलेरिया के टीके और पहल:
- मलेरिया के प्रभावी टीके:
- आरटीएस, एस/एएस01 वैक्सीन: 2021 में डब्ल्यूएचओ द्वारा मंजूरी।
- आर21/मैट्रिक्स-एम: 2023 में डब्ल्यूएचओ द्वारा स्वीकृत।
- WHO की वैश्विक तकनीकी रणनीति (2016-2030): मलेरिया से प्रभावित सभी देशों को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करती है।
- भारत की राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (2023-27): भारत को मलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में प्रयास।
मलेरिया के बढ़ते जोखिम के कारक:
- जैविक भेद्यता: लिंग, आयु, प्रतिरक्षा, और आनुवंशिक कारकों का प्रभाव।
- पर्यावरणीय चुनौतियाँ: जलवायु परिवर्तन और भूमि उपयोग में बदलाव मलेरिया को बढ़ावा देते हैं।
- सामाजिक और आर्थिक असमानताएँ: गरीबी, लैंगिक असमानता, जातीय भेदभाव और प्रवासन से जोखिम बढ़ता है।
- संरचनात्मक बाधाएँ: संघर्ष, प्रवासन, और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी मलेरिया उन्मूलन में बाधक हैं।
भारत का मलेरिया मुक्त लक्ष्य:
- भारत की प्रगति और राष्ट्रीय योजनाएँ दिखाती हैं कि मलेरिया उन्मूलन संभव है। नई टीकों और बेहतर रणनीतियों के साथ, भारत मलेरिया से मुक्त भविष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
मलेरिया से बचाव के उपाय:
- मच्छरों के काटने से बचाव: मच्छरदानी और मच्छर भगाने वाले उपायों का उपयोग।
- जलभराव रोकें: मच्छरों की प्रजनन स्थलों को समाप्त करें।
- सावधानी और जागरूकता: समय पर परीक्षण और उपचार करवाएं।
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