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युग-युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय

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युग-युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय: भारत के राष्ट्रीय संग्रहालय और फ्रांस म्यूजियम्स डेवलपमेंट (FMD) ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत फ्रांसीसी एजेंसी ब्रिटिश काल के इस ऐतिहासिक स्थल को एक वैश्विक सांस्कृतिक स्थल में परिवर्तित करने के लिए प्रक्रियाएं और सर्वोत्तम प्रथाएं साझा करेगी। इस संग्रहालय को ‘युग-युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय’ के रूप में नामित किया गया है।

युग-युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय के बारे में:

  1. उत्पत्ति: प्रधानमंत्री द्वारा मई 2023 में अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो के दौरान घोषणा की गई।
  2. उद्देश्य और महत्व:
    • भारत की अविच्छिन्न सभ्यता और सांस्कृतिक इतिहास को प्रदर्शित करना।
    • समावेशिता और समुदाय की कहानियों को बढ़ावा देना।
    • भारत की सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिकता को जोड़कर अतीत, वर्तमान और भविष्य को जोड़ने का प्रयास।
  3. मंत्रालय और नाम:
    • संस्कृति मंत्रालय द्वारा संचालित।
    • इसे “युग-युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय” नाम दिया गया है, जो संग्रहालय अनुभव को नए आयाम प्रदान करेगा।
  4. केंद्रीय विस्टा पुनर्विकास परियोजना का हिस्सा:
    • दो चरणों में पूरा किया जाएगा।
    • पहला चरण: 2026 तक नॉर्थ ब्लॉक को संग्रहालय में परिवर्तित करना।
    • नॉर्थ ब्लॉक: वित्त और गृह मंत्रालय के कार्यालय।
    • साउथ ब्लॉक: प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय के कार्यालय।
  5. विशाल आकार:
    • यह लगभग 55 लाख वर्ग मीटर में फैला होगा।
    • इसके बनने के बाद यह पेरिस के लौव्र संग्रहालय को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय बन जाएगा।
  6. स्थापत्य धरोहर का संरक्षण: “एडाप्टिव री-यूज़” के माध्यम से नॉर्थ और साउथ ब्लॉक की स्थापत्य धरोहर संरक्षित की जाएगी।
  7. महत्वपूर्ण दिवस: अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस: 18 मई।

सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना: सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना नई दिल्ली के रायसीना हिल क्षेत्र में स्थित भारत के मुख्य प्रशासनिक क्षेत्र को आधुनिक और उपयोगी बनाने की एक महत्वाकांक्षी योजना है। यह क्षेत्र भारत की राजनीतिक, प्रशासनिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।

  • परियोजना के उद्देश्य:
    • इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य सेंट्रल विस्टा क्षेत्र को भविष्य की जरूरतों के अनुसार विकसित करना है।
    • भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली के प्रतीक स्थलों को संरक्षित रखते हुए, उन्हें आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करना।
    • प्रशासनिक भवनों के बेहतर उपयोग और स्थानों के कुशल प्रबंधन को सुनिश्चित करना।
  • मुख्य उप-परियोजनाएँ: सेंट्रल विस्टा विकास/पुनर्विकास मास्टर प्लान के अंतर्गत निम्नलिखित चार प्रमुख उप-परियोजनाएँ शामिल हैं:
    • नया संसद भवन निर्माण
    • सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का पुनर्विकास
    • प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के कार्यालयों और आवासीय परिसर का निर्माण
  • सामान्य केंद्रीय सचिवालय भवनों का निर्माण:विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को एक ही स्थान पर संगठित किया जाएगा।
    • सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का मुख्य भाग: यह क्षेत्र भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का केंद्र है, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख स्थल शामिल हैं:
    • कर्तव्य पथ और इंडिया गेट लॉन: राष्ट्रीय पर्व और आयोजनों का मुख्य स्थान।
    • राष्ट्रपति भवन: भारत का प्रमुख संवैधानिक स्थल।
    • नॉर्थ और साउथ ब्लॉक: प्रशासनिक कार्यालयों का केंद्र।
    • संसद भवन: भारत की विधायी प्रणाली का केंद्र।
    • इंडिया गेट स्मारक: देशभक्ति और शहीदों की स्मृति का प्रतीक।
  • महत्व और लाभ: यह परियोजना प्रशासनिक दक्षता को बढ़ावा देने के साथ-साथ राष्ट्रीय धरोहरों के संरक्षण में भी मदद करेगी।

 

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