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विश्व पर्यटन दिवस 2024

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संस्कृति, खान-पान, आम जन और विरासत लंबे समय से समाजों और अर्थव्यवस्थाओं को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं। इसी संदर्भ में, पर्यटन किसी भी देश के विकास का एक प्रमुख संवाहक बन गया है। यह वैश्विक समझ को बढ़ावा देने, रोजगार सृजित करने और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण है। भारत ने 2047 तक 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की पर्यटन अर्थव्यवस्था का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, जिससे वह पर्यटन के क्षेत्र में एक वैश्विक गंतव्य बन सके। विश्व पर्यटन दिवस 2024 का आयोजन जॉर्जिया के त्बिलिसी में किया गया।

विश्व पर्यटन दिवस 2024

विश्व पर्यटन दिवस 2024 का मूल विषय ‘पर्यटन और शांति’ है, जो पर्यटन और शांति निर्माण के बीच महत्वपूर्ण संबंध को उजागर करता है। यह यात्रा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यटन संबंधी टिकाऊ कार्य प्रणालियों के माध्यम से विवादों का समाधान और वैश्विक शांति को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर देता है।

इतिहास एवं महत्व:

  • प्रत्येक वर्ष 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है, जो 1970 में संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के कानूनों को अपनाने की स्मृति में होता है।
  • इस दिवस का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग, सतत विकास और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में पर्यटन की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
  • हर वर्ष इसका एक विशिष्ट मूल विषय होता है, जो क्षेत्र में मौजूदा रुझानों और चुनौतियों की ओर ध्यान दिलाता है।
  • वर्ष 2024 में, जॉर्जिया विश्व पर्यटन दिवस की मेजबानी की, जिसमे अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, विविध परिदृश्यों और पर्यटन संबंधी स्थायी कार्य प्रणालियों के प्रति समर्पण को प्रदर्शित किया।

महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत:

  1. पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी कार्यक्रम:
  • यह कार्यक्रम पूरे भारत के छह पर्यटन स्थलों – ओरछा (मध्य प्रदेश), गंडिकोटा (आंध्र प्रदेश), बोधगया (बिहार), आइजोल (मिजोरम), जोधपुर (राजस्थान), और श्री विजया पुरम (अंडमान-निकोबार द्वीप समूह) में शुरू किया गया है।
  • इसका उद्देश्य पर्यटन स्थलों में पर्यटकों के समग्र अनुभव को बेहतर बनाना है।
  • इस प्रक्रिया में, कैब ड्राइवर, होटल स्टाफ आदि जैसे ‘पर्यटक-अनुकूल’ व्यक्तियों को मिलवाना शामिल है, जिन्हें अपने गंतव्य के लिए गौरवान्वित एम्बेसडर और कहानीकार बनने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
  • विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं को अभिनव पर्यटन उत्पादों और अनुभवों को विकसित करने के लिए प्रशिक्षित करने पर जोर दिया गया है, जिसमें हेरिटेज वॉक, फूड और क्राफ्ट टूर, नेचर ट्रेक, होमस्टे शामिल हैं।
  1. सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता:
  • सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता 2023 की शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य उन गांवों की पहचान करना और उन्हें मान्यता देना है, जो समुदाय-आधारित मूल्यों और स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता के माध्यम से सांस्कृतिक और प्राकृतिक संपत्तियों को संरक्षित और बढ़ावा देते हैं।
  • वर्ष 2024 में , 30 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कुल 991 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 36 गांवों को प्रतियोगिता की 8 श्रेणियों में विजेता के रूप में मान्यता दी गई।
  1. अतुल्य भारत कंटेंट हब और डिजिटल पोर्टल: अतुल्य भारत डिजिटल पोर्टल का नया रूप लॉन्च किया गया, जो भारत की पर्यटन संबंधी जानकारी को एकत्रित करने और प्रस्तुत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।
  2. पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने के लिए पुस्तिका: राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने की दिशा में एक पुस्तिका का विमोचन किया गया है।

अतुल्य भारत अभियान का इतिहास:

भारत की समृद्ध संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित करने के लिए 2002 में अतुल्य भारत अभियान की शुरुआत की गई थी। इसके अंतर्गत विभिन्न पहलों को लागू किया गया है:

  • 2005: “अतिथि देवो भव” की शुरुआत की गई, जिसमें विदेशी अतिथियों के लिए स्वच्छता, मित्रता और सुरक्षा पर जोर दिया गया।
  • 2017: अतुल्य भारत 2.0 को डिजिटल प्रचार और विशेष पर्यटन क्षेत्रों को लक्षित करने वाली नई मार्केटिंग रणनीति के साथ पेश किया गया।
  • 2022: इसने भारतीय पर्यटन को बढ़ावा देने के दो दशकों का जश्न मनाया, जिसमें India@75 और आजादी का अमृत महोत्सव के लिए विभिन्न समारोहों को शामिल किया गया।
  • 2024: सर्वोत्तम पर्यटन उत्पादों की पहचान की गई, जिससे भारत को वर्ष-पर्यंत पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा दिया जा सके।

डिजिटल पहल : 1 जनवरी 2020 से, अतुल्य भारत पर्यटक सुविधा प्रदाता प्रमाणन कार्यक्रम ऑनलाइन उपलब्ध है, जिसका उद्देश्य पर्यटकों की सहायता के लिए एक ऑनलाइन शिक्षण मंच और प्रशिक्षित पेशेवर पर्यटन सुविधा प्रदाताओं का समूह बनाना है।

भारतीय पर्यटन: वैश्विक छाप

भारतीय पर्यटन ने वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण पहचान बनाई है, जो न केवल सांस्कृतिक धरोहरों और प्राकृतिक सौंदर्य से भरा है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान कर रहा है। यहां कुछ प्रमुख घटनाक्रम और उपलब्धियों का उल्लेख किया गया है:

  1. 46वीं यूनेस्को विश्व धरोहर बैठक
  • तारीख: 21 से 31 जुलाई, 2024
  • भारत ने पहली बार विश्व धरोहर समिति की 46वीं बैठक की मेजबानी की। यह आयोजन भारत के विश्व धरोहर सम्मेलन के साथ लंबे समय के जुड़ाव का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिसकी शुरुआत 1977 में हुई थी।
  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने “विकास भी, विरासत भी” के अपने विजन के अनुसार, यूनेस्को विश्व धरोहर केंद्र को 1 मिलियन डॉलर का अनुदान देने की घोषणा की। यह योगदान वैश्विक दक्षिण देशों को तकनीकी सहायता और संरक्षण प्रयासों में मदद करेगा।
  1. 43वां विश्व धरोहर स्थल:
  • मोइदम, असम: असम का मोइदम भारत का 43वां विश्व धरोहर स्थल बन गया है। यह स्थल अहोम राजवंश के शवों को दफनाने के लिए पवित्र है और इसमें छह शताब्दियों का सांस्कृतिक और स्थापत्य विकास दर्शाया गया है।
  • पिछले पांच वर्षों में भारत ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में पांच संपत्तियों को नामित किया है, जिनमें शामिल हैं:
    • धोलावीरा (हड़प्पा शहर)
    • काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर
    • शांतिनिकेतन, भारत
    • होयसल का पवित्र समूह
    • मोइदम, असम
  1. विदेशी पर्यटकों का आगमन : वर्ष 2022 में भारत में 14.3 मिलियन विदेशी पर्यटकों का आगमन हुआ, जिससे 17.6 बिलियन डॉलर का राजस्व प्राप्त हुआ। यह भारत को दुनिया के सबसे अधिक मांग वाले पर्यटन स्थलों में से एक बनाता है।

भारत में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पहल

भारत का पर्यटन क्षेत्र तेजी से विकासशील है, और इसे बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहल की गई हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण पहलों का संक्षेप में विवरण दिया गया है:

  1. देखो अपना देश पहल:
  • प्रारंभ: 2020
  • उद्देश्य: भारत की समृद्ध विरासत और कम प्रसिद्ध स्थलों को बढ़ावा देकर घरेलू यात्रा को प्रोत्साहित करना।
  • प्रमुख प्रयास:
    • कम प्रसिद्ध स्थलों पर वेबिनार और ऑन-ग्राउंड प्रचार।
    • आजादी का अमृत महोत्सव के तहत 75 अतुल्य स्थलों पर डिजिटल पुस्तिका का प्रकाशन।
    • देखो अपना देश – लोगों की पसंद 2024: यह अभियान 7 मार्च, 2024 को शुरू हुआ और 15 अक्टूबर, 2024 को समाप्त होगा। इसमें जनता से भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्यटक आकर्षणों पर राय मांगी गई है, जिसके आधार पर मंत्रालय स्थलों का विकास करेगा।
  1. जीवंत ग्राम कार्यक्रम:
  • प्रारंभ: 15 फरवरी, 2023
  • वित्तीय परिव्यय: 4800 करोड़ रु. (वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26)
  • कवर क्षेत्र: हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और लद्दाख के सीमावर्ती राज्यों के 2,963 चयनित गांव।
  • उद्देश्य:
    • लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए गांवों का व्यापक विकास।
    • पर्यटन से संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर के संवर्द्धन के माध्यम से पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देना।
  1. सेवा प्रदाताओं के लिए क्षमता निर्माण (सीबीएसपी) योजना:
  • प्रारंभ: 2018
  • उद्देश्य: आतिथ्य और पर्यटन के क्षेत्र में अल्पकालिक कौशल पाठ्यक्रम प्रदान करना।
  • प्रमुख कार्यक्रम:
    • हुनर से रोजगार तक (एचएसआरटी)
    • उद्यमिता कार्यक्रम
    • कौशल परीक्षण और प्रमाणन
    • पर्यटन साहसिक पाठ्यक्रम
    • भाषायी पर्यटक सुविधाकर्ता
    • पर्यटन जागरूकता/संवेदनशीलता कार्यक्रम
    • गंतव्य आधारित कौशल विकास
  1. 24×7 बहुभाषी पर्यटक सूचना-हेल्पलाइन:
  • उद्देश्य: यात्रा से संबंधित जानकारी प्रदान करना और संकट में पर्यटकों को मार्गदर्शन देना।
  • विशेषताएँ:
    • टोल-फ्री नंबर 1800111363 या शॉर्ट कोड 1363
    • 12 भाषाओं में उपलब्ध, जिनमें 10 अंतरराष्ट्रीय भाषाएं शामिल हैं।
  1. ई-टूरिस्ट वीजा (ईटीवी) :
  • प्रारंभ: 2014
  • उद्देश्य: विदेशी पर्यटकों के लिए भारत की यात्रा को सरल और अविस्मरणीय बनाना।
  • विस्तार:
    • प्रारंभ में 43 देशों के लिए, अब 76 देशों के लिए उपलब्ध है।
    • विदेशी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसे 150 देशों तक विस्तारित करने की योजना है।
  1. आरसीएस-उड़ान (क्षेत्रीय संपर्क योजना) :
  • प्रारंभ: 2016
  • उद्देश्य: नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ सहयोग करके क्षेत्रीय उड़ानों को बढ़ावा देना।
  • विवरण: लगभग 519 मार्गों को चालू किया गया है, जिसमें 53 पर्यटन और 48 हेलीकॉप्टर मार्ग शामिल हैं।
  1. स्वदेश दर्शन योजना:
  • प्रारंभ: 2014-15
  • वित्तीय परिव्यय: 5287.90 करोड़ रु. (76 परियोजनाओं के लिए)
  • उद्देश्य: पर्यटन सुविधाओं के विकास को समर्पित राज्य सरकारों के प्रयासों को पूरक बनाना।
  • विवरण:
    • स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी 2.0) के तहत टिकाऊ और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों का विकास किया जा रहा है।
    • जुलाई 2024 तक 32 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 57 स्थलों की पहचान की गई है, जैसे कि गुजरात में ‘धोलावीरा’ और ‘द्वारका’।
  1. तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान (प्रसाद) :
  • प्रारंभ: 2014-2015
  • उद्देश्य: तीर्थ स्थलों का योजनाबद्ध और टिकाऊ विकास।
  • विवरण: दिसंबर 2023 तक 1629.17 करोड़ रुपये की लागत से 46 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
  1. पर्यटन संबंधी इंफ्रास्ट्रक्चर विकास योजनाएँ:
  • उद्देश्य: आगंतुकों को समृद्ध पर्यटन अनुभव प्रदान करने के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास।
  • विवरण: दिसंबर 2023 तक, 780.92 करोड़ रुपये की राशि के लिए 54 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
  1. राष्ट्रीय विरासत शहर विकास और संवर्धन योजना (हृदय) :
  • प्रारंभ: 21 जनवरी, 2015
  • वित्तीय परिव्यय: 500 करोड़ रुपये
  • उद्देश्य: देश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और पुनर्जीवित करना।
  • विवरण: 12 शहरों को इस योजना के तहत धन आवंटित किया गया है।
  1. घरेलू प्रचार एवं प्रसार (डीपीपीएच) योजना:
  • प्रारंभ: 2019
  • उद्देश्य: देश में संभावित पर्यटन स्थलों के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
  • विवरण: मंत्रालय अपने 20 घरेलू पर्यटन कार्यालयों के माध्यम से प्रचार गतिविधियाँ संचालित करता है।
  1. ट्रैवल फॉर लाइफ पहल:
  • प्रारंभ: 27 सितंबर, 2023
  • उद्देश्य: सतत पर्यटन को बढ़ावा देना।
  • विवरण: पर्यटकों और पर्यटन व्यवसायों को सतत पर्यटन संसाधनों के उपयोग के प्रति जागरूक करना।
  1. सतत पर्यटन के लिए राष्ट्रीय रणनीति:
  • प्रारंभ: 4 जून, 2022
  • उद्देश्य: सतत पर्यटन के विकास के लिए रणनीतिक स्तंभों की पहचान करना।

निष्कर्ष:

  • भारत का पर्यटन उद्योग एक उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर है, जो 2047 तक अपनी पर्यटन अर्थव्यवस्था को 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य से प्रेरित है। यह विजन, विकसित भारत के निर्माण के तहत, देश की आर्थिक वृद्धि को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का प्रयास है।
  • हालांकि, इस रास्ते में कुछ चुनौतियाँ हैं, फिर भी यह क्षेत्र लगातार आगे बढ़ रहा है। विभिन्न रणनीतिक पहलों के माध्यम से, जैसे कि इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास, टिकाऊ कार्य प्रणालियों का प्रोत्साहन, और आगंतुक अनुभव को समृद्ध बनाना, भारतीय पर्यटन उद्योग ने अपनी स्थिति को मजबूत किया है।
  • भारत ने बाधाओं को दूर करने और अवसरों का लाभ उठाने की प्रतिबद्धता दिखाई है। इस दृष्टिकोण के साथ, भारत एक अग्रणी वैश्विक पर्यटन स्थल बनने की राह पर अग्रसर है, जो न केवल आंतरिक और अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा, बल्कि वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर अपनी पहचान भी बनाएगा।

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