Kartarpur Corridor
संदर्भ:
भारत सरकार ने हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और पाकिस्तान के साथ बढ़ते सीमा तनाव के मद्देनज़र करतारपुर कॉरिडोर को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है।
करतारपुर कॉरिडोर का बंद होना: कारण और पृष्ठभूमि:
- 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के बाईसारन घाटी में हुए आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की मृत्यु हो गई थी। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान-आधारित आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया।
- इसके जवाब में, 7 मई 2025 को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में स्थित नौ आतंकी शिविरों पर मिसाइल हमले किए।
- इन घटनाओं के बाद, भारत ने करतारपुर कॉरिडोर को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है। यह कॉरिडोर 2019 में शुरू हुआ था, जो भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को वीज़ा-मुक्त यात्रा की सुविधा प्रदान करता था।
करतारपुर कॉरिडोर: धार्मिक और सांस्कृतिक सेतु–
- परिचय:
- करतारपुर कॉरिडोर एक धार्मिक गलियारा है जो दो महत्वपूर्ण गुरुद्वारों को जोड़ता है:
- गुरुद्वारा डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर जिला, पंजाब, भारत)
- गुरुद्वारा दरबार साहिब (पाकिस्तान) – गुरु नानक देव जी का अंतिम विश्राम स्थल।
- यह कॉरिडोर भारतीय श्रद्धालुओं को करतारपुर, पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक वीजा–मुक्त यात्रा की सुविधा प्रदान करता है।
- पाकिस्तान सीमा पर यह गुरुद्वारा भारत–पाक सीमा से 4.7 किमी की दूरी पर स्थित है।
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
- इस गलियारे का प्रस्ताव सबसे पहले 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा दिल्ली–लाहौर बस कूटनीति के हिस्से के रूप में रखा गया था।
- 2018 में आधारशिला रखी गई और इसे गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती (2019) के उपलक्ष्य में पूरा किया गया।
- विशेषताएँ:
- वीजा–मुक्त यात्रा: भारत से प्रतिदिन 5000 श्रद्धालुओं को वीजा-मुक्त दर्शन की अनुमति है।
- सभी धर्मों के श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश की अनुमति है।