Palamau Tiger Reserve
संदर्भ:
झारखंड का जैगिर गांव पलामू टाइगर रिजर्व (PTR) के कोर क्षेत्र से पूरी तरह से पुनर्वस्थित होने वाला पहला गांव बन गया है, जिससे वन्यजीवों पर मानवीय दबाव में कमी आई है।
- यह कदम क्षेत्र के पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने और बाघों समेत अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
पलामू टाइगर रिज़र्व – मुख्य तथ्य
स्थान एवं क्षेत्रफल:
- यह झारखंड के चोटानागपुर पठार के पश्चिमी भाग में स्थित है।
- लातेहार और गढ़वा ज़िलों में फैला है।
- कुल क्षेत्रफल: 1,014 वर्ग किमी
- कोर क्षेत्र: 414 वर्ग किमी
- बफर क्षेत्र: 600 वर्ग किमी
प्रमुख विशेषताएँ:
- यह ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के तहत देश में आरंभ किए गए प्रथम 9 टाइगर रिज़र्व में से एक है।
- यह बेतला राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा है।
- वर्ष 1932 में J.W. Nicholson के निरीक्षण में यहाँ पगचिह्न गणना (pugmark census) द्वारा विश्व का पहला टाइगर जनगणना कार्य किया गया था।
भू–आकृति और जलवायु:
- क्षेत्र में ऊबड़–खाबड़ भू–आकृति है जिसमें घाटियाँ, पहाड़ियाँ और समतल मैदान शामिल हैं।
- तीन प्रमुख नदियाँ: उत्तर कोयल, औरंगा और बुरहा
- बुरहा नदी एकमात्र सालभर बहने वाली (perennial) नदी है।
- यह क्षेत्र सूखा प्रवण (drought-prone) माना जाता है।
भूगर्भ और खनिज संपदा:
- यहाँ की भूगर्भीय संरचना ग्नाइस (gneiss) है, जिसमें ग्रेनाइट और चूना पत्थर (limestone) भी शामिल हैं।
- यह क्षेत्र बॉक्साइट और कोयले जैसे खनिजों में समृद्ध है।